लंदन पार्लियामेंट के बाहर हुए हमले के एक दिन बाद ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, ISIS के अनुसार 52 वर्षीय हमलावर खालिद मसूद ISIS का सिपाही था. ब्रिटेन की राजधानी लंदन में संसद भवन के पास हुए हमले में एक हमलावर ने कार से राहगीरों को कुचलते हुए संसद परिसर के बाहर एक पुलिस अधिकारी को चाकू मार दिया था. बाद में हमलावर को भी मार गिराया गया था. दोनों घटनाओं में हमलवार समेत पांच लोगों की मौत हो गई और कम-से-कम 40 लोग घायल हो गए थे.
हालांकि हमलावर खालिद मसूद की जितनी जानकारी मौजूद हो पायी है उसके अनुसार खालिद का ISIS से कोई सीधा संपर्क हो ऐसा नहीं लगता. जानकार ये भी मानते की इस तरह के लोन वुल्फ अटैक में हमलावर सीधे तौर मास्टरमाइंड के संपर्क में होता है, जो कि लंदन अटैक के मामले में देखने को नहीं मिली. और बिना किसी मास्टरमाइंड के इस तरह हमले अभी तक पूरे विश्व में बहुत ही कम देखने को मिले है. मसूद के बारे में जितनी भी जानकारी मिली है उसमे भी इस बात को बल मिलता है मसूद सीधी तरह से ISIS के संपर्क में नहीं आया. हालांकि वह कई मामलों में अभियुक्त रहा है मगर चरमपंथ से जुड़े होने का कोई भी मामला उसपर नहीं है.
हमलावर की जो जानकारी उपलब्ध है उसके अनुसार-
- 52 वर्षीय खालिद मसूद केंट के एटरियान रसेल अजाओ में पैदा हुआ और हाल के दिनों में मिडलैंड्स में रहा करता था.
- वह अलग-अलग समय पर क्रावली, वेस्ट ससेक्स, ईस्ट ससेक्स, लुटन और पूर्वी लंदन में भी रहा था.
- मसूद पहले भी कई तरह के मामलों में अभियुक्त रह चुका है, हालांकि चरमपंथ...
लंदन पार्लियामेंट के बाहर हुए हमले के एक दिन बाद ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, ISIS के अनुसार 52 वर्षीय हमलावर खालिद मसूद ISIS का सिपाही था. ब्रिटेन की राजधानी लंदन में संसद भवन के पास हुए हमले में एक हमलावर ने कार से राहगीरों को कुचलते हुए संसद परिसर के बाहर एक पुलिस अधिकारी को चाकू मार दिया था. बाद में हमलावर को भी मार गिराया गया था. दोनों घटनाओं में हमलवार समेत पांच लोगों की मौत हो गई और कम-से-कम 40 लोग घायल हो गए थे.
हालांकि हमलावर खालिद मसूद की जितनी जानकारी मौजूद हो पायी है उसके अनुसार खालिद का ISIS से कोई सीधा संपर्क हो ऐसा नहीं लगता. जानकार ये भी मानते की इस तरह के लोन वुल्फ अटैक में हमलावर सीधे तौर मास्टरमाइंड के संपर्क में होता है, जो कि लंदन अटैक के मामले में देखने को नहीं मिली. और बिना किसी मास्टरमाइंड के इस तरह हमले अभी तक पूरे विश्व में बहुत ही कम देखने को मिले है. मसूद के बारे में जितनी भी जानकारी मिली है उसमे भी इस बात को बल मिलता है मसूद सीधी तरह से ISIS के संपर्क में नहीं आया. हालांकि वह कई मामलों में अभियुक्त रहा है मगर चरमपंथ से जुड़े होने का कोई भी मामला उसपर नहीं है.
हमलावर की जो जानकारी उपलब्ध है उसके अनुसार-
- 52 वर्षीय खालिद मसूद केंट के एटरियान रसेल अजाओ में पैदा हुआ और हाल के दिनों में मिडलैंड्स में रहा करता था.
- वह अलग-अलग समय पर क्रावली, वेस्ट ससेक्स, ईस्ट ससेक्स, लुटन और पूर्वी लंदन में भी रहा था.
- मसूद पहले भी कई तरह के मामलों में अभियुक्त रह चुका है, हालांकि चरमपंथ से जुड़े किसी मामले में उसके खिलाफ कोई मामला नहीं था.
- उसके खिलाफ पहली बार 19 साल की उम्र में 1983 में आपराधिक क्षति पहुंचाने के लिए दोषी ठहराया गया था और अंतिम बार वो 2003 में चाकू रखने के आरोप में दोषी सिद्ध हुआ था.
- मसूद MI5 के जांच के दायरे में भी था, मगर कुछ समय पहले ही उसको जांच के दायरे से बाहर कर दिया गया था और वर्तमान में वो शक के दायरे में भी नहीं था.
अब ऐसे में सवाल यह है क्यों ISIS इस हमले की जिम्मेदारी लेना चाहता है? वजह साफ है, अगर वर्तमान परिस्थिति में ISIS पर नजर डालें तो, ISIS का कुनबा लगातार सिकुड़ता जा रहा है. संगठन चौतरफा मार झेल रही है, एक तरफ जहां ISIS भारी फण्ड की कमी से जूझ रही है तो वहीं उसके शीर्ष के कई नेता भी मारे जा चुके हैं. ISIS के खिलाफ विश्व के कई देशों ने भी सीधे तौर पर जंग छेड़ रखा है, ऐसे में ISIS के लिए अपनी प्रायोगिकता बनाये रखना भी बड़ी चुनौती बन गयी है. ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए की हो, हालांकि ISIS ने अपने दावों को सही साबित करने के लिए फ्रांस हमले के विडियो का किया है जिसमें अगला हमला यूके पर किये जाने की बात की गयी थी.
ये भी पढ़ें-
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.