लाइट्स... कैमरा... एक्शन और फिल्म की शूटिंग स्टार्ट. ठीक वैसा ही कश्मीर में होता नजर आता है. लेकिन फिल्में थिएटर में रिलीज होती हैं. पर, 'कश्मीर की फिल्म' सोशल मीडिया पर... फिल्म को हिट करने के लिए हर तरह से प्रमोशन किया जाता है वैसे ही 'कश्मीर की फिल्म' को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाता है और वो दिन भर की बहस बन जाती है.
देखा गया है कि कश्मीर में जो भी घटना घटती है वो सोशल मीडिया पर आ जाती है. कैमरा जैसे ही पत्थरबाजों पर घूमता है तो पत्थरबाजी और तेज हो जाती है. युवाओं से लेकर छोटे बच्चे तक पत्थर फेकने लगते हैं. इंडिया टु़डे के स्टिंग में ये खुलासा हुआ था कि कश्मीर के युवा पैसों के लिए पत्थर फेंकने को तैयार हो जाते हैं. लेकिन पीछे की कहानी एक और है वो है कैमरे के लिए एक्टिंग... जी हां, ये कहना भी गलत नहीं होगा कि एक्टिंग करने के लिए पैसा मिले तो क्यों कोई मना करेगा.
पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था जहां कश्मीर के कुछ युवा सीआरपीएफ के जवानों को पीट रहे हैं. यहां कुछ लोग पीट रहे थे तो पीछे इसका वीडियो बन रहा था. जहां युवा जवानों को मार रहे हैं और 'इंडिया गो बैक' के नारे लगा रहे हैं.
ऐसे ही ये फोटो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, जहां स्कूल स्टूडेंट्स जवानों पर पत्थर फेंक रहे हैं. जहां ये बच्चे मुंह छिपाकर जवानों पर वार कर रहे हैं. कैमरे की नजर पड़ते ही ये लोग उग्र हो जाते हैं और तेज तेज पत्थर फेंकना शुरू कर देते हैं. ये फोटो काफी वायरल हुई थी. उसके बाद पत्थरबाजों में कई बच्चे दिखे जिन्होंने स्कूल यूनिफॉर्म पहनी थी, सवाल ये हैं कि स्कूलों को बंद करा दिया है तो ये लोग स्कूल ड्रेस पहनकर बाहर क्या कर रहे हैं?