आजकल पिज्जा, बर्गर और टेकॉस जैसे जंक फूड खाना तो जैसे फैशन बन गया है. खासकर बच्चों में जंक फूड खाने की आदत लत बनती जा रही है. लेकिन अगर आप केरल में रहते हैं तो अब आपको जंक फूड खाने के लिए अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी. केरल सरकार ने शुक्रवार को पेश किए गए अपने पहले बजट में ब्रैंडेड आउटलेट्स द्वारा बेचे जाने वाले जंक फूड पर 14.5 फीसदी का ‘फैट टैक्स’ लगाने का फैसला किया है.
केरल सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में जंक फूड की कीमतें बढ़ना तय है. इससे भले ही राज्य के युवा थोड़े निराश हों लेकिन ज्यादातर लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. आइए जानें आखिर क्यों केरल सरकार ने लगाया ‘फैट टैक्स’?
केरल सरकार ने क्यों लगाया ‘फैट टैक्स’?
केरल सरकार के इस फैसले से ज्यादातर लोग खुश हैं. इसकी वजह है राज्य में बच्चों के बीच बढ़ती जंक फूड की लोकप्रियता और उसके कारण बढ़ता मोटापा. वर्ष 2010 और 2012 में आए दो सर्वेक्षणों के मुताबिक केरल के 12 फीसदी बच्चों का वजन ज्यादा था जबकि 6 फीसदी मोटापे का शिकार थे. इन सर्वेक्षणों के मुताबिक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में मोटापे के आसार ज्यादा थे.
इसी को देखते हुए केरल सरकार ने जंक फूड के प्रति बढ़ते युवाओं के आकर्षण पर लगाम कसने के लिए ही ‘फैट टैक्स’ लगाने का फैसला किया है. हालांकि सरकार के इस फैसले से बच्चों को फूड जंक खाने से पूरी तरह रोकने में सफलता भले ही न मिले लेकिन पैरेंट्स की जेब पर बढ़ने वाले बोझ से निश्चित तौर पर इसमें गिरावट आएगी. जंक फूड पर ‘फैट टैक्स’ लगाने के केरल सरकार के फैसले को राज्य के लोगों के सेहत के प्रति उठाए गए महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
आजकल पिज्जा, बर्गर और टेकॉस जैसे जंक फूड खाना तो जैसे फैशन बन गया है. खासकर बच्चों में जंक फूड खाने की आदत लत बनती जा रही है. लेकिन अगर आप केरल में रहते हैं तो अब आपको जंक फूड खाने के लिए अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी होगी. केरल सरकार ने शुक्रवार को पेश किए गए अपने पहले बजट में ब्रैंडेड आउटलेट्स द्वारा बेचे जाने वाले जंक फूड पर 14.5 फीसदी का ‘फैट टैक्स’ लगाने का फैसला किया है. केरल सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में जंक फूड की कीमतें बढ़ना तय है. इससे भले ही राज्य के युवा थोड़े निराश हों लेकिन ज्यादातर लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. आइए जानें आखिर क्यों केरल सरकार ने लगाया ‘फैट टैक्स’? केरल सरकार ने क्यों लगाया ‘फैट टैक्स’? केरल सरकार के इस फैसले से ज्यादातर लोग खुश हैं. इसकी वजह है राज्य में बच्चों के बीच बढ़ती जंक फूड की लोकप्रियता और उसके कारण बढ़ता मोटापा. वर्ष 2010 और 2012 में आए दो सर्वेक्षणों के मुताबिक केरल के 12 फीसदी बच्चों का वजन ज्यादा था जबकि 6 फीसदी मोटापे का शिकार थे. इन सर्वेक्षणों के मुताबिक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में मोटापे के आसार ज्यादा थे. इसी को देखते हुए केरल सरकार ने जंक फूड के प्रति बढ़ते युवाओं के आकर्षण पर लगाम कसने के लिए ही ‘फैट टैक्स’ लगाने का फैसला किया है. हालांकि सरकार के इस फैसले से बच्चों को फूड जंक खाने से पूरी तरह रोकने में सफलता भले ही न मिले लेकिन पैरेंट्स की जेब पर बढ़ने वाले बोझ से निश्चित तौर पर इसमें गिरावट आएगी. जंक फूड पर ‘फैट टैक्स’ लगाने के केरल सरकार के फैसले को राज्य के लोगों के सेहत के प्रति उठाए गए महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
जंक फूड पर फैट टैक्स लगाने के साथ ही केरल सरकार ने गेहूं के पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स जैसे आटा, मैदा, सूजी, रवा, और पैकेज्ड बासमती चावल पर भी 5 फीसदी का टैक्स लगाने का फैसला किया है. बिहार में लगा था समोसे, कचौरी पर टैक्सः इस साल जनवरी में बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने भी 500 किलो रुपये से ज्यादा की कीमत की मिठाइयों के साथ-साथ नमकीन चीजों समोसे, कचौरी और ब्रैंडेड नमकीन पर 13.5 फीसदी का टैक्स लगाने का फैसला किया था. 'फैट टैक्स' लगाने से क्या होगा केरल को फायदा? फैट टैक्स लगाने के केरल सरकार के फैसले पर बहस जारी है और लोगों का कहना है कि जिनकी सेहत सही है वे इस टैक्स को क्यों वहन करें. फूड टैक्स लगाने से लोगों का स्वास्थ्य कितना सुधरेगा ये तो भविष्य में ही पता चल पाएगा. लेकिन पिछले साल आई ब्रिटिश जनरल की एक रिपोर्ट के मुताबिक डेनमार्क में ऐसा ही टैक्स लगाने पर वहां जंक फूड की खपत में 10 से 15 फीसदी की गिरावट आई थी. डेनमार्क ने कुछ साल पहले उन उत्पादों पर सरचार्ज लगा दिया था जिनमें 2.3 फीसदी से ज्यादा संतृप्त फैट पाए जाते हैं. लेकिन लोगों के भारी दबाव के चलते इसे सिर्फ 15 महीने में ही हटा दिया गया था. यानी अगर डेनमार्क जंक फूड उत्पादों पर सरचार्ज लगाने के अपने फैसले पर कायम रहता तो निश्चित तौर पर वहां के लोगों के बीच इसके प्रयोग पर काफी हद तक लगाम कसी जा सकती थी. केरल सरकार के इस फैसले का राज्य के युवाओं के स्वास्थ्य पर कितना असर पड़ेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन शराब और सिगरेट टैक्स की तरह ही फैट टैक्स से भी बच्चों के जंक फूड से तौबा करने उम्मीद है! इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |