आज किसी अच्छे रेस्त्रां या कैफे में जाने पर हम अपनी जेब देखकर ही कुछ ऑर्डर करते हैं. जमाना ये आ गया है कि सिर्फ चाय या कॉफी पीने पर ही अच्छी खासी जेब ढीली करनी पड़ती है. साथ में कुछ खाने को लिया तो 500 रुपए तो गए समझो.
पर मुंबई के एक कैफे में खाने-पीने के बाद जो बिल मिला उसे देख ग्राहकों के होश उड़ गए. तीन इडली, एक उपमा और एक कॉफी का बिल आज कम से कम 150 रुपए तो होगा ही. पर इन चीजों के लिए मुंबई के 'कैफे मद्रास' ने सिर्फ 1 रुपया ही चार्ज किया. यकीनन ये चौंका देने वाली बात है कि एक कैफे इतना महरबान क्यों हो गया?
इतने कम दाम देखे हैं कभी? |
असल में मुंबई के माटुंगा इलाके में बने इस 'कैफे मद्रास' ने अपने 75 साल पूरे किए. इस अवसर को कैफे ने अनोखे अंदाज में मनाया, और अपने ग्राहकों को सरप्राइज दिया. कैफे में परोसा जाने वाला नाश्ता 1940 के दामों में दिया गया. 1940 वो समय था जब एक फिल्टर कॉफी 15 पैसे में मिलती थी, एक इडली और एक उपमा सिर्फ 20 पैसे का.
आज किसी अच्छे रेस्त्रां या कैफे में जाने पर हम अपनी जेब देखकर ही कुछ ऑर्डर करते हैं. जमाना ये आ गया है कि सिर्फ चाय या कॉफी पीने पर ही अच्छी खासी जेब ढीली करनी पड़ती है. साथ में कुछ खाने को लिया तो 500 रुपए तो गए समझो. पर मुंबई के एक कैफे में खाने-पीने के बाद जो बिल मिला उसे देख ग्राहकों के होश उड़ गए. तीन इडली, एक उपमा और एक कॉफी का बिल आज कम से कम 150 रुपए तो होगा ही. पर इन चीजों के लिए मुंबई के 'कैफे मद्रास' ने सिर्फ 1 रुपया ही चार्ज किया. यकीनन ये चौंका देने वाली बात है कि एक कैफे इतना महरबान क्यों हो गया?
असल में मुंबई के माटुंगा इलाके में बने इस 'कैफे मद्रास' ने अपने 75 साल पूरे किए. इस अवसर को कैफे ने अनोखे अंदाज में मनाया, और अपने ग्राहकों को सरप्राइज दिया. कैफे में परोसा जाने वाला नाश्ता 1940 के दामों में दिया गया. 1940 वो समय था जब एक फिल्टर कॉफी 15 पैसे में मिलती थी, एक इडली और एक उपमा सिर्फ 20 पैसे का.
ये बात और ही कि ये ऑफर कैफे में एक निश्चित समय के लिए ही था. पर 'कैफे मद्रास' ने अपने खास दिन को सेलीब्रेट करने का जो तरीका अपनाया वो अपने आप में अनोखा था. थोड़ी देर के लिए ही सही पर इस सरप्राइज से ग्राहक बेहद खुश थे. इससे कम से कम लोग 75 साल पहले के भारत की एक झलक देख पाये. और खुशी इस बात की कि इतने कम दाम में वो अपने जीवन में कभी भी कॉफी और साउथ इंडियन खाना नहीं खा पाएंगे. क्या बात कैफे मद्रास !! इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |