हमने ऐसे पुरुषों के बारे में देखा और सुना है जो महिलाओं के कपड़े पहनने में जरा भी नहीं हिचकते. कॉमेडियन्स को छोड़ दें तो असल जिंदगी में केवल समलैंगिक ही क्रॉसड्रेसिंग यानी महिलाओं के कपड़े और उनकी तरह व्यवहार करते दिखाई देते हैं. लेकिन आपको ये जानकर बहुत हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें महिलाओं के अंतर्वस्त्र यानी अंडरगार्मेंट्स पहनने में आनंद की अनुभूति होती है.
यकीन न हो तो ये वीडियो देख लें. बंगलुरु के महारानी वुमन कॉलेज के हॉस्टल प्रांगण में एक शख्स महिलाओं के अंतर्वस्त्र पहने और हाथ में चाकू लिए छुपते-छुपाते पहुंच गया, वो वहां घूमता है और तार पर सूख रहे कपड़ों में से अंडर गार्मेंट्स चुराता है. और चौकीदार के आने पर भाग जाता है. कहा जा रहा है कि ये शख्स पहले भी कई बार महिलाओं के अंडर गार्मेंट्स चुरा चुका है.
ये पूरा घटनाक्रम CCTV में कैद हो गया
अब आप कहेंगे कि ये शख्स सनकी ही होगा तभी तो लड़का होकर भी लड़कियों के कपड़े पहन रहा है और चुराकर ले भी जा रहा है, भला ये लड़कियों के कपड़ों का क्या करेगा?
तो जवाब बेहद हैरान करने वाला है. जी हां, विपरीत लिंग के कपड़े, खास तौर पर अंडर गार्मेंट्स पहनना एक तरह का मानसिक विकार है, इसे ट्रान्सवेस्टिक फेटिशिज्म (Transvestic Fetishism) कहा जाता है. इस विकार को मनोवैज्ञानिक रूप से पैराफिलिया के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो असामान्य यौन गतिविधि से संबंधित विकारों का एक समूह है.
इसमें व्यक्ति अपने विपरीत लिंग के व्यक्ति के कपड़े पहनकर यौन सुख की उनुभूति करता है. और ये समझने की गलती न करें कि केवल पुरुष ही महिलाओं के अंतर्वस्त्र पहनते हैं. हैरानी होगी ये जानकर कि महिलाएं भी पुरुषों के अंतर्वस्त्र पहनकर यौन सुख का अनुभव करती हैं.
समाज में ऐसे लोग कितने हैं ये कहना जरा मुश्किल है क्योंकि ये लोग सामने नहीं आते, बल्कि घर में, छिपकर इस तरह की हरकतों को अंजाम देते हैं. पर ये जरूर पता चलता है कि ये...
हमने ऐसे पुरुषों के बारे में देखा और सुना है जो महिलाओं के कपड़े पहनने में जरा भी नहीं हिचकते. कॉमेडियन्स को छोड़ दें तो असल जिंदगी में केवल समलैंगिक ही क्रॉसड्रेसिंग यानी महिलाओं के कपड़े और उनकी तरह व्यवहार करते दिखाई देते हैं. लेकिन आपको ये जानकर बहुत हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें महिलाओं के अंतर्वस्त्र यानी अंडरगार्मेंट्स पहनने में आनंद की अनुभूति होती है.
यकीन न हो तो ये वीडियो देख लें. बंगलुरु के महारानी वुमन कॉलेज के हॉस्टल प्रांगण में एक शख्स महिलाओं के अंतर्वस्त्र पहने और हाथ में चाकू लिए छुपते-छुपाते पहुंच गया, वो वहां घूमता है और तार पर सूख रहे कपड़ों में से अंडर गार्मेंट्स चुराता है. और चौकीदार के आने पर भाग जाता है. कहा जा रहा है कि ये शख्स पहले भी कई बार महिलाओं के अंडर गार्मेंट्स चुरा चुका है.
ये पूरा घटनाक्रम CCTV में कैद हो गया
अब आप कहेंगे कि ये शख्स सनकी ही होगा तभी तो लड़का होकर भी लड़कियों के कपड़े पहन रहा है और चुराकर ले भी जा रहा है, भला ये लड़कियों के कपड़ों का क्या करेगा?
तो जवाब बेहद हैरान करने वाला है. जी हां, विपरीत लिंग के कपड़े, खास तौर पर अंडर गार्मेंट्स पहनना एक तरह का मानसिक विकार है, इसे ट्रान्सवेस्टिक फेटिशिज्म (Transvestic Fetishism) कहा जाता है. इस विकार को मनोवैज्ञानिक रूप से पैराफिलिया के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो असामान्य यौन गतिविधि से संबंधित विकारों का एक समूह है.
इसमें व्यक्ति अपने विपरीत लिंग के व्यक्ति के कपड़े पहनकर यौन सुख की उनुभूति करता है. और ये समझने की गलती न करें कि केवल पुरुष ही महिलाओं के अंतर्वस्त्र पहनते हैं. हैरानी होगी ये जानकर कि महिलाएं भी पुरुषों के अंतर्वस्त्र पहनकर यौन सुख का अनुभव करती हैं.
समाज में ऐसे लोग कितने हैं ये कहना जरा मुश्किल है क्योंकि ये लोग सामने नहीं आते, बल्कि घर में, छिपकर इस तरह की हरकतों को अंजाम देते हैं. पर ये जरूर पता चलता है कि ये व्यवहार किशोरावस्था से ही शुरू हो जाता है और उम्र भर व्यवहार में बना रहता है.
पुरुष जिनमें इस तरह का व्यवहार पाया जाता है वो महिलाओं के अंडर गार्मेंट्स, मोजे, जूते या फिर गहने तक पहनकर यौन रूप से उत्तेजित हो जाते हैं. ये लोग समलैंगिक नहीं विषमलैंगिक होते हैं, यानी समाज की नजर में सामान्य लोग. ये शादीशुदा हो सकते हैं, इनके बच्चे भी होते हैं, कुल मिलाकर सामान्य ही दिखाई देते हैं और बहुत सामान्य जिंदगी जीते हैं, इसीलिए अगर ऐसा कोई भी इंसान आपके आसपास भी हो, तो भी आप उसे पहचान नहीं सकते.
ये दुनिया ऐसी ही है, यहां कुछ भी संभव है.
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