एक बात तो है, सिर उठाकर चलने वाले लोगों को मोबाइल ने सर झुकाकर चलना सिखा दिया. ये मोबाइल हाथ में हो तो वैसे भी लोग दीन-दुनिया से बेखबर हो जाते हैं, और जो रही सही कसर थी वो पोकेमॉन ने पूरी कर दी है.
अमूमन गेमिंग पसंद करने वाले लोग खाली समय में अपने मोबाइल या प्ले स्टेशन पर गेम खेलते हैं. समय काटना हो तो गेम्स अच्छा ऑप्शन भी हैं. लेकिन ये पोकेमॉन गो तो सारे गेम्स का बाप है. वर्चुअल वर्ल्ड और रियल वर्ल्ड जब आपस में मिल जाएं तो हंगामा होना तय है. जब से ये गेम 'पोकेमॉन गो' लॉन्च हुआ है, गेमिंग के दीवाने काम धंधा छोड़-छाड़कर सिर्फ यही खेलने में लगे हुए हैं. ये न दिन देख रहे हैं और न रात बस एक ही काम शिद्दत से किए जा रहे हैं, वो है पोकेमॉन हंटिंग.
ये भी पढ़ें- 'पोकेमॉन गो' के पीछे क्यों दीवानी हुई दुनिया...जानिए!
इस खेल के दीवाने हो रहे हैं लोग |
गेम के लिए छोड़ दी नौकरी-
गेम की दीवानगी का आलम ये है कि न्यूजीलैंड के 24 साल के नौजवान टॉम क्यूरी ने पोकेमॉन गो का फुल टाइम हंटर बनने के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी. टॉम एक रेस्त्रां में बार टेंडर का काम करते थे. उन्होंने जब से पोकेमॉन खेला है, उसे छोड़ ही नहीं पाए.
एक बात तो है, सिर उठाकर चलने वाले लोगों को मोबाइल ने सर झुकाकर चलना सिखा दिया. ये मोबाइल हाथ में हो तो वैसे भी लोग दीन-दुनिया से बेखबर हो जाते हैं, और जो रही सही कसर थी वो पोकेमॉन ने पूरी कर दी है. अमूमन गेमिंग पसंद करने वाले लोग खाली समय में अपने मोबाइल या प्ले स्टेशन पर गेम खेलते हैं. समय काटना हो तो गेम्स अच्छा ऑप्शन भी हैं. लेकिन ये पोकेमॉन गो तो सारे गेम्स का बाप है. वर्चुअल वर्ल्ड और रियल वर्ल्ड जब आपस में मिल जाएं तो हंगामा होना तय है. जब से ये गेम 'पोकेमॉन गो' लॉन्च हुआ है, गेमिंग के दीवाने काम धंधा छोड़-छाड़कर सिर्फ यही खेलने में लगे हुए हैं. ये न दिन देख रहे हैं और न रात बस एक ही काम शिद्दत से किए जा रहे हैं, वो है पोकेमॉन हंटिंग. ये भी पढ़ें- 'पोकेमॉन गो' के पीछे क्यों दीवानी हुई दुनिया...जानिए!
गेम के लिए छोड़ दी नौकरी- गेम की दीवानगी का आलम ये है कि न्यूजीलैंड के 24 साल के नौजवान टॉम क्यूरी ने पोकेमॉन गो का फुल टाइम हंटर बनने के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी. टॉम एक रेस्त्रां में बार टेंडर का काम करते थे. उन्होंने जब से पोकेमॉन खेला है, उसे छोड़ ही नहीं पाए.
उनका कहना है कि 'मैं कुछ एडवेंचरस करना चाहता था. मैं पिछले 6 सालों से काम कर रहा था, और मुझे एक ब्रेक चाहिए था और पोकेमॉन ने मुझे उस ख्वाब को जीने का एक मौका दे दिया है'. गेम में अब तक 151 पोकेमॉन में से टॉम ने 90 पकड़ लिए हैं. और बाकी के पोकेमॉन पकड़ने के लिए टॉम ने दो महीने तक न्यूजीलैंड घूमने का ट्रिप प्लान किया है.
अच्छा है, 6 साल में जो कमाया उसे अपने ख्वाब को पूरा करने में खर्च भी कर दो तो क्या. काम से ब्रेक लेने के लिए पोकेमॉन सिर्फ जरिया बना. लेकिन ये पोकेमॉन सिर्फ काम से ब्रेक नहीं दिलाता बल्कि ब्रेकअप भी करवा सकता है. गेम के दीवाने अब प्रेम में भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे, गर्लफ्रेंड्स कुढ़ रही हैं, बीवियां नाराज हैं, क्योंकि उनको दिया जाने वाला समय पोकेमॉन खा जाता है.
इस समस्या को विस्तार से समझाने के लिए एक वीडियो भी बनाया गया है कि How Pokémon Go Destroyed My Marriage(पोकेमॉन ने मेरी शादी कैसे खराब की) देखिए वीडियो- जी हां, पोकेमॉन हंटिंग में जैसे जैसे फन, एडवेंचर और एक्साइटमेंट बढ़ता है, रिस्क भी बढ़ जाता है. पोकेमॉन से जुड़े साइड इफैक्ट्स भी कम नहीं हैं. लोग पोकेमॉन खोजते-खोजते कहीं भी चले जाते हैं. आंखें मोबाइल स्क्रीन्स पर टिकी होती हैं तो ध्यान ही नहीं रहता कि कदम किस ओर जा रहे हैं. कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. लोग सीमाएं पार कर दूसरे देश भी पहुंच चुके हैं. रात को पोकेमॉन खेल रहे खिलाड़ी को चोर समझकर गोली भी मारी जा चुकी है. नदी नाले में गिरना तो आम हो गया है, कुल मिला कर गेम न खेलने वाले त्रस्त हो गए हैं.
कल पोकेमॉन जापान में रिलीज हो जाएगा. अभी भारत में ये ऑफिशियली रिलीज नहीं हुआ है फिर भी जुगाड़ से लोग इसे खेलने में कामयाब हो गए हैं. आपको भी लोग मोबाइल लेकर इधर-उधर दौड़ते नजर आएं, तो समझ लीजिएगा कि वो पोकेमॉन गो खेल रहे हैं. सोच समझकर ही खेलना इसे, ध्यान रखिए इसके साइड इफैक्ट्स बहुत खतरनाक हैं. नौकरी जा सकती है, गर्लफ्रेंड और बीवी का भी कुछ पता नहीं. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |