करियर संवारने के चक्कर में देर से होने वाली शादियां और फिर बढ़ती उम्र में बच्चों की प्लानिंग के कारण आधुनिक समाज में ऐसे दंपतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है जो बच्चे पैदा कर पाने में असमर्थ हैं. अब तक आम धारणा यह रही है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ औरतों की प्रजनन क्षमता यानी मां बनने की संभावनाएं घटती चली जाती है.
अगर बढ़ती उम्र में महिलाएं मां बन भी जाएं तो गर्भपात, प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह की दिक्कतें आती हैं और इसे जन्म लेने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक माना जाता है. अब तक यही माना जाता रहा है कि बढ़ती उम्र में सिर्फ औरतों की ही प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है और पुरुष 60 साल की उम्र तक पिता बन सकते हैं. लेकिन एक हालिया स्टडी से यह बात साबित होती है कि उम्र बढ़ने का असर न सिर्फ औरतों बल्कि पुरुषों की भी प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है.
महिलाओं का बॉयोलॉजिकल क्लॉकः उम्र बढ़ने के साथ ही औरतों के मां बनने की संभावनाएं घटती जाती हैं. औरतों के लिए 20 से 30 साल की उम्र उनके मां बनने के लिए सबसे बेहतरीन उम्र मानी जाती है. 30 से 40 की उम्र के दौरान औरतों की मां बनने की संभावनाएं बहुत तेजी से घटती हैं और 40 के बाद लगभग न के बराबर रह जाती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने औरतों के लिए बॉयोलॉजिकल क्लॉक की आवधारणा बनाई. जिसमें यह दिखाया गया है कि एक युवा महिला में मां बनने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं और कैसे यह बढ़ती उम्र के साथ घटती जाती हैं. इसका कारण यह है कि कोई भी महिला अपने जीवनकाल में प्रजनन के लिए जरूरी एग एक सीमा तक ही उत्पन्न कर सकती है, जबकि पुरुष लगभग अपने पूरे जीवनकाल के दौरान स्पर्म उत्सर्जित कर सकते हैं. पुरुषों की प्रजनन क्षमता भी घटती हैःएक हालिया स्टडी में कहा गया है कि उम्र बढ़ने का असर पुरुषों के पिता बनने की संभावना पर भी पड़ता है. जनरल ह्यूमन रीप्रॉडक्शन में इस हफ्ते छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों के सीमन उत्सर्जन की क्षमता घटती जाती है. साथ ही इस स्पर्म की क्वॉलिटी भी कम होती जाती है. उदाहरण के लिए 50 साल का पुरुष 30 साल के पुरुष की अपेक्षा 20 फीसदी कम सीमन का उत्सर्जन करता है. उम्र बढ़ने के साथ ही सीमन के एग तक पहुंचने की गति भी धीमी पड़ जाती है और यही...
करियर संवारने के चक्कर में देर से होने वाली शादियां और फिर बढ़ती उम्र में बच्चों की प्लानिंग के कारण आधुनिक समाज में ऐसे दंपतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है जो बच्चे पैदा कर पाने में असमर्थ हैं. अब तक आम धारणा यह रही है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ औरतों की प्रजनन क्षमता यानी मां बनने की संभावनाएं घटती चली जाती है.
अगर बढ़ती उम्र में महिलाएं मां बन भी जाएं तो गर्भपात, प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह की दिक्कतें आती हैं और इसे जन्म लेने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक माना जाता है. अब तक यही माना जाता रहा है कि बढ़ती उम्र में सिर्फ औरतों की ही प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है और पुरुष 60 साल की उम्र तक पिता बन सकते हैं. लेकिन एक हालिया स्टडी से यह बात साबित होती है कि उम्र बढ़ने का असर न सिर्फ औरतों बल्कि पुरुषों की भी प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है.
महिलाओं का बॉयोलॉजिकल क्लॉकः उम्र बढ़ने के साथ ही औरतों के मां बनने की संभावनाएं घटती जाती हैं. औरतों के लिए 20 से 30 साल की उम्र उनके मां बनने के लिए सबसे बेहतरीन उम्र मानी जाती है. 30 से 40 की उम्र के दौरान औरतों की मां बनने की संभावनाएं बहुत तेजी से घटती हैं और 40 के बाद लगभग न के बराबर रह जाती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने औरतों के लिए बॉयोलॉजिकल क्लॉक की आवधारणा बनाई. जिसमें यह दिखाया गया है कि एक युवा महिला में मां बनने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं और कैसे यह बढ़ती उम्र के साथ घटती जाती हैं. इसका कारण यह है कि कोई भी महिला अपने जीवनकाल में प्रजनन के लिए जरूरी एग एक सीमा तक ही उत्पन्न कर सकती है, जबकि पुरुष लगभग अपने पूरे जीवनकाल के दौरान स्पर्म उत्सर्जित कर सकते हैं. पुरुषों की प्रजनन क्षमता भी घटती हैःएक हालिया स्टडी में कहा गया है कि उम्र बढ़ने का असर पुरुषों के पिता बनने की संभावना पर भी पड़ता है. जनरल ह्यूमन रीप्रॉडक्शन में इस हफ्ते छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों के सीमन उत्सर्जन की क्षमता घटती जाती है. साथ ही इस स्पर्म की क्वॉलिटी भी कम होती जाती है. उदाहरण के लिए 50 साल का पुरुष 30 साल के पुरुष की अपेक्षा 20 फीसदी कम सीमन का उत्सर्जन करता है. उम्र बढ़ने के साथ ही सीमन के एग तक पहुंचने की गति भी धीमी पड़ जाती है और यही कारण है कि उम्रदराज लोगों के पिता बनने की संभावनाएं भी क्षीण हो जाती हैं.
महिलाओं में प्रजनन क्षमता ज्यादा तेजी से घटती हैः इस स्टडी के मुताबिक हालांकि पुरुषों का बॉयोलिजकल क्लॉक महिलाओं जितनी तेजी से नहीं चलता. यानी कि महिलाओं की प्रजनन क्षमता पुरुषों की अपेक्षा बहुत तेजी से घटती है. महिलाओं की प्रजनन क्षमता घटने की शुरुआत 30 की उम्र में होती है और 35 से 40 के बीच ये बहुत ही तेजी से घटती है. वहीं पुरुषों में किसी निश्चित उम्र में आकर प्रजनन क्षमता तेजी से नहीं घटती है बल्कि यह काफी धीरे-धीरे होने वाली प्रक्रिया है.
क्यों घटती है पुरुषों की प्रजनन क्षमताःविशेषज्ञों का मानना है कि इसके दो कारण हैं. पहला उम्र बढ़ने के साथ ही पेनिस के माध्मय से यूरिन और सीमन को लाने वाली कोशिकाएं कमजोर पड़ जाती है, जिससे सीमन का उत्सर्जन, और उसके एग तक पहुंचने की स्पीड सुस्त पड़ जाती है. इसका दूसरा कारण बाहरी चीजों का असर है, जैसे प्रदूषित वातावरण में मौजूद जहरीले तत्व, बढ़ता हुआ तापमान और स्मोकिंग और शराब पीने की आदत है. पिछले साल अक्टूबर में आई इसी तरह की एक स्टडी में कहा गया था कि 35 साल से ज्यादा की उम्र के पुरुषों के स्पर्म के डीएनए डैमेज हो जाते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि ज्यादा उम्र के पुरुषों के डैमेज डीएनए वाले स्पर्म अगर महिला के एग के संपर्क में आते हैं तो इससे होने वाले बच्चे में आनुवांशिक बीमारियां होने या महिला के कंसीव करने की संभावनाएं काफी कम हो जाती है.
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