अगर जल्द ही आप शादी का लड्डू खाने वाले हैं तो हम एक खुशखबरी लाए हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि ज़िंदगी के तनावों से मुक्ति पाने के लिए शादी से अच्छी कोई दवाई नहीं! वैसे ये हम नहीं कह रहे, साइंस ने इस बात की ताकीद की है.
एक स्टडी में पाया गया कि सिंगल लोगों की अपेक्षा शादीशुदा लोग कम तनाव में होते हैं. इसके पीछे प्रमुख कारण शरीर में कॉर्टिसोल का कम होना है. कॉर्टिसोल को स्ट्रेस हॉर्मोन भी कहा जाता है. अमेरिका के पेन्सिल्वेनिया स्थित कॉर्नेगी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में पाया कि सिंगल, तलाकशुदा या विधवा लोगों की तुलना में विवाहित जोड़ों में तनाव तो कम होता ही है साथ ही ये ज्यादा स्वस्थ भी होते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार विवाहित लोगों की तुलना में अविवाहित लोग मनोवैज्ञानिक तनाव में कम ही होते हैं. हमेशा तनाव में रहने का मतलब है शरीर में कॉर्टिसोल का बढ़ जाना. कॉर्टिसोल के बढ़ जाने से कई बीमारियों को बुलावा देना. स्टडी में 21 से 55 की उम्र के 572 स्वस्थ वयस्कों के लार (Saliva) का सैंपल लिया गया था.
इस टेस्ट को भारत के संदर्भ देखने के लिए हमने भी एक टेस्ट किया. हमने 12 शादीशुदा औरतों और मर्दों से ये सवाल किया कि- क्या शादी के बाद उनके जीवन में तनाव कम हो गया है?
आश्चर्यजनक रुप से 99 फीसदी लोगों ने इस बात को माना कि शादी के बाद उनके जीवन में तनाव कम हुआ है. अधिकतर लोगों ने ये माना कि तनाव कम करने में जीवनसाथी के भावनात्मक सपोर्ट का अहम् योगदान...
अगर जल्द ही आप शादी का लड्डू खाने वाले हैं तो हम एक खुशखबरी लाए हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि ज़िंदगी के तनावों से मुक्ति पाने के लिए शादी से अच्छी कोई दवाई नहीं! वैसे ये हम नहीं कह रहे, साइंस ने इस बात की ताकीद की है.
एक स्टडी में पाया गया कि सिंगल लोगों की अपेक्षा शादीशुदा लोग कम तनाव में होते हैं. इसके पीछे प्रमुख कारण शरीर में कॉर्टिसोल का कम होना है. कॉर्टिसोल को स्ट्रेस हॉर्मोन भी कहा जाता है. अमेरिका के पेन्सिल्वेनिया स्थित कॉर्नेगी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में पाया कि सिंगल, तलाकशुदा या विधवा लोगों की तुलना में विवाहित जोड़ों में तनाव तो कम होता ही है साथ ही ये ज्यादा स्वस्थ भी होते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार विवाहित लोगों की तुलना में अविवाहित लोग मनोवैज्ञानिक तनाव में कम ही होते हैं. हमेशा तनाव में रहने का मतलब है शरीर में कॉर्टिसोल का बढ़ जाना. कॉर्टिसोल के बढ़ जाने से कई बीमारियों को बुलावा देना. स्टडी में 21 से 55 की उम्र के 572 स्वस्थ वयस्कों के लार (Saliva) का सैंपल लिया गया था.
इस टेस्ट को भारत के संदर्भ देखने के लिए हमने भी एक टेस्ट किया. हमने 12 शादीशुदा औरतों और मर्दों से ये सवाल किया कि- क्या शादी के बाद उनके जीवन में तनाव कम हो गया है?
आश्चर्यजनक रुप से 99 फीसदी लोगों ने इस बात को माना कि शादी के बाद उनके जीवन में तनाव कम हुआ है. अधिकतर लोगों ने ये माना कि तनाव कम करने में जीवनसाथी के भावनात्मक सपोर्ट का अहम् योगदान रहा है. अपने पार्टनर के साथ के कारण उनका स्ट्रेस लेवल कम हुआ है. एक ने जवाब दिया कि- 'पहले जब टेंशन होती थी तो मुझे अकेले डील करना पड़ता था लेकिन वहीं शादी के बाद अब हम दो लोग मिलकर उस तनाव का सामना करते हैं. इससे तनाव खुद ही कम हो जाता है.'
हमारे रिसर्च में सिर्फ एक इंसान ने स्टडी में पाए गए रिजल्ट का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा कि- 'शादी के बाद अपेक्षाओं और भावनाओं के बोझ बढ़ जाते हैं. इससे परेशानी और बढ़ जाती है ना कि कम होती है.'
लेकिन चाहे जो भी हो, साबित तो यही होता है कि शादी के लड्डू खाने के बाद पछताने की नौबत नहीं आती बल्कि जीवन का स्वाद बढ़ जाता है.
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