कौन मूरख है जो कहता है कि मातृत्व सबसे सुखद अहसास है!!! एकदमे गलत. पइसा सबसे सुखद अहसास है भईया, पइसा. अब बताइए भला, अगर पैसे का जोर न हो तो कहां से 60 साल की महिला 10 महीने में पांच बार गर्भवती हो जाएगी!!! चौंकिए मत, आप सही पढ़ रहे हैं क्योंकि लिखा भी सही गया है. उत्तर प्रदेश में 'तकनीक' का यह उन्नत रूप देखने में आया है.
60 साल की महिला हुई 5 बार गर्भवती
उत्तर प्रदेश में एक महिला चार महीने में तीन बार गर्भवती होकर तीनों बच्चों को पैदा भी कर लेती है. 'तकनीक' ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 60 साल की उम्र की एक दूसरी महिला को महज 10 महीने में 5 बार प्रेगनेंट करवा दिया. ऐसी कई 'उपलब्धियां' कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में देखी गई हैं. जननी सुरक्षा योजना के तहत इन 'उपलब्धियों' से 'लोग' बड़े खुश हैं.
पैदा कीजिए - 1400 रुपये पाइए
गरीब महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए एक योजना 2005 से चल रही है - जननी सुरक्षा योजना. इस योजना के तहत सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के बाद प्रसूता को पौष्टिक भोजन के लिए 1400 रुपये दिए जाते हैं. ऐसा इसलिए ताकि जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहें. साथ ही इस योजना का मकसद है - जन्म के वक्त मां की मौत की घटनाओं को कम करना और प्रसव के लिए अस्पताल आने को बढ़ावा देना. दुर्भाग्य से इस योजना में जबरदस्त फर्जीवाड़ा हो रहा है.
यूं हुआ घोटाले का पर्दाफाश
बदायूं जिले में आशा देवी नाम की एक महिला चार महीने में तीन बार योजना के तहत मिलने वाली राशि का चेक लेकर बैंक पहुंच गई. उसने 28 फरवरी 2015 को 'बच्चे को जन्म' देने का दावा कर 1400 रुपये लिए. फिर मार्च में भी आशा देवी को 'बच्चा' हुआ. इसके बाद 20 मई को भी उसकी डिलवरी हुई, 'बच्चा' पैदा हुआ. बैंक को शक हो गया. रिपोर्ट आगे बढ़ा दी. फिर क्या था. एक के बाद एक उन्नत 'तकनीक' उत्तर प्रदेश के खाते में जुटते चले गए. इसी में 60 साल की बुजुर्ग महिला भी रहीं, जो 10 महीने में 5 बार गर्भवती हुईं. ...
कौन मूरख है जो कहता है कि मातृत्व सबसे सुखद अहसास है!!! एकदमे गलत. पइसा सबसे सुखद अहसास है भईया, पइसा. अब बताइए भला, अगर पैसे का जोर न हो तो कहां से 60 साल की महिला 10 महीने में पांच बार गर्भवती हो जाएगी!!! चौंकिए मत, आप सही पढ़ रहे हैं क्योंकि लिखा भी सही गया है. उत्तर प्रदेश में 'तकनीक' का यह उन्नत रूप देखने में आया है.
60 साल की महिला हुई 5 बार गर्भवती
उत्तर प्रदेश में एक महिला चार महीने में तीन बार गर्भवती होकर तीनों बच्चों को पैदा भी कर लेती है. 'तकनीक' ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 60 साल की उम्र की एक दूसरी महिला को महज 10 महीने में 5 बार प्रेगनेंट करवा दिया. ऐसी कई 'उपलब्धियां' कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में देखी गई हैं. जननी सुरक्षा योजना के तहत इन 'उपलब्धियों' से 'लोग' बड़े खुश हैं.
पैदा कीजिए - 1400 रुपये पाइए
गरीब महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए एक योजना 2005 से चल रही है - जननी सुरक्षा योजना. इस योजना के तहत सरकारी अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के बाद प्रसूता को पौष्टिक भोजन के लिए 1400 रुपये दिए जाते हैं. ऐसा इसलिए ताकि जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहें. साथ ही इस योजना का मकसद है - जन्म के वक्त मां की मौत की घटनाओं को कम करना और प्रसव के लिए अस्पताल आने को बढ़ावा देना. दुर्भाग्य से इस योजना में जबरदस्त फर्जीवाड़ा हो रहा है.
यूं हुआ घोटाले का पर्दाफाश
बदायूं जिले में आशा देवी नाम की एक महिला चार महीने में तीन बार योजना के तहत मिलने वाली राशि का चेक लेकर बैंक पहुंच गई. उसने 28 फरवरी 2015 को 'बच्चे को जन्म' देने का दावा कर 1400 रुपये लिए. फिर मार्च में भी आशा देवी को 'बच्चा' हुआ. इसके बाद 20 मई को भी उसकी डिलवरी हुई, 'बच्चा' पैदा हुआ. बैंक को शक हो गया. रिपोर्ट आगे बढ़ा दी. फिर क्या था. एक के बाद एक उन्नत 'तकनीक' उत्तर प्रदेश के खाते में जुटते चले गए. इसी में 60 साल की बुजुर्ग महिला भी रहीं, जो 10 महीने में 5 बार गर्भवती हुईं.
इस घोटाले का क्या नाम दूं...
इस देश में बहुत सारे घोटाले हुए हैं - चारा घोटाला, वर्दी घोटाला, 2G घोटाला, कोयला घोटाला... कितनी गिनाऊं... सोच रहा हूं कि इस घोटाले को एक बढ़िया सा नाम दूं ताकि इसे युगों तक याद रखा जा सके - कोख घोटाला या गर्भ घोटाला या जननी घोटाला... कुछ जम नहीं रहा है. आपके दिमाग में कोई झक्कास सा आइडिया है तो प्लीज बताएं. लेखक और खुद यह घोटाला सदैव आपका आभारी रहेगा...
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.