'प्लेबॉय मैग्जीन' का नाम सुनते ही जेहन में अर्धनग्न मॉडल, सॉफ्ट पोर्न और बनीज़ की तस्वीर उभर आती है. आखिर ये मैग्जीन इन्हीं के लिए चर्चित रही है. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि प्लेबॉय ने अपनी मैग्जीन में एक मुस्लिम महिला को हिजाब पहने दिखाया है.
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सफेद टीशर्ट के साथ लेदर जैकेट, काली पैंट, और सफेद स्नीकर्स पहने हैं, और साथ में हिजाब भी |
इस मैगजीन में मुस्लिम समाज की महिला का होना और हिजाब में होना अपने आप में ही बहस का कारण बन गया है. वो बात और है कि करीब एक साल पहले ही प्लेबॉय मैगजीन ने न्यूड फोटो छापना बंद कर दिया था. लेकिन बहस के लिए उसका नाम ही काफी है. फिलहाल इसपर तारीफों और आलोचनाओं का दौर चल पड़ा है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि ये महिला है कौन और उसने ऐसा क्यों किया.
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जानिए कौन है ये महिला
तो प्लेबॉय मैगजीन के अक्टूबर अंक में हिजाब पहनकर पोज करने वाली ये मुस्लिम महिला एक अमेरिकी पत्रकार हैं, और नाम है नूर टैगोरी. नूर 22 साल की हैं और उन्हें इस मैग्जीन के 'रैनगेड्स' सीरीज में जगह दी गई है. ये सीरीज उन लोगों पर आधारित है जिन्होंने अपने मन का काम करने के लिए सबकुछ दांव पर लगा दिया, यहां तक कि अपनी जिंदगी भी. उनके अलावा इस सीरीज में सेक्स एक्टिविस्ट, कॉमेडियन और नॉवेलिस्ट भी हैं.
वर्जीनिया की रहने वाली नूर का ख्वाब था अमेरिका के टीवी पर हिजाब पहनने वाली पहली महिला एंकर बनना. 2012 में वो सुर्खियों में आईं जब उन्होंने एबीसी 7 न्यूज डेस्क पर बैठे अपनी तस्वीर शेयर की थी, और कैप्शन लिखा था 'अमेरिकी टीवी पर हिजाब पहनने वाली पहली न्यूज एंकर'
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ये तस्वीर उस वक्त #LetNoorShine हैशटैग के साथ वायरल हो गई थी. इस तस्वीर ने न सिर्फ मुस्लिम समाज की महिलाओं को प्रोत्साहित किया बल्कि तमामधर्मों के लोगों को अपनी पहचान के साथ अपने ख्वाब पूरे करने का हौसला भी दिया.
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फिलहाल नूर एक वीडियो न्यूज नेटवर्क 'न्यूजी' में काम करती हैं. प्लेब्वाय के फोटोज में नूर ने सफेद टीशर्ट के साथ लेदर जैकेट, काली पैंट, और सफेद स्नीकर्स पहने हैं, और साथ में हिजाब भी.
देखिए नूर ने प्लेबॉय के लिए किस तरह पोज किए. ये वीडियो उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था.
आलोचनाएं क्यों?
नूर को प्लेबॉय मैगजीन में देखकर कुछ लोग हैरान रह गए, और इसके लिए उन्हें लोगों की तीखी आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ा. हो भी क्यों न, प्लेबॉय ने अब तक न्यूडिटी परोसकर ही इतना नाम कमाया है. लोगों का सवाल ये था कि एक ऐसी संस्था जिसने हमेशा से ही महिलाओं को वस्तु से ज्यादा नहीं समझा, वहां महिला सशक्तिकरण के नाम पर इतना नीचे गिरने की जरूरत क्या है.
इसपर नूर का कहना है कि 'मैं निगेटिव कमेंट्स पर जरा भी ध्यान नहीं देतीं. ये सिर्फ नकारात्मक ऊर्जा है, जो बिल्कुल अच्छी नहीं'
वहीं लोगों ने नूर को प्लेब्वाय मौगजीन में फीचर करने और वहां दिए गए इंटरव्यू के लिए बधाइयां दीं और उनके इस कदम की सराहना की.
तो नूर आज के जमाने की महिला हैं, स्वतंत्र हैं, आत्मनिर्भर हैं, समझदार भी और बिंदास भी, ऐसे में भी वो अपने मजहब की पहचान हिजाब को हमेशा पहनती हैं और उसमें खुद को स्वच्छंद महसूस भी करती हैं. और अगर कोई मैगजीन उनकी इस बात से प्रेरित होकर उनका इंटरव्यू करती है, और उनकी तस्वीर छापती है तो इसपर मुस्लिम समाज को भला क्या परेशानी है. ये तो उनके लिए फख्र की बात हुई, क्योंकि नूर की तस्वीरों ने तो प्लेबॉय के पाप धोने का ही काम किया है.
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