सरकार ने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी. अब हेल्पलाइन महिलाओं के लिए है तो जाहिर है फोन भी महिलाएं ही करेंगी. लेकिन नहीं, यहां पुरुष कॉल कर रहे हैं और देखिए क्या-क्या सवाल कर रहे हैं...
सरकार ने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी. अब हेल्पलाइन महिलाओं के लिए हैं तो जाहिर है फोन भी महिलाएं ही करेंगी. अपनी परेशानी बताकर कोई हल ढूंढेंगी, लेकिन हो कुछ उल्टा ही रहा है... जी हां, महिला हेल्पलाइन पर महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष समस्याओं के हल जान रहे हैं. पश्चिम बंगाल में मुस्लिम महिलाओं के लिए बनाई एक ऑल इंडिया हेल्पलाइन में पुरुषों के फ़ोन आ रहे हैं. बता दें कि इस हेल्पलाइन नंबर पर उर्दू, अंग्रेजी और आठ क्षेत्रीय भाषाओं में अनुभवी क्षेत्रीय वकील मुस्लिम महिलाओं को सलाह देते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं.
मुस्लिम महिलाओं की मदद के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पिछले साल टोल-फ्री हेल्पलाइन बनाई थी. जिसमें परेशान मुस्लिम महिलाओं को शरिया कानून की जानकारी दी जाती है. इस नंबर पर तीन तलाक के मुद्दों पर मदद दी जाती है और सही मार्गदर्शन दिया जाता है. लेकिन यहां डर के मारे महिलाओं का कॉल तो नहीं आ रहा है, पर पुरुष इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं.
ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन हेल्पलाइन के काउंसलरों ने इसका खुलासा किया. बताया कि सबसे ज्यादा कॉल उनके पास पुरुषों के आते हैं. 10 कॉल में से 7 से 8 कॉल मुस्लिम पुरुषों के होते हैं जो तलाक, महिलाओं और तलाक के बाद संपत्ति के बारे में सवाल करते हैं.
इनके पास सिर्फ बंगाल से ही नहीं, बल्कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से भी फोन आते हैं. महिलाओं के लिए बनी ये हेल्पलाइन अब पुरुषों के लिए हो गई है. क्योंकि महिलाएं कॉल करने में संकोच कर रही हैं तो वहीं पुरुष कॉल करके खुलकर सवाल कर रहे हैं.
सरकार ने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी. अब हेल्पलाइन महिलाओं के लिए हैं तो जाहिर है फोन भी महिलाएं ही करेंगी. अपनी परेशानी बताकर कोई हल ढूंढेंगी, लेकिन हो कुछ उल्टा ही रहा है... जी हां, महिला हेल्पलाइन पर महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष समस्याओं के हल जान रहे हैं. पश्चिम बंगाल में मुस्लिम महिलाओं के लिए बनाई एक ऑल इंडिया हेल्पलाइन में पुरुषों के फ़ोन आ रहे हैं. बता दें कि इस हेल्पलाइन नंबर पर उर्दू, अंग्रेजी और आठ क्षेत्रीय भाषाओं में अनुभवी क्षेत्रीय वकील मुस्लिम महिलाओं को सलाह देते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं.
मुस्लिम महिलाओं की मदद के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पिछले साल टोल-फ्री हेल्पलाइन बनाई थी. जिसमें परेशान मुस्लिम महिलाओं को शरिया कानून की जानकारी दी जाती है. इस नंबर पर तीन तलाक के मुद्दों पर मदद दी जाती है और सही मार्गदर्शन दिया जाता है. लेकिन यहां डर के मारे महिलाओं का कॉल तो नहीं आ रहा है, पर पुरुष इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं.
ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन हेल्पलाइन के काउंसलरों ने इसका खुलासा किया. बताया कि सबसे ज्यादा कॉल उनके पास पुरुषों के आते हैं. 10 कॉल में से 7 से 8 कॉल मुस्लिम पुरुषों के होते हैं जो तलाक, महिलाओं और तलाक के बाद संपत्ति के बारे में सवाल करते हैं.
इनके पास सिर्फ बंगाल से ही नहीं, बल्कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से भी फोन आते हैं. महिलाओं के लिए बनी ये हेल्पलाइन अब पुरुषों के लिए हो गई है. क्योंकि महिलाएं कॉल करने में संकोच कर रही हैं तो वहीं पुरुष कॉल करके खुलकर सवाल कर रहे हैं.
कुछ पुरुष गुस्से में तलाक के बाद पत्नी के साथ वापस रहना चाहते हैं तो कुछ तलाक के बाद संपत्ति के हक को लेकर सवाल पूछ रहे हैं. वहीं महिलाएं कॉल कर भी लेती है तो ज्यादातर हिजाब, शिक्षा और रोजगार से जुड़े सवाल पूछती हैं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.