धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर की वर्तमान स्थिति किसी से छुपी नहीं है. आगजनी, पथराव, हिंसा, गोलीबारी, बम धमाके, कर्फ्यू, पुलिस की जीप, सेना के गश्ती ट्रक ये सब कश्मीर की दिनचर्या का हिस्सा है. आये दिन कश्मीर में ऐसा कुछ न कुछ अवश्य होता है जिसके चलते सम्पूर्ण जनजीवन स्थिर हो जाता है. किसी जमाने में पर्यटन राज्य का मुख्य व्यवसाय हुआ करता था मगर वर्तमान में सम्पूर्ण कश्मीर के सुलगने के चलते और तनावपूर्ण स्थिति के कारण, आज राज्य अपने सबसे बदतर दौर से गुजर रहा है.
पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ, सरकार का नर्म रवैया, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, बुरहान वानी जैसे राष्ट्रद्रोहियों और आतंकियों की तारीफें ऐसे अन्य कारण हैं जो ये बताने के लिए काफी हैं कि अभी राज्य में, अच्छे दिन आने में वक़्त लगेगा. जब एक आम भारतीय कश्मीर को देखता है तो वो विचलित हो जाता है और ये सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आखिर कश्मीर की इस हालत का जिम्मेदार कौन है.
बहरहाल, अब हम आपको जो बताने जा रहे हैं वो अपने आप में खास है. खास इसलिए क्योंकि ये खबर सुलगते कश्मीर के लिए बारिश की बूंदों से मिली राहत की तरह है. आपको बताते चलें कि यूपीएससी के नतीजे आ चुके हैं और राज्य के हंदवाड़ा निवासी बिलाल भट ने यूपीएससी की लिस्ट में टॉप 10 में जगह बनाई है.
बिलाल भट फिलहाल आईएफएस रैंक के अधिकारी हैं और लखनऊ में पोस्टेड हैं. यूपीएससी के लिए बिलाल का ये चौथा प्रयास था जहां कड़ी मेहनत से उन्होंने ये अहम मुकाम हासिल किया. कश्मीर हमेशा ही बिलाल के लिए खास रहा है और आईएएस बनने के बाद वो अपने गृह राज्य को ही वरीयता देते हुए वहां अपनी सेवा देना चाहते हैं.
बिलाल की ये जीत सम्पूर्ण कश्मीर के लिए क्यों अहम है?
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर की वर्तमान स्थिति किसी से छुपी नहीं है. आगजनी, पथराव, हिंसा, गोलीबारी, बम धमाके, कर्फ्यू, पुलिस की जीप, सेना के गश्ती ट्रक ये सब कश्मीर की दिनचर्या का हिस्सा है. आये दिन कश्मीर में ऐसा कुछ न कुछ अवश्य होता है जिसके चलते सम्पूर्ण जनजीवन स्थिर हो जाता है. किसी जमाने में पर्यटन राज्य का मुख्य व्यवसाय हुआ करता था मगर वर्तमान में सम्पूर्ण कश्मीर के सुलगने के चलते और तनावपूर्ण स्थिति के कारण, आज राज्य अपने सबसे बदतर दौर से गुजर रहा है.
पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ, सरकार का नर्म रवैया, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, बुरहान वानी जैसे राष्ट्रद्रोहियों और आतंकियों की तारीफें ऐसे अन्य कारण हैं जो ये बताने के लिए काफी हैं कि अभी राज्य में, अच्छे दिन आने में वक़्त लगेगा. जब एक आम भारतीय कश्मीर को देखता है तो वो विचलित हो जाता है और ये सोचने पर मजबूर हो जाता है कि आखिर कश्मीर की इस हालत का जिम्मेदार कौन है.
बहरहाल, अब हम आपको जो बताने जा रहे हैं वो अपने आप में खास है. खास इसलिए क्योंकि ये खबर सुलगते कश्मीर के लिए बारिश की बूंदों से मिली राहत की तरह है. आपको बताते चलें कि यूपीएससी के नतीजे आ चुके हैं और राज्य के हंदवाड़ा निवासी बिलाल भट ने यूपीएससी की लिस्ट में टॉप 10 में जगह बनाई है.
बिलाल भट फिलहाल आईएफएस रैंक के अधिकारी हैं और लखनऊ में पोस्टेड हैं. यूपीएससी के लिए बिलाल का ये चौथा प्रयास था जहां कड़ी मेहनत से उन्होंने ये अहम मुकाम हासिल किया. कश्मीर हमेशा ही बिलाल के लिए खास रहा है और आईएएस बनने के बाद वो अपने गृह राज्य को ही वरीयता देते हुए वहां अपनी सेवा देना चाहते हैं.
बिलाल की ये जीत सम्पूर्ण कश्मीर के लिए क्यों अहम है?
यदि भारत की समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं की बात की जाए तो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस ) सदैव ही सबसे मुश्किल परीक्षा मानी गयी है. प्रायः ये देखा गया है कि लोग इस परीक्षा को क्वालीफाई करने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं और लगभग अज्ञातवास में चले जाते हैं. अब इंगित बात का संज्ञान लेते हुए कश्मीर के ताज़ा हालात पर गौर करिए. आपको मिलेगा कि कश्मीर काफ़ी लम्बे समय से अशांति के दौर से गुजर रहा है. आये दिन होने वाले बम धमाकों, गोलाबारी, हिंसा और पथराव से स्थिति बड़ी दयनीय है. रोज लगने वाले कर्फ्यू और धारा 144 से प्रदेश के ज्यादातर स्कूल आए दिन बंद रहते हैं जिसके चलते शिक्षा का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है. इतने मुश्किल हालात और विषम परिस्थतियों में एक छात्र का पढ़ना और यू पी एस सी जैसी परीक्षा को क्वालीफाई करना अपने आप में महत्त्वपूर्ण है. अतः कहा जा सकता है कि कश्मीर जैसे राज्य के लिए बिलाल ने वो कर दिया जो लगभग असंभव था.
पत्थरबाजों के लिए प्रेरणा
अशांत राज्य जहां के युवा इस देश की कार्यप्रणाली से खफा हैं, जो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, बुरहान वानी, अफजल गुरु जैसे राष्ट्रद्रोहियों और आतंकियों की तारीफों के कसीदे पढ़ रहे हैं. पत्थरबाजी करके सेना और पुलिस के जवानों पर हमला कर रहे हैं. ऐसे युवाओं के लिए निस्संदेह बिलाल प्रेरणाश्रोत हैं. कहा जा सकता है कि कश्मीर के उन भटके हुए युवाओं को बिलाल से प्रेरणा लेनी चाहिए जो ये मान चुके हैं कि हिंसा और अशांति ही वो मार्ग है जिसपर चलकर राज्य का कल्याण किया जा सकता है. ऐसे युवाओं को ये सोचना चाहिए कि यदि बदलाव का बिगुल बजाना है तो उसके लिए शिक्षा अर्जित कर तंत्र का हिस्सा बनना ही एक मात्र विकल्प है. कश्मीर के लोगों को सोचना होगा कि जितनी जल्दी वो हिंसा के मार्ग से निकल कर शिक्षा की तरफ आएँगे उतना जल्दी उनका कल्याण होगा.
न सिर्फ कश्मीर बल्कि देश भर के मुसलमानों के लिए आदर्श
जी हां बिलकुल सही सुना आपने, कश्मीर के बिलाल भट न सिर्फ कश्मीर बल्कि सम्पूर्ण देश में रह रहे मुसलमानों के लिए आदर्श का पर्याय बन गए हैं. प्रायः ये देखा गया है कि अपनी बुनियादी जरूरतों में उलझा इस देश का मुसलमान शिक्षा के क्षेत्र से कोसों दूर है. कहा जा सकता है कि आज 21 वीं सदी के इस दौर में मुसलमान शिक्षा के क्षेत्र में औरों से कहीं पीछे हैं और खस्ताहाली में जीवन यापन कर रहा है. ऐसे में इस मिथक को तोड़कर बिलाल का बाहर आना किसी चमत्कार से कम नहीं है. अपनी लगन से बिलाल ने उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ते हुए ये साबित कर दिया है कि जहाँ चाह है वहां राह है. साथ ही उन्होंने मुसलमानों को ये भी बता दिया है कि सफलता तब भी संभव है जब व्यक्ति मेहनत से काम करे. कुल मिलाके बिलाल ने इस देश के मुसलमानों को बता दिया है कि जहां चाह है वहां राह है.
अंत में हम इतना ही कहेंगे कि यदि कश्मीर के युवा बुरहान और अफजल को छोड़ बिलाल को अपना आदर्श मानें और उनसे प्रेरणा ले तो वाकई कश्मीर के हालात बदलेंगे और पुनः वो धरती का स्वर्ग कहलाएगा. लम्बे अरसे से अशांति की मार झेल रहा कश्मीर अब आराम चाहता है और ये आराम तब ही संभव है जब राज्य के लोग मुख्यतः युवा हिंसा का मार्ग छोड़ शिक्षा का दामन थामें और अपने कल्याण के लिए काम करें.
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