पाकिस्तान.... ये नाम सुनते ही क्या आता है जहन में? आतंकवाद को पनाह देने वाला मुल्क. संयुक्त राष्ट्र की महासभा में पाकिस्तान द्वारा भारत पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे. इसका जवाब सुषमा स्वराज ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिया था. इस बारे में जब पाकिस्तानी डिप्लोमैट मलिहा लोधी ने जवाब देने की कोशिश की तो उन्होंने एक झूठ को सच बताकर भारत को बेइज्जत करने की कोशिश की.
मलिहा लोधी ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि ये लड़की कश्मीरी पैलट गन की शिकार है और इसके चेहरे को देखिए कैसा जुल्म हुआ है इसपर. मलिहा ने कहा कि इसका चेहरा ही हिंदुस्तान का चेहरा है. तस्वीर को जिस कॉन्फिडेंस के साथ दिखाया गया था उसी कॉन्फिडेंस के साथ मलिहा ने झूठ बोला था.
जिस लड़की की तस्वीर दिखाई गई है वो तो असल में कश्मीरी है भी नहीं. न ही वो पैलेट गन से जख्मी हुई है.
असल में कौन है ये लड़की....
असल में जिस लड़की की फोटो दिखाई गई है वो रॉवया अबू जोमा (Rawya abu Jom'a) है. ये 17 साल की लड़की गाज़ा की है. जब इजराइल ने गाजा पर बम गिराए थे तब इस लड़की के घर के पास एयरस्ट्राइक हुआ था. इसके चार भाई-बहन उसी स्ट्राइक में मारे गए.
ये फोटो खींची थी फोटो जर्नलिस्ट हैदी लेवाइन ने जो गाजा शहर में खींची गई अपनी फोटोज के लिए प्रसिद्ध हैं. रॉवया के चेहरे पर जो घाव हैं वो तो हैं, लेकिन उनके पैर में छेद हो गए थे. उनका सीधा हाथ कुचल गया था. रॉवया उस समय 17 साल की थीं.
ये घटना भी 2014 की है. कश्मीर में बुरहान वानी के एनकाउंटर से भी दो साल पहले की. इस फोटो को न्यूयॉर्क टाइम्स और गार्डियन जैसी वेबसाइट्स ने इस फोटो को छापा भी था.
पाकिस्तान ने अपना...
पाकिस्तान.... ये नाम सुनते ही क्या आता है जहन में? आतंकवाद को पनाह देने वाला मुल्क. संयुक्त राष्ट्र की महासभा में पाकिस्तान द्वारा भारत पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे. इसका जवाब सुषमा स्वराज ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिया था. इस बारे में जब पाकिस्तानी डिप्लोमैट मलिहा लोधी ने जवाब देने की कोशिश की तो उन्होंने एक झूठ को सच बताकर भारत को बेइज्जत करने की कोशिश की.
मलिहा लोधी ने एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि ये लड़की कश्मीरी पैलट गन की शिकार है और इसके चेहरे को देखिए कैसा जुल्म हुआ है इसपर. मलिहा ने कहा कि इसका चेहरा ही हिंदुस्तान का चेहरा है. तस्वीर को जिस कॉन्फिडेंस के साथ दिखाया गया था उसी कॉन्फिडेंस के साथ मलिहा ने झूठ बोला था.
जिस लड़की की तस्वीर दिखाई गई है वो तो असल में कश्मीरी है भी नहीं. न ही वो पैलेट गन से जख्मी हुई है.
असल में कौन है ये लड़की....
असल में जिस लड़की की फोटो दिखाई गई है वो रॉवया अबू जोमा (Rawya abu Jom'a) है. ये 17 साल की लड़की गाज़ा की है. जब इजराइल ने गाजा पर बम गिराए थे तब इस लड़की के घर के पास एयरस्ट्राइक हुआ था. इसके चार भाई-बहन उसी स्ट्राइक में मारे गए.
ये फोटो खींची थी फोटो जर्नलिस्ट हैदी लेवाइन ने जो गाजा शहर में खींची गई अपनी फोटोज के लिए प्रसिद्ध हैं. रॉवया के चेहरे पर जो घाव हैं वो तो हैं, लेकिन उनके पैर में छेद हो गए थे. उनका सीधा हाथ कुचल गया था. रॉवया उस समय 17 साल की थीं.
ये घटना भी 2014 की है. कश्मीर में बुरहान वानी के एनकाउंटर से भी दो साल पहले की. इस फोटो को न्यूयॉर्क टाइम्स और गार्डियन जैसी वेबसाइट्स ने इस फोटो को छापा भी था.
पाकिस्तान ने अपना झूठ सच बताते हुए इस सालों पुरानी फोटो के साथ अपनी डिप्लोमैट की फोटो ट्विटर पर शेयर भी की है.
जिस वेबसाइट ने इस फोटो को रीट्वीट किया है वो पाकिस्तान की सबसे बड़ी डिजिटल फोरम कहलाती है. इस फोटो को बिना फैक्ट चेक किए ही डाल दिया. अब खुद ही सोचिए कि इस तरह का झूठ अगर संयुक्त राष्ट्र के मंच पर बोला है तो ये कितनी शर्मिंदगी की बात है. अगर बिना जांच पड़ताल के इस तस्वीर को दिखाया गया है तो भी ये शर्मनाक बात है.
लोधी ने अपने भाषण में आगे ये भी कहा कि भारत आंतकवाद की मां है जो अपने ही देश में आतंकियों को पनाह दे रहा है और इतना ही नहीं सुषमा स्वराज ने एक अहम मुद्दे कश्मीर पर किसी भी तरह की चर्चा नहीं की जो अहम थी. उसे जानकर छोड़ा गया है. अगर संयुक्त राष्ट्र का मंच चाहता है कि पाकिस्तान और हिंदुस्तान के बीच और ज्यादा टकराव न हो तो उसे भारत को ये सलाह देनी चाहिए कि भारत बार-बार हो रहे सीजफायर के उलंघन को बंद करे और पाकिस्तान के खिलाफ अपनी कार्यवाहियों को खत्म करे. इसके अलावा, भी लोधी ने कई तरह के आरोप अपने राइट टू रिप्लाई में लगाए.
एक बात तो पक्की है कि इसे किसी भी तरह से डिप्लोमैटिक तरीका तो नहीं कहा जाएगा. ऐसा कर पाकिस्तान ने अपनी ही हंसी उड़वा ली है.
इससे पहले सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की बैठक में पाकिस्तान को खूब लताड़ा था. ये वीडियो बहुत वायरल हो रहा है...
ये भी पढ़ें-
मोदी को असाधारण ताकत देने वाली 9 महिला मंत्री
मोदी की विदेश नीति का असर दिखने लगा है
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.