पैरिस अटैक के बाद फ्रांस में आपातकाल लागू है, ऐसे में वहां रहने वाले मुसलमानों के घरों और निजी संपत्ति पर छापा मारकर तलाशी की जा रही है, जिससे वहां रहने वाले मुस्लिम निवासियों में नागरिक स्वतंत्रता को लेकर डर की स्थिति बनी हुई है. #PerquisitionnezMoi यानी "Raid me" हैशटैग से अब ये लोग अपने दिल का हाल बयां कर रहे हैं.
वो कह रहे हैं तलाशी से बचना है तो दाढ़ी कटवा लो-
Gare du Nord प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे जिन लोगों को दीवार के सामने दाढ़ी वाले दो आदमियों की तलाशी होते हुए देखी है तो मैं बता देना चाहता हूं कि वो मैं और मेरा दोस्त थे.
भीड़ के सामने ये बहुत अपमानजनक महसूस होता है, मैंने पुलिस से इस तरह तलाशी करने का कारण पूछा था.
उन्होंने मुझे कहा कि अगर पैरिस के हर स्टेशन पर तलाशी से बचना चाहते हो तो अपनी दाढ़ी साफ कर लो.
यहां एक गर्भवती महिला रहती है, दरवाजे पर धीरे से दस्तक दें-
महोदय, इस घर में एक पर्दा करने वाली गर्भवती महिला, तीन बच्चे रहते हैं. मैं आग्रह करती हूं कि कृपया धीरे से दस्तक दें या फिर आपके पास पहले से मौजूद नंबर पर मुझसे संपर्क करें. एक सच्ची प्रतिबद्ध इंसान, इस क्रूर दुनिया में थोड़ा सा प्यार लिए..
पुलिस अभी तक मेरे घर नहीं आई, उपेक्षित...
पैरिस अटैक के बाद फ्रांस में आपातकाल लागू है, ऐसे में वहां रहने वाले मुसलमानों के घरों और निजी संपत्ति पर छापा मारकर तलाशी की जा रही है, जिससे वहां रहने वाले मुस्लिम निवासियों में नागरिक स्वतंत्रता को लेकर डर की स्थिति बनी हुई है. #PerquisitionnezMoi यानी "Raid me" हैशटैग से अब ये लोग अपने दिल का हाल बयां कर रहे हैं.
वो कह रहे हैं तलाशी से बचना है तो दाढ़ी कटवा लो-
Gare du Nord प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे जिन लोगों को दीवार के सामने दाढ़ी वाले दो आदमियों की तलाशी होते हुए देखी है तो मैं बता देना चाहता हूं कि वो मैं और मेरा दोस्त थे.
भीड़ के सामने ये बहुत अपमानजनक महसूस होता है, मैंने पुलिस से इस तरह तलाशी करने का कारण पूछा था.
उन्होंने मुझे कहा कि अगर पैरिस के हर स्टेशन पर तलाशी से बचना चाहते हो तो अपनी दाढ़ी साफ कर लो.
यहां एक गर्भवती महिला रहती है, दरवाजे पर धीरे से दस्तक दें-
महोदय, इस घर में एक पर्दा करने वाली गर्भवती महिला, तीन बच्चे रहते हैं. मैं आग्रह करती हूं कि कृपया धीरे से दस्तक दें या फिर आपके पास पहले से मौजूद नंबर पर मुझसे संपर्क करें. एक सच्ची प्रतिबद्ध इंसान, इस क्रूर दुनिया में थोड़ा सा प्यार लिए..
पुलिस अभी तक मेरे घर नहीं आई, उपेक्षित महसूस कर रही हूं
छापा मारने आए हो तो चाबियां डोर मैट के नीचे रखी हैं.
आपातकाल में पुलिस को इस बात की अनुमति होती है कि वो बिना वारंट के घरों की तलाशी ले सकते हैं. वैसे ही सेना को भी इस बात की इजाजत है कि वो सड़कों पर सैनिकों को तैनात कर सके और सार्वजनिक जन समूहों पर रोक लगा सके. कहा जा रहा है कि 13 नवंबर के बाद से पुलिस ने कम से कम 793 छापे मारे हैं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.