हॉलीवुड अभिनेत्रियों की न्यूड फोटो छापने के लिए मशहूर मैगजीन 'प्लेब्वॉय' ने पिछले साल साफ-सुथरी मैगजीन बनने की कोशिश की थी. और इसी कारण से उसने न्यूड फोटो नहीं छापने का निर्णय लिया था. प्लेब्वॉय के इस फैसले से कई लोगों के दिल के टुकड़े हो गए थे. लेकिन अब फिर उनके लिए खुशखबरी आई है. प्लेब्वॉय ने अपनी मैगजीन में Naked is Normal पंच लाइन के साथ फिर से न्यूड फोटो डालने की घोषणा की है.
Naked is normal वो कह रहे हैं ये तो ठीक है. लेकिन मैगजीन को भी ये पता होना चाहिए कि Normal क्या नहीं है? अपनी मैगजीन के लेखों को बढ़ावा देने के नाम पर नग्नता को बंद करना. इसके साथ ही ऑनलाइन पॉर्नोग्राफी पर रोक लगाना और उसके कुछ महीनों के बाद बैन को हटा लेना. ये नॉर्मल नहीं है. 63 साल पुरानी पुरुषों की इस मैगजीन ने एक साल तक न्यूड फोटो से दूरी बनाने के बाद फिर से वापसी कर ली है. इसके मार्च के अंक में टॉप मॉडल एलिजाबेथ एलन की न्यूड तस्वीर के साथ कमबैक की तैयारी है.
प्लेब्वॉय पहली बार 1953 में प्रकाशित हुआ था. तब इसने अपने कवर पर मर्लिन मुनरो की तस्वीर छापी थी. पास ही लिखा था- भीतर मर्लिन मुनरो न्यूड.
इस मैगजीन ने लोगों, खासकर पुरुषों को पागल कर दिया. 70 के दशक में तो प्लेब्वॉय की हर महीने लगभग 70 लाख प्रतियां बेची जा रही थीं. लेकिन 2016 आते-आते उनका ये आकंड़ा 7 लाख पर आ गिरा है. इस लिहाज से देखें तो स्कॉट फ्लैंडर्स की बात गलत...
हॉलीवुड अभिनेत्रियों की न्यूड फोटो छापने के लिए मशहूर मैगजीन 'प्लेब्वॉय' ने पिछले साल साफ-सुथरी मैगजीन बनने की कोशिश की थी. और इसी कारण से उसने न्यूड फोटो नहीं छापने का निर्णय लिया था. प्लेब्वॉय के इस फैसले से कई लोगों के दिल के टुकड़े हो गए थे. लेकिन अब फिर उनके लिए खुशखबरी आई है. प्लेब्वॉय ने अपनी मैगजीन में Naked is Normal पंच लाइन के साथ फिर से न्यूड फोटो डालने की घोषणा की है.
Naked is normal वो कह रहे हैं ये तो ठीक है. लेकिन मैगजीन को भी ये पता होना चाहिए कि Normal क्या नहीं है? अपनी मैगजीन के लेखों को बढ़ावा देने के नाम पर नग्नता को बंद करना. इसके साथ ही ऑनलाइन पॉर्नोग्राफी पर रोक लगाना और उसके कुछ महीनों के बाद बैन को हटा लेना. ये नॉर्मल नहीं है. 63 साल पुरानी पुरुषों की इस मैगजीन ने एक साल तक न्यूड फोटो से दूरी बनाने के बाद फिर से वापसी कर ली है. इसके मार्च के अंक में टॉप मॉडल एलिजाबेथ एलन की न्यूड तस्वीर के साथ कमबैक की तैयारी है.
प्लेब्वॉय पहली बार 1953 में प्रकाशित हुआ था. तब इसने अपने कवर पर मर्लिन मुनरो की तस्वीर छापी थी. पास ही लिखा था- भीतर मर्लिन मुनरो न्यूड.
इस मैगजीन ने लोगों, खासकर पुरुषों को पागल कर दिया. 70 के दशक में तो प्लेब्वॉय की हर महीने लगभग 70 लाख प्रतियां बेची जा रही थीं. लेकिन 2016 आते-आते उनका ये आकंड़ा 7 लाख पर आ गिरा है. इस लिहाज से देखें तो स्कॉट फ्लैंडर्स की बात गलत नहीं, कि अब हर किसी के हाथ में न्यूड फोटो एक क्लिक की दूरी पर है. ऐसे में मैगजीन में न्यूड तस्वीरों का बहुत महत्व नहीं रह जाता.
अक्टूबर 2015 में नग्न तस्वीरें छापने को बैन करने की घोषणा करते समय प्लेब्वॉय के चीफ एक्जीक्यूटिव स्कॉट फ्लैंडर्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स को कहा था कि- 'आज के समय में जब सेक्स और नग्नता लोगों के हाथ से सिर्फ एक क्लिक दूर है. हमारी सोच जहां तक जाती है या हम जो भी सोच सकते हैं हर वो चीज इंटरनेट पर मौजूद है. ऐसे में इस वक्त हमें इसकी जरुरत नहीं.' प्लेब्वॉय वेबसाइट ने 2014 में ही अपने वेबसाइट से नंगी तस्वीरें नहीं डालने की पॉलिसी को अपना लिया था. इसके बाद इनके ट्रैफिक में अच्छी खासी बढ़त देखी गई थी.
इसी मैगजीन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर घोषणा की है कि वो फिर से नग्न महिलाओं की तस्वीर छापेंगे, क्योंकि आपको पता है ना- 'Naked is normal'.
प्लेब्वॉय के संस्थापक ह्यूज हेफनर के बेटे और मैगजीन के सीसीओ कूपर हेफनर ने इस फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि- 'नग्नता हमारे लिए कभी दिक्कत का कारण था ही नहीं. क्योंकि नग्नता अपने आप में ही कोई दिक्कत नहीं है. हम बस अपनी खोई हुई पहचान को वापस ला रहे हैं. हम खुद को वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं.'
खबरों के मुताबिक कूपर नग्न तस्वीरें ना छापने के फैसले से कभी सहमत नहीं थे. लेकिन अब जब वो अपनी पुरानी छवि में वापस आ रहे हैं तो कुपर चाहते हैं कि मैगजीन को यंग जेनेरेशन और आने वाले जेनेरेशन से जोड़ा जाए. यही नहीं मैगजीन के मार्च-अप्रैल 2017 के अंक में न्यूड फोटो के अलावा स्कारलेट जॉनसन और एडम स्कॉट जैसे हॉलीवुड हस्तियों का इंटरव्यू भी होगा. साथ सीएनएन के कमेंटेटर वैन जॉन्स का प्रोफाइल में इस अंक में लोग पढ़ सकेंगे.
अपनी पहचान को वापस पाने के क्रम में प्लेब्वॉय अपने कवर से 'Entertainment for Men' पंचलाइन को भी हटाने वाली है. इसके अलावा मैगजीन अपने 'पार्टी जोक्स' फीचर के साथ-साथ 1960 में बंद कर दिए गए 'द प्लेब्वॉय फिलॉसफी' नाम के कॉलम को भी फिर से वापस लाने वाली है.
प्लेब्वॉय ने पिछले सात दशक में दुनिया की कई नामी-गिरामी और हाइ-प्रोफाइल महिलाओं को अपने कवर पर जगह दी है. ब्रिगिट बारदोट, नाओमी कैंपबेल, केट मॉस, जेन मैन्सफील्ड, सिन्डी क्रॉफोर्ड, किम बेसिंगर और चार्लीज थेरॉन ऐसे कुछ नाम हैं.
जनवरी/फरवरी 2016 में लाए अपने आखिरी न्यूड एडिशन में प्लेब्वॉय ने बेवॉच स्टार पामेला एंडरसन को कवर पेज पर छापा था. अब उसके ठीक एक साल बाद यह पत्रिका अपने पुराने रंग में वापस आ गई है.
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