एक देश होने के नाते भारत के दो चेहरे हैं. आदमी निडर होकर सड़कों पर पेशाब कर सकते हैं लेकिन महिलाओं को कुछ भी पहनने से पहले दो बार सोचना पड़ता है. हम हर सेकंड बच्चे पैदा करते हैं लेकिन दो वयस्क अपनी मर्ज़ी से किसी होटल के कमरे में सेक्स नहीं कर सकते. हमारे हीरो लगभग 50 की उम्र तक वरजिन रहते हैं और साधुओं में एक जवान लड़के से भी ज़्यादा पौरुष होता है. हम महिलाओं को माताओं और देवियों की तरह पूजते हैं लेकिन हिन्दी में दी जाने वाली गालियां किसी न किसी की मां और बहन पर होती हैं. लड़के कुछ भी हो, लड़के ही रहते हैं, और परिवार का सम्मान बनाए रखना लड़कियों का एकमात्र लक्ष्य होता है. अगर आपको हमारी भारत माता के अलावा कोई और देश इतना शानदार मिल जाए, तो निसंकोच बता सकते हैं.
हमारे प्रशंसनीय देश के आधुनिक समाज में सबसे उत्साहित करने वाली चीज़, जिसका दूर-दूर तक उपहास किया जाता है और दूर-दूर तक देखा भी जाता है, वो है रियलिटी शो 'bigg boss' (इसमें एक एक्स्ट्रा 'g' शायद न्यूमरोलॉजी की वजह से लगाया गया है). चाहे फिल्में हों, संगीत हो या फिर टीवी, भारत के लोग किस तरह विदेशी रचनात्मकता को पसंद करते हैं ये शो इस बात का उदाहरण है, ये शो को होस्ट करते हैं देश के सबसे चहेते वरजिन, जिसे भाई के नाम से बुलाया जाता है. शो में करीब दर्जन भर अजीब लोगों को एक आलीशान घर में बंद कर दिया जाता है, जहां सिवाय खाना बनाने, लड़ने, गप्पे मारने, योजनाएं बनाने, चिल्लाने, दूसरों की बेइज्जती करने, और अपने व्यक्तित्व का चौंकाने वाला हिस्सा दिखाने के अलावा कुछ भी करने को नहीं है. और इनका लक्ष्य केवल इतना होता है कि स्क्रीन पर सबसे ज़्यादा दिखाई दें जिससे घर के बाहर निकलने के बाद भाई की फिल्म में छोटे मोटे रोल मिल जाएं.
कुछ महिलाएं खुशकिस्मत रहीं जब खुद भट्ट उनके लिए फिल्म का ऑफर लेकर आए. हांलाकि उन महिलाओं को थोड़ा बहुत स्कैंडल में फंसना पड़ता है जिससे लोगों में कुलबुलाहट हो, और भारत में वो एक पॉर्न स्टार ही कर सकती है. पहले सनी लियोन थीं, और अब इस...
एक देश होने के नाते भारत के दो चेहरे हैं. आदमी निडर होकर सड़कों पर पेशाब कर सकते हैं लेकिन महिलाओं को कुछ भी पहनने से पहले दो बार सोचना पड़ता है. हम हर सेकंड बच्चे पैदा करते हैं लेकिन दो वयस्क अपनी मर्ज़ी से किसी होटल के कमरे में सेक्स नहीं कर सकते. हमारे हीरो लगभग 50 की उम्र तक वरजिन रहते हैं और साधुओं में एक जवान लड़के से भी ज़्यादा पौरुष होता है. हम महिलाओं को माताओं और देवियों की तरह पूजते हैं लेकिन हिन्दी में दी जाने वाली गालियां किसी न किसी की मां और बहन पर होती हैं. लड़के कुछ भी हो, लड़के ही रहते हैं, और परिवार का सम्मान बनाए रखना लड़कियों का एकमात्र लक्ष्य होता है. अगर आपको हमारी भारत माता के अलावा कोई और देश इतना शानदार मिल जाए, तो निसंकोच बता सकते हैं.
हमारे प्रशंसनीय देश के आधुनिक समाज में सबसे उत्साहित करने वाली चीज़, जिसका दूर-दूर तक उपहास किया जाता है और दूर-दूर तक देखा भी जाता है, वो है रियलिटी शो 'bigg boss' (इसमें एक एक्स्ट्रा 'g' शायद न्यूमरोलॉजी की वजह से लगाया गया है). चाहे फिल्में हों, संगीत हो या फिर टीवी, भारत के लोग किस तरह विदेशी रचनात्मकता को पसंद करते हैं ये शो इस बात का उदाहरण है, ये शो को होस्ट करते हैं देश के सबसे चहेते वरजिन, जिसे भाई के नाम से बुलाया जाता है. शो में करीब दर्जन भर अजीब लोगों को एक आलीशान घर में बंद कर दिया जाता है, जहां सिवाय खाना बनाने, लड़ने, गप्पे मारने, योजनाएं बनाने, चिल्लाने, दूसरों की बेइज्जती करने, और अपने व्यक्तित्व का चौंकाने वाला हिस्सा दिखाने के अलावा कुछ भी करने को नहीं है. और इनका लक्ष्य केवल इतना होता है कि स्क्रीन पर सबसे ज़्यादा दिखाई दें जिससे घर के बाहर निकलने के बाद भाई की फिल्म में छोटे मोटे रोल मिल जाएं.
कुछ महिलाएं खुशकिस्मत रहीं जब खुद भट्ट उनके लिए फिल्म का ऑफर लेकर आए. हांलाकि उन महिलाओं को थोड़ा बहुत स्कैंडल में फंसना पड़ता है जिससे लोगों में कुलबुलाहट हो, और भारत में वो एक पॉर्न स्टार ही कर सकती है. पहले सनी लियोन थीं, और अब इस सीजन में मिया खलीफा.
वो लोग जो मिया खलीफा को नहीं जानते और वो जो न जानने का नाटक करते हैं, उन्हें बता दें कि मिया एक लैबनानी अडल्ट फिल्म स्टार हैं, जिन्होंने अपने एक वीडियो में सिर्फ एक हिजाब पहनकर पूरे मिडिल ईस्ट में तूफान खड़ा कर दिया था. चश्मा लगाना उनका सिग्नेचर लुक है, और वो दुनिया में सबसे ज़्यादा सर्च की जाने वाली पॉर्न स्टार हैं. अगर ये टीआरपी बढ़ाने की गारंटी नहीं है, तो फिर और क्या है?
हमारे देश में टीवी जो परोस रहा है उसकी गुणवत्ता पर तर्क करने में तो समय लगेगा, पर जिस तरह 'बिग बॉस' एक के बाद एक सीजन लेकर हमें डराने आ जाता है उससे दो बातें तो सिद्ध होती हैं, कि हमें टीवी के नाम पर कचरा पसंद है और ये कि इस देश में सेक्स बेचना बाध्यता है.
ये होती है शॉक-वैल्यू, उस चीज़ को हमें देने की कला, जो हमने की तो है पर कभी स्वीकार नहीं किया. भारत में सेक्स ही एक ऐसी हैरान करने वाली चीज है जिस पर कभी किसी ने कुछ कहा होगा, पर कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि दुनिया में सबसे ज्यादा पॉर्न देखने वाले देशों की सूची में भारत छठे स्थान पर है. प्राइम टाइम टेलीविजन पर एक और व्यक्तित्व दिखाने के लिए क्या हम बिग-बॉस बनाने वालों को दोष दे सकते हैं? नहीं, वो हमें इसका तोहफा दे रहे हैं क्योंकि हमें वो चाहिए.
हम जल्द ही भारत में और अपनी टीवी स्क्रीन्स पर मिया खलीफा के स्वागत के लिए तैयार होंगे. किसी के भी आगमन के लिए निश्चित तौर पर भारत सबसे लोकपिय देशों में से एक है, और इसके कई कारण भी हैं-
हम पॉर्न स्टार को स्टार बना देते हैं- एक देश जो फिलहाल पॉर्न बैन पर बंटा हुआ है वो एक पॉर्न स्टार की सफलता पर तो एकमत है ही. सनी लियोन अब तक उन अकेले लोगों की प्रिय थीं जिनके पास सिवाए इंटरनेट कनेक्शन के कोई नहीं था, पर आज वो ऐसी फिल्मों का चेहरा हैं जो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा खासा पैसा कमा रही हैं. बेबी डॉल मैं सोने दी!
हमें आइटम सॉन्ग का जुनून है- एक गंदे तरीके से कोरियोग्राफ किए और निहायती बकवास आइटम सॉन्ग के अलावा हमें कोई भी जोश नहीं दिलाता, ये गाने हर छोटी और बड़ी फिल्मों में आते रहते हैं और जिसमें फिल्माया जाता है उन A-list सैलीब्रिटीज को, जो अपने समय में शायद और भी कुछ बेहतर कर सकती थीं. हांलाकि दिन ब दिन ये और भी भद्दे होते जा रहे हैं, आप देखिए, मैरी अब भी सौ टका चार्टबस्टर है.
हमें पॉर्न का जुनून है- हमारे बुरी तरह व्यस्त जीवन में, यही एक ऐसी चीज़ है जो हमें सुकून देती है. हम सबसे ज्यादा पॉर्न देखने वाले टॉप टैन देशों में से एक हैं. घर हो, काम हो, या फिर संसद, हम जहां भी जाएं बस यही देख रहे होते हैं.
हम पॉर्न स्टार्स को एक दूसरा करियर ऑप्शन देने की केशिश कर रहे हैं- बैन तो आखिरकार शायद हटा ही लिया जाए पर फिर भी हम सबकुछ बैन करने वाले दौर में हैं. हमें नहीं पता कब कोई 'बुद्धिमान' नेता वापस बैन लगा दे. तब इन मेहनती पॉर्न स्टार्स का क्या होगा? बॉलीवुड में काम करने के लिए उनका हमेशा स्वागत है क्योंकि हमारे यहां जिस्म दिखाने वाली खूबसूरत महिलाओं की हमेशा कमी रहती है. अभिनय करना हमेशा तो जरूरी नहीं होता, है न.
मिया खलीफा स्वागत है आपका, बिग बॉस चाहते हैं कि आप कन्फेशन रूम में आएं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.