रोज सुबह अखबार उठाएं तो एक खबर जो हमेशा मौजूद होगी वो है रेप की. रेप की एक से बढ़कर एक दिल दहलाने वाली खबरें अब हमारे लिए रोज की बात हो गईं हैं. चाहे वो 2012 का निर्भया कांड हो या फिर हाल का रोहतक मामला. हर घटना हमें अंदर तक झकझोर देने के लिए काफी है. हालात ये है कि ना चाहते हुए भी हमें इस सच्चाई को स्वीकार करना ही पड़ेगा कि रेप अब देश में किसी लाइलाज बीमारी की तरह फैल गया है.
लेकिन वो कहावत है ना जहां चाह, वहां राह. तो हमारे देश के कुछ बुद्धिजीवी मंत्रियों ने इसका इलाज भी खोज निकाला है और उसे हम सभी को मानना भी चाहिए. अगर आप लोगों को लगता है कि हमारे माननीयों ने सख्त कानून लागू करने या लोगों की मानसिकता को बदलने में मदद करने जैसा कोई बचकाना फैसला किया है, तो आप सरासर गलत हैं. देखिए वो पांच उपाय जो ऐसे बचकाना फैसलों से कई गुना अच्छे हैं- ऐसा कम से कम हमारे जन प्रतिनिधियों को लगता है.
1- बलात्कार रोकना चाहते हैं? खेती करना शुरू कर दें
अरे ये मजाक नहीं है! केरल के लोक निर्माण मंत्री जी सुधाकरन ने हाल ही में ये बात अपने श्रीमुख से कही थी. मंत्री जी के अनुसार- 'अगर अधिक से अधिक पुरुष खेती करने लगें और महिलाएं अपने फोन के लिए पागलपन को थोड़ा कम करें तो, रेप की घटनाएं खुद-ब-खुद कम हो जाएंगी.'
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मंत्री जी ने कहा कि 'किसानों को महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का समय ही नहीं होता, क्योंकि वे खेती में व्यस्त रहते हैं.' साथ ही उन्होंने कहा कि- 'सड़कों पर चलते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को अपने आस-पास को माहौल का ध्यान ही नहीं रहता और असामाजिक तत्व इस मौके का इस्तेमाल लड़कियों को नुकसान पहुंचाने के लिए करते...
रोज सुबह अखबार उठाएं तो एक खबर जो हमेशा मौजूद होगी वो है रेप की. रेप की एक से बढ़कर एक दिल दहलाने वाली खबरें अब हमारे लिए रोज की बात हो गईं हैं. चाहे वो 2012 का निर्भया कांड हो या फिर हाल का रोहतक मामला. हर घटना हमें अंदर तक झकझोर देने के लिए काफी है. हालात ये है कि ना चाहते हुए भी हमें इस सच्चाई को स्वीकार करना ही पड़ेगा कि रेप अब देश में किसी लाइलाज बीमारी की तरह फैल गया है.
लेकिन वो कहावत है ना जहां चाह, वहां राह. तो हमारे देश के कुछ बुद्धिजीवी मंत्रियों ने इसका इलाज भी खोज निकाला है और उसे हम सभी को मानना भी चाहिए. अगर आप लोगों को लगता है कि हमारे माननीयों ने सख्त कानून लागू करने या लोगों की मानसिकता को बदलने में मदद करने जैसा कोई बचकाना फैसला किया है, तो आप सरासर गलत हैं. देखिए वो पांच उपाय जो ऐसे बचकाना फैसलों से कई गुना अच्छे हैं- ऐसा कम से कम हमारे जन प्रतिनिधियों को लगता है.
1- बलात्कार रोकना चाहते हैं? खेती करना शुरू कर दें
अरे ये मजाक नहीं है! केरल के लोक निर्माण मंत्री जी सुधाकरन ने हाल ही में ये बात अपने श्रीमुख से कही थी. मंत्री जी के अनुसार- 'अगर अधिक से अधिक पुरुष खेती करने लगें और महिलाएं अपने फोन के लिए पागलपन को थोड़ा कम करें तो, रेप की घटनाएं खुद-ब-खुद कम हो जाएंगी.'
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मंत्री जी ने कहा कि 'किसानों को महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने का समय ही नहीं होता, क्योंकि वे खेती में व्यस्त रहते हैं.' साथ ही उन्होंने कहा कि- 'सड़कों पर चलते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को अपने आस-पास को माहौल का ध्यान ही नहीं रहता और असामाजिक तत्व इस मौके का इस्तेमाल लड़कियों को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं.'
2- भारतीय संस्कृति का पालन करें तो रेप नहीं होगा
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सोचते हैं कि रेप पश्चिमी संस्कृति की देन है. यहां तक की उनके मुताबिक हमारे देश के गांवों में रेप होते ही नहीं हैं.
उन्होंने कहा था, 'रेप शहरों में होते हैं गाँवों में नहीं. औरतों को बिना किसी रिश्तेदार के घर से बाहर निकलना नहीं चाहिए. हमारे यहां ऐसी घटनाएं इसलिए होती हैं क्योंकि हमारी सोच पर पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव है और साथ ही महिलाएं छोटे कपड़े पहनती हैं.'
3- रेप से बचने के लिए महिलाओं को अपने पुरूष रिश्तेदारों के साथ ही घर से बाहर निकलना चाहिए
समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी के पास तो रेप से बचने का रामबाण इलाज है. उन्होंने कहा था- 'महिलाओं को अपने घर से बाहर सिर्फ पुरुष रिश्तेदारों के साथ ही निकलना चाहिए.' अब भले-मानस अबू आजमी जी को ये थोड़े पता होगा कि रेप तो घर की चारदीवारी के अंदर भी होते हैं.
4- मंदिर जाने से रेप से बचा सकता है
जब हमलोग परेशान होते हैं या तनाव में होते हैं तो भगवान का ही आसरा लेते हैं. लेकिन बीजेपी नेता बाबूलाल गौड़ के हिसाब से असीम भक्ति का एक फायदा महिलाओं का रेप ना होना भी है! गौड़ का कहना है- महिलाओं के खिलाफ होने वाली घटनाओं का सीधा संबंध महिलाएं कितने कपड़े पहनती हैं और कितनी बार मंदिर के चक्कर लगाती हैं से है. चेन्नई में रेप की बहुत कम घटनाएं होती हैं क्योंकि यहां कि महिलाएं साड़ियां पहनकर रहती हैं.'
5- पिज्जा, बर्गर खाना छोड़ दें तो रेप का खतरा खत्म हो जाएगा
जंक फूड हमारे शरीर में कई समस्याओं की जड़ है. लेकिन क्या आपको पता है कि जंक फू़ड खाने से रेप हो सकता है? यकीन मानिए हरियाणा के एक खाप नेता ने रेप की घटना का दोषी चाउमीन को ठहराया था.
हरियाणा खाप नेता जितेंदर छतर ने कहा था, 'जहां तक मेरी समझ है, फास्ट फूड खाने से इस तरह की घटनाएं होती हैं. चाउमीन खाने से हॉर्मोन में गड़बड़ी होती है जिससे लोग इस तरह के गलत हरकतों में फंस जाते हैं.'
ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी खाने-पीने के किसी आइटम को रेप के लिए दोषी ठहराया गया हो. भाजपा के विनय बिहारी ने कहा था कि रेप के पीछे मांसाहारी खाना खाना ही मुख्य कारण है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चिकन और मछली जैसा मांसाहारी खाना खाने वाले लोगों का झुकाव छेड़छाड़ और रेप की तरफ होता है. इसका कारण उन्होंने ये बताया था कि मांस खाने से शरीर में गर्मी हो जाती है जिसके कारण रेप होते हैं.
मुद्दे की बात तो ये है कि महिलाओं के कपड़े, मोबाइल फोन और चाउमिन को रेप के लिए जिम्मेदार बताने के बजाए अगर समाज की मानसिकता को दोषी मानते तो स्थिति बहुत बेहतर होती. लेकिन कुछ नेता जो मन में आए वो बोलने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं.
शायद जिस दिन नेताओं और मंत्रियों को सद्बुद्धि आएगी उसी दिन महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में कमी आएगी.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.