महिला दिवस 8 मार्च को हर साल मनाते हैं. लेकिन महिलाओं के लिए अपनी स्वतंत्रता, बराबरी और सम्मान की लड़ाई चलती ही रहती है. साल का ये दिन तो प्रतीकात्मक होता है, लेकिन सच्चाई आज भी यही है कि किसी औरत के हिस्से में रविवार शायद ही कभी आता हो. अगर रात ना होती तो कमर सीधी करने के लिए एक घंटे का समय शायद ही उन्हें कभी नसीब होता.
पर अब महिलाएं बदल रही हैं और अपने अधिकारों के प्रति सजग होने के साथ-साथ मजबूती से खड़ी भी हो रही हैं. लैंगिक समानता की बात अब जोर पकड़ रही है. इसके लिए जरुरी है कि महिलाओं में अपनी पहचान और अपने प्रति सशक्त हों. दुनिया भर की सभी औरतों को एक-दूसरे के लिए खड़ा होना चाहिए. 'औरत ही औरत की दुश्मन होती है' इस कहावत को झूठा साबित करना हम सभी का फर्ज है.
नोबेल विजेता मलाला युसूफजई और यूएन में हॉलीवुड अभिनेत्री एम्मा वाटसन के स्पीच से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं. इन्होंने बताया कि खुद के लिए खड़े होना उतना भी मुश्किल नहीं हैं. हां इच्छाशक्ति जरुर चाहिए. अगर आप भी महिलाओं के इस संघर्ष का हिस्सा बनना चाहती हैं तो जानिए वो सशक्त बनने के इन प्रयासों के बारे में जान लीजिए. ये ना सिर्फ आपका मनोबल बढ़ाएंगे बल्कि और को भी प्रेरणा देंगे.
1- बोलना सीखें
सशक्तीकरण के लिए एक बात सबसे महत्वपूर्ण है. वो है बोलना सीखें, बोलने के लिए तैयार रहें. साथ ही आपकी बात, आवाज में इतना दम होना चाहिए कि लोग आपको सुनें. ये तब और भी जरुरी हो जाता है जब आप किसी महान कार्य के लिए अपनी आवाज उठा रही हैं.
किसी भी लड़की को अपने विचारों को किसी के भी सामने रखने से डरना नहीं चाहिए. चाहे उसके सामने एक इंसान हो या फिर पूरी भीड़ ही खड़ी हो. एक लड़की जो अपनी राय व्यक्त करती है वो दूसरों के...
महिला दिवस 8 मार्च को हर साल मनाते हैं. लेकिन महिलाओं के लिए अपनी स्वतंत्रता, बराबरी और सम्मान की लड़ाई चलती ही रहती है. साल का ये दिन तो प्रतीकात्मक होता है, लेकिन सच्चाई आज भी यही है कि किसी औरत के हिस्से में रविवार शायद ही कभी आता हो. अगर रात ना होती तो कमर सीधी करने के लिए एक घंटे का समय शायद ही उन्हें कभी नसीब होता.
पर अब महिलाएं बदल रही हैं और अपने अधिकारों के प्रति सजग होने के साथ-साथ मजबूती से खड़ी भी हो रही हैं. लैंगिक समानता की बात अब जोर पकड़ रही है. इसके लिए जरुरी है कि महिलाओं में अपनी पहचान और अपने प्रति सशक्त हों. दुनिया भर की सभी औरतों को एक-दूसरे के लिए खड़ा होना चाहिए. 'औरत ही औरत की दुश्मन होती है' इस कहावत को झूठा साबित करना हम सभी का फर्ज है.
नोबेल विजेता मलाला युसूफजई और यूएन में हॉलीवुड अभिनेत्री एम्मा वाटसन के स्पीच से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं. इन्होंने बताया कि खुद के लिए खड़े होना उतना भी मुश्किल नहीं हैं. हां इच्छाशक्ति जरुर चाहिए. अगर आप भी महिलाओं के इस संघर्ष का हिस्सा बनना चाहती हैं तो जानिए वो सशक्त बनने के इन प्रयासों के बारे में जान लीजिए. ये ना सिर्फ आपका मनोबल बढ़ाएंगे बल्कि और को भी प्रेरणा देंगे.
1- बोलना सीखें
सशक्तीकरण के लिए एक बात सबसे महत्वपूर्ण है. वो है बोलना सीखें, बोलने के लिए तैयार रहें. साथ ही आपकी बात, आवाज में इतना दम होना चाहिए कि लोग आपको सुनें. ये तब और भी जरुरी हो जाता है जब आप किसी महान कार्य के लिए अपनी आवाज उठा रही हैं.
किसी भी लड़की को अपने विचारों को किसी के भी सामने रखने से डरना नहीं चाहिए. चाहे उसके सामने एक इंसान हो या फिर पूरी भीड़ ही खड़ी हो. एक लड़की जो अपनी राय व्यक्त करती है वो दूसरों के विचारों को सुनती है और उसकी इज्जत भी करती है. साथ ही ऐसी लड़की कभी भी अपने विचारों से असहमति रखने वालों या उसकी आलोचना करने वालों से कभी डरती नहीं है. ऐसी लड़कियों का सम्मान सारे लोग करते हैं.
2- लीडर बनें
लीडरशिप का मतलब दूसरों पर धौंस जमाना या फिर खुद को दूसरों से श्रेष्ठ मानना ये नहीं होता. एक अच्छा नेता लोगों को प्रेरणा देता है और टीम को एक साथ लाने की जिम्मेदारी भी उसी की होती है.
नेता एक समूह प्रतिनिधि होता है. वो एक अच्छा श्रोता तो होता ही है इसके अलावा वो लोगों की समस्याओं का समाधान भी करता है. अच्छा नेता बनिए. इससे ना सिर्फ आप महिलाओं के प्रति अपने आसपास के लोगों का नजरिया बदलेंगे बल्कि उन्हें महिलाओं के अपनी सोच बदलने के लिए भी प्रेरित करेंगीं.
3- आत्मनिर्भर बनें
लड़कियों को हमेशा ही कमजोर और दूसरों पर निर्भर रहने वाली माना जाता है. लेकिन एक हिम्मती औरत इस बात को भली-भांति जानती है कि उसे कब कमजोर होना है और कब उसे मजबूती से खड़े होना है.
एक शक्तिशाली लड़की मजाकिया तो होती ही है साथ ही उसे सीखने की प्यास होती है. कुछ भी नया सीखने के लिए वो हमेशा तैयार होती है. अपने क्षेत्र में जब वो कमाल करती है तो अपना ज्ञान दूसरों के साथ बांटने के लिए भी हमेशा तैयरा रहती है. यही नहीं अपने अधिकारों के लिए भी हमेशा ही खड़ी और जरुरत पड़ने पर बहस करने का भी माद्दा रखती है.
इसलिए ज्यादा से ज्यादा जानकारी बटोरें और हमेशा सीखती रहें.
5- खूब मेहनत करें
कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता. और सफलता सिर्फ एक ही मूल मंत्र है वो है मेहनत. हर लड़की को अपने सपने को पूरा करने के लिए जान लगा देनी चाहिए. जो भी वो पाना चाहती है उसे पाने के लिए अपना बेस्ट देना चाहिए. कई लोग कहते हैं कि बड़े और सफल लोगों के पीछे भाग्य का हाथ होता है. लेकिन ये बात याद रखें कि बिना मेहनत के भाग्य नाम की कोई चीज नहीं होती है.
तो कमर कस के तैयार हो जाइए और खुद को सशक्त बनाइए.
6- दूसरों को इज्जत दें
अगर आपको सामने वाले से इज्जत चाहिए तो पहले खुद इज्जत देना सीखिए. इस बात से इतर की आपके साथ कैसा सलूक किया जा रहा है आप दूसरों को इज्जत दें. इज्जत ना तो कभी खरीदी जा सकती है ना ही ताकत से पाई जा सकती है. इसलिए आप दूसरों से वैसा ही सलूक करें जैसा आप खुद के लिए चाहती हैं.
विनम्र और दूसरों की बातों को सुनने वाली लड़कियों की बातों को लोग भी ध्यान से सुनते हैं और उसकी कद्र भी ज्यादा होती है.
7- आत्मविश्वासी बनें
आत्मविश्वास की कमी से अच्छी तैयारी वाले व्यक्ति को भी असफलता का मुंह देखना पड़ जाता है. यहां तक कि कभी-कभी तो खुद की नेतृत्वक्षमता और अपनी काबिलियत पर से भी भरोसा खत्म हो जाता है. और अपनी प्रतिबद्धता पर भी संदेह करने लगते हैं.
सशक्त बनने से ज्यादा जरुरी अपनी खामियों को स्वीकार करने की हिम्मत रखना और अपने गुणों को जानना है. हमेशा अपनी गलतियों को जानने के लिए तैयार रहें और उसमें सुधार करने की कोशिश करें. जब एक लड़की अपनी पूरी क्षमता से अवगत होती है तो वह स्वाभाविक रूप से एक शक्तिशाली महिला बन जाती है.
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