केरल जा रहे हों और किसी महिला को घूरें तो ध्यान रखना कि 14 सेकंड से ज्यादा मत घूरना. आपके ऊपर केस दर्ज हो सकता है. और ये हम नहीं कह रहे, बल्कि केरल के एक्साइज कमिश्नर का कहना है.
'किसी महिला को 14 सेकंड से ज्यादा घूरना अपराध होता है'- ऋषिराज सिंह |
एक कार्यक्रम में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की संख्या पर विचार रखते हुए एक्साइज कमिश्नर के पद पर तैनात आईपीएस ऋषिराज सिंह ने कहा कि 'अगर किसी गैर महिला को 14 सेकंड से ज्यादा घूरते हैं तो ये अपराध है, और ऐसा करने पर उस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है. लेकिन अब तक राज्य में इस तरह की एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।'
इस बयान पर खेल मंत्री ईपी जयराजन ने अफसर को फटकार लगाते हुए कहा कि 'उन्हें अपनी कानूनी जानकारी बढ़ाने की जरूरत है.' खेल मंत्री ने कहा कि 'मुझे नहीं मालूम कि आबकारी कमिश्नर को यह जानकारी कहां से मिली. वह एक ऐसे कानून का उदाहरण दे रहे हैं जो कहीं है ही नहीं. '
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इस मामले में कानूनी जानकारों का भी यही कहना है कि किसी व्यक्ति पर केवल महिला को घूरने के आरोप में केस दर्ज नहीं किया जा सकता. ऐसा कोई कानून नहीं है.
कमिश्नर साहब की बात को अगर प्रेक्टिकली सोचा जाए तो अब महिलाएं और पुरुष हाथों में स्टॉपवाच लेकर घूमेंगे, और जैसे...
केरल जा रहे हों और किसी महिला को घूरें तो ध्यान रखना कि 14 सेकंड से ज्यादा मत घूरना. आपके ऊपर केस दर्ज हो सकता है. और ये हम नहीं कह रहे, बल्कि केरल के एक्साइज कमिश्नर का कहना है.
'किसी महिला को 14 सेकंड से ज्यादा घूरना अपराध होता है'- ऋषिराज सिंह |
एक कार्यक्रम में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की संख्या पर विचार रखते हुए एक्साइज कमिश्नर के पद पर तैनात आईपीएस ऋषिराज सिंह ने कहा कि 'अगर किसी गैर महिला को 14 सेकंड से ज्यादा घूरते हैं तो ये अपराध है, और ऐसा करने पर उस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है. लेकिन अब तक राज्य में इस तरह की एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।'
इस बयान पर खेल मंत्री ईपी जयराजन ने अफसर को फटकार लगाते हुए कहा कि 'उन्हें अपनी कानूनी जानकारी बढ़ाने की जरूरत है.' खेल मंत्री ने कहा कि 'मुझे नहीं मालूम कि आबकारी कमिश्नर को यह जानकारी कहां से मिली. वह एक ऐसे कानून का उदाहरण दे रहे हैं जो कहीं है ही नहीं. '
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इस मामले में कानूनी जानकारों का भी यही कहना है कि किसी व्यक्ति पर केवल महिला को घूरने के आरोप में केस दर्ज नहीं किया जा सकता. ऐसा कोई कानून नहीं है.
कमिश्नर साहब की बात को अगर प्रेक्टिकली सोचा जाए तो अब महिलाएं और पुरुष हाथों में स्टॉपवाच लेकर घूमेंगे, और जैसे ही कोई पुरुष किसी महिला को देखेगा महिला तुरंत घड़ी निकालकर उसके घूरने के समय पर नजर रखेगी कि बस 15 सेकंड हों और वो उसके खिलाफ शिकायत दर्द करावाएं. वहीं बेचारे पुरुष, वो महिलाओं को घूरें या फिर घड़ी की सुइयों पर ध्यान दें. फिर तो इससे एक और बात सिद्ध हो जाती है कि महिला को 14 सेकेंड तक घूरना जायज है. बहरहाल कमिश्नर साहब के बयान ने सबको कन्फ्यूज कर दिया. मंत्री जी से फटकार लगी तो लगी, सोशल मीडिया पर भी बख्शे नहीं गए ऋषिराज सिंह. वहां तो जमकर खिल्ली उड़ाई गई.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.