बचपन में एक कविता पढ़ी थी, 'चिढ़िया के थे बच्चे चार, निकले घर से पंख पसार'.... इस कविता की आखिरी लाइन में बच्चे खुद आकर मां को कहते हैं कि, 'देख लिया हमने जग सारा, अपना घर है सबसे प्यारा.' कुछ ऐसा ही होता है घर से बाहर रहने वाले लोगों के साथ. पढ़ाई, नौकरी, करियर सबके आगे बेबस अगर कोई अपना घर छोड़कर बाहर जाता है तो मन में कई सवाल होते हैं. एक सवाल होता है कि क्या हम सुरक्षित रहेंगे? वैसे तो लड़के और लड़कियां दोनों ही ये सोचते हैं, लेकिन अगर लड़कियों की बात की जाए तो इस सवाल का जवाब किसी कश्मकश की तरह होता है.
लड़कियां जो घर से बाहर रहती हैं अगर किसी पीजी या हॉस्टल को अपना बसेरा बनाती हैं उन्हें सुरक्षा के साथ-साथ कई और डर भी सताते हैं. कम से कम पिछले 8 साल से अलग-अलग शहरों के पीजी और हॉस्टल में रहकर, अलग-अलग तरह की लड़कियों से मिलकर मैं तो ये दावे के साथ कह सकती हूं कि 80% लड़कियां एक जैसी समस्याओं से ही परेशान रहती हैं. आखिर गर्ल्स पीजी के बंद कमरों के अंदर एक अलग ही दुनिया होती है. पिछले कुछ महीनों से दिल्ली के एक पीजी में रहते हुए अनेक तरह के डरों से मेरा भी सामना हुआ है. तो कौन से हैं वो डर ?
1. सुरक्षा का डर
पीजी या हॉस्टल में सुरक्षा का डर होता है. ये डर उन पीजी में भी होता है जहां कोई गार्ड हमेशा रहे. कभी कोई स्टॉकर आकर हंगामा करे, आपकी किसी सहेली का अग्रैसिव ब्वॉयफ्रेंड हो या कोई और. पीजी में रहने वाली लड़कियां भले ही बाहर की दुनिया से एक बार सुरक्षित हों, लेकिन अंदर रहने वाले लोगों की दुश्मनी कई बार भारी पड़ सकती है. पुरानी कहावत है कि अगर कोई दोस्त दुश्मन बन जाए तो बहुत खतरनाक होता है. ऐसा एक किस्सा मेरे सामने भी हुआ है जिसमें लड़की की निजी जानकारी उसकी अपनी दोस्त ने ही जगजाहिर कर दी थी. कारण सिर्फ इतना था कि जरा सी नोक-झोक में कोई बात दिल पर लग गई थी.
अगर कोई 24 घंटे आपके साथ रह रहा है तो उसे आपके बारे में बहुत सी ऐसी बातें पता होती है जो आपको नुकसान पहुंचा दें. अगर आप कॉलेज...
बचपन में एक कविता पढ़ी थी, 'चिढ़िया के थे बच्चे चार, निकले घर से पंख पसार'.... इस कविता की आखिरी लाइन में बच्चे खुद आकर मां को कहते हैं कि, 'देख लिया हमने जग सारा, अपना घर है सबसे प्यारा.' कुछ ऐसा ही होता है घर से बाहर रहने वाले लोगों के साथ. पढ़ाई, नौकरी, करियर सबके आगे बेबस अगर कोई अपना घर छोड़कर बाहर जाता है तो मन में कई सवाल होते हैं. एक सवाल होता है कि क्या हम सुरक्षित रहेंगे? वैसे तो लड़के और लड़कियां दोनों ही ये सोचते हैं, लेकिन अगर लड़कियों की बात की जाए तो इस सवाल का जवाब किसी कश्मकश की तरह होता है.
लड़कियां जो घर से बाहर रहती हैं अगर किसी पीजी या हॉस्टल को अपना बसेरा बनाती हैं उन्हें सुरक्षा के साथ-साथ कई और डर भी सताते हैं. कम से कम पिछले 8 साल से अलग-अलग शहरों के पीजी और हॉस्टल में रहकर, अलग-अलग तरह की लड़कियों से मिलकर मैं तो ये दावे के साथ कह सकती हूं कि 80% लड़कियां एक जैसी समस्याओं से ही परेशान रहती हैं. आखिर गर्ल्स पीजी के बंद कमरों के अंदर एक अलग ही दुनिया होती है. पिछले कुछ महीनों से दिल्ली के एक पीजी में रहते हुए अनेक तरह के डरों से मेरा भी सामना हुआ है. तो कौन से हैं वो डर ?
1. सुरक्षा का डर
पीजी या हॉस्टल में सुरक्षा का डर होता है. ये डर उन पीजी में भी होता है जहां कोई गार्ड हमेशा रहे. कभी कोई स्टॉकर आकर हंगामा करे, आपकी किसी सहेली का अग्रैसिव ब्वॉयफ्रेंड हो या कोई और. पीजी में रहने वाली लड़कियां भले ही बाहर की दुनिया से एक बार सुरक्षित हों, लेकिन अंदर रहने वाले लोगों की दुश्मनी कई बार भारी पड़ सकती है. पुरानी कहावत है कि अगर कोई दोस्त दुश्मन बन जाए तो बहुत खतरनाक होता है. ऐसा एक किस्सा मेरे सामने भी हुआ है जिसमें लड़की की निजी जानकारी उसकी अपनी दोस्त ने ही जगजाहिर कर दी थी. कारण सिर्फ इतना था कि जरा सी नोक-झोक में कोई बात दिल पर लग गई थी.
अगर कोई 24 घंटे आपके साथ रह रहा है तो उसे आपके बारे में बहुत सी ऐसी बातें पता होती है जो आपको नुकसान पहुंचा दें. अगर आप कॉलेज हॉस्टल में हैं तो एक डर सीनियर का भी शामिल हो जाता है. रैगिंग के लिए कॉलेज जाने की जरूरत नहीं, आपके कमरे में भी सीनियर मौजूद रहते हैं.
2. अंडरगार्मेंट्स चोरी होने का डर
भले ही आप इसे देखकर मखौल बनाएं, लेकिन ये है तो शत-प्रतिशत सच. गर्ल्स पीजी में ये दिक्कत कुछ सबसे बड़ी परेशानियों में से एक होती है. कपड़े तो छोड़िए अंडरगार्मेंट्स सबसे ज्यादा चोरी होते हैं. कई बार परेशानी इतनी होती है कि किसी एक ही लड़की को टारगेट कर चोरियां की जाती हैं. ये सिर्फ पैसों के नजरिए से ही नहीं बल्कि हाईजीन के नजरिए से भी बहुत गलत बात होती है. अगर ये बात हो ही रही है तो हाल ही का एक किस्सा आपको याद होगा.. बेंगलुरु के एक गर्ल्स हॉस्टल में एक लड़का जबरन घुस गया और लड़कियों के अंडरगार्मेंट्स पहन लिए.
3. नौकरों का डर
हाल ही का एक किस्सा है जहां पीजी की एक लड़की को नौकर खिड़की में से देख रहा था. ये तो शुक्र है कि उसकी नजर पड़ गई वर्ना कुछ भी हो सकता था. नौकर ने बाद में अपना जुर्म कबूल भी कर लिया और साथ ही कई और खुलासे भी किए. कुछ समय पहले ये खबर आई थी कि एक गर्ल्स पीजी में नौकर लड़की के कमरे में घुसकर अश्लील हरकतें करता हुआ पकड़ा गया.
पीजी की दीवारें भले ही बाहर से बड़ी हों, लेकिन पीजी की लड़कियों को उन मर्दों से भी खतरा हो सकता है जो आते-जाते रहते हैं. चाहें वो मकान मालिक हो या फिर नौकर या फिर किसी अन्य लड़की के रिश्तेदार. लड़कियां पीजी में नाइटी पहन कर अगर घूम रही हैं और ऐसे में कोई नौकर देखे तो अचानक लड़की को अपनी सुरक्षा की चिंता होने लगती है. दीवारें बड़ी करने से क्या घर के अंदर के चोरों का हल निकल सकता है?
4. गॉसिप का टॉपिक बन जाने का डर
गर्ल्ड हॉस्टल या पीजी के गॉसिप बहुत खतरनाक होते हैं. इतने की लड़कियों को डिप्रेशन में पहुंचाने के लिए काफी होते हैं. ये हर केस में नहीं होता, लेकिन अगर हालात ज्यादा बिगड़ जाएं तो ऐसा हो सकता है. फलां लड़की का अफेयर चल रहा है, किस्से चल रहा है, उसने ओनर के साथ ज्यादा अच्छी बॉन्डिंग कर ली, उसके ऑफिस में ये चल रहा है जब कोई अपने बारे में सुने तो यकीनन इंसान निगेटिव हो जाता है.
लगभग 60% पीजी में ये बात जरूर होती है कि फलां लड़की लेस्बियन है. कुछ होती भी हैं. ये जितना सहज पढ़ने में लग रहा है उतना है नहीं. ये एक ऐसा खतरा होता है जिसका अंदाजा सिर्फ उसी को हो सकता है जिसके साथ कोई घटना हुई हो. एक बार कोई लड़का आपको गलत तरीके से छुए तो इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं, लेकिन कोई स्टॉकर लड़की मिल जाए तो. जब तक आप हरकतों को नोटिस करते हैं तब तक अलग-अलग तरह से आपके साथ हैरेसमेंट हो जाता है.
6. अकेले पड़ जाने का डर
एक होता है एकांत और दूसरा अकेलापन. एकांत में इंसान थोड़ा प्रोडक्टिव हो जाता है और अकेलापन इंसान को अंदर से खोखला कर देता है. गर्ल्स पीजी में लड़ाइयां थोड़ी अलग होती हैं. एक ग्रुप होता है जिसमें पीजी की सबसे पॉपुलर लड़की होती है और अगर खुदा ना खास्ता किसी लड़की की लड़ाई हो जाए तो सभी लड़कियां उसे अलग कर देती हैं. एक पीजी में रहते हुए अगर आप अकेले पड़ जाएं तो क्या होगा? सिर्फ बात करने को कोई नहीं होगा ऐसा नहीं है, ना ही आपकी मदद के लिए कोई आएगा और आपको देखकर किसी एलियन की तरह वर्ताव किया जाएगा.
ये एक ऐसा डर है जिससे पीजी की नई लड़कियां ज्यादा परेशान रहती हैं. जब ग्रुप बन जाए तो ये काफी हद तक कम हो जाता है.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.