सीन- 1
फ्रांस में एक मुस्लिम सम्मेलन चल रहा होता है. विषय- शरिया कानून के तहत पत्नी या महिलाओं को पीटा जाना सही है या नहीं. स्टेज पर इस्लामिक कानून के दो जानकार इमाम अपनी बात रख रहे होते हैं.
सीन- 2
अचानक से दो महिलाएं स्टेज पर चढ़ती हैं. शरीर को ढंकने के लिए ओढ़े गए काले शॉल को उतार फेंकती हैं - कमर से ऊपर एकदम निर्वस्त्र. ये दोनों महिलाएं भी मुस्लिम हैं और फिमेन (FEMEN) ग्रुप की कार्यकर्ता हैं. अपने नग्नस शरीर पर इन्होंने लिख रखा है - 'कोई मुझे गुलाम नहीं बना सकता, कोई मुझ पर अधिकार नहीं जता सकता, अपनी पैगंबर मैं खुद हूं!' ('No one can enslave me, no one can possess me, I am my own prophet!')
सीन- 3
स्टेज से इमाम भाग खड़े होते हैं. दोनों में से एक महिला माइक पकड़ सम्मेलन में आए लोगों तक अपना संदेश पहुंचाने लगती हैं... तभी भीड़ इन दोनों पर टटू पड़ती है. इन्हें स्टेज से हटाने के दौरान इन पर लात-घूंसे भी बरसाए जाते हैं.
जानना जरूरी है फिमेन (FEMEN) के बारे में: 2008 में इस नारीवादी विरोध समूह (feminist protest group) का गठन यूक्रेन में हुआ. उद्देश्य था - महिलाओं को कमतर आंकने वालों का नग्न होकर विरोध करना. समूह के संस्थापकों को मिली धमकियों के बाद 2013 में इसे पैरिस शिफ्ट किया गया. इस समूह के उद्देश्य को दर्शाती ये तीन लाइनें भी कम विवादास्पद नहीं हैं -
Our God is a Woman!
Our Mission is Protest!
Our Weapon are bare breasts!
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