भाजपा की सरकार और अपने मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ को देखकर उत्तर प्रदेश की जनता बड़ी खुश थी. प्रदेश की जनता को लग रहा थी की अब पूर्व की अपेक्षा गुंडागर्दी और अराजकता में लगाम लगेगी और उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश बनेगा. नया मुख्यमंत्री आने के बावजूद प्रदेश की हालत जस की तस है. आज भी प्रदेश में सब कुछ वैसा ही हो रहा है जैसा पहले था.
उत्तर प्रदेश के हालिया स्वरुप को देखकर कहा जा सकता है कि भले ही राज्य में रह रहे लोगों के अच्छे दिन आए हों या न आए हों मगर गाय के अच्छे दिन ज़रूर आ गए हैं. आज इस लेख में हम आपको जिस खबर से रु-ब-रु कराने जा रहे हैं उसको जानने के बाद आपको महसूस होगा कि नागरिकों की सुरक्षा, अपराध पर नियंत्रण, युवाओं को रोज़गार देने की अपेक्षा मुख्यमंत्री इस ओर ज्यादा फिक्रमंद हैं कि प्रदेश में वास कर रही गायों की स्थिति क्या है. क्या उन्हें उनके सामाजिक अधिकार मिल पा रहे हैं या नहीं. क्या टाइम से प्रदेश की गायों की सेवा हो रही है या नहीं.
खबर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सभी जेलों में गौशाला खुलवाने का फैसला किया है जहां कैदियों को रोड पर घूम रहीं गाय की सेवा करने का मौका मिलेगा. बताया जा रहा है कि कैदियों को रोजगार देने के फलस्वरूप जेल में बनी इस गौशाला से निकले दूध को बाजार में बेचा जायगा और दूध का पैसा कैदियों के खाते में जोड़ा जाएगा.
इसके अलावा योगी सरकार के कारागार मंत्री के हवाले से खबर ये भी है कि में 21 जून के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जेल के सभी कैदियों के लिए योग अनिवार्य होगा.
हो सकता है कैदियों को रोजगार देने के लिए योगी सरकार की तरफ से उठाया गया एक सराहनीय कदम हो मगर प्रश्न ये उठता है कि सरकार...
भाजपा की सरकार और अपने मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ को देखकर उत्तर प्रदेश की जनता बड़ी खुश थी. प्रदेश की जनता को लग रहा थी की अब पूर्व की अपेक्षा गुंडागर्दी और अराजकता में लगाम लगेगी और उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश बनेगा. नया मुख्यमंत्री आने के बावजूद प्रदेश की हालत जस की तस है. आज भी प्रदेश में सब कुछ वैसा ही हो रहा है जैसा पहले था.
उत्तर प्रदेश के हालिया स्वरुप को देखकर कहा जा सकता है कि भले ही राज्य में रह रहे लोगों के अच्छे दिन आए हों या न आए हों मगर गाय के अच्छे दिन ज़रूर आ गए हैं. आज इस लेख में हम आपको जिस खबर से रु-ब-रु कराने जा रहे हैं उसको जानने के बाद आपको महसूस होगा कि नागरिकों की सुरक्षा, अपराध पर नियंत्रण, युवाओं को रोज़गार देने की अपेक्षा मुख्यमंत्री इस ओर ज्यादा फिक्रमंद हैं कि प्रदेश में वास कर रही गायों की स्थिति क्या है. क्या उन्हें उनके सामाजिक अधिकार मिल पा रहे हैं या नहीं. क्या टाइम से प्रदेश की गायों की सेवा हो रही है या नहीं.
खबर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सभी जेलों में गौशाला खुलवाने का फैसला किया है जहां कैदियों को रोड पर घूम रहीं गाय की सेवा करने का मौका मिलेगा. बताया जा रहा है कि कैदियों को रोजगार देने के फलस्वरूप जेल में बनी इस गौशाला से निकले दूध को बाजार में बेचा जायगा और दूध का पैसा कैदियों के खाते में जोड़ा जाएगा.
इसके अलावा योगी सरकार के कारागार मंत्री के हवाले से खबर ये भी है कि में 21 जून के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जेल के सभी कैदियों के लिए योग अनिवार्य होगा.
हो सकता है कैदियों को रोजगार देने के लिए योगी सरकार की तरफ से उठाया गया एक सराहनीय कदम हो मगर प्रश्न ये उठता है कि सरकार उन्हें कुछ टेक्निकल ट्रेनिंग देकर कुछ ऐसा भी करवा सकती थी जो भविष्य में उनके काम आता. बहरहाल योगी सरकार का ये फैसला एक बार फिर से वो बात सिद्ध कर रहा है कि इस सरकार के लिए मुख्य मुद्दों की अपेक्षा गाय को फ्रंट फुट पर रखना खेलना सदैव फायदेमंद हुआ है.
खैर इस पूरे मामले में जहाँ एक तरफ जेल में बंद कैदियों को गया की सेवा करते देखना दिलचस्प रहेगा तो वहीं ये भी देखना मजेदार रहेगा कि अभी सरकार द्वारा राज्य भर की गायों के लिए और कौन-कौन सी परियोजनाएं चलाई जाएंगी.
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