10 हजार किलो का बम गिरा तो.... क्या अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर इतना विनाशकारी बम गिरा तो कैसा रहा होगा वो खौफनाक मंजर? क्या हुआ होगा उन लोगों का जो इस मौत के मंजर के सामने आए थे? अमेरिकी एयरफोर्स ने एक वीडियो रिलीज किया है जिसमें इस बम गिरने और उसके बाद हुए महाविनाश को दिखाया गया है. देखिए-
अफगानिस्तान में 13 अप्रैल को अमेरिका की तरफ से एक बम गिराया गया. इस बम 'GB-43' को मेसिव ऑर्डनेंस एयर ब्लास्ट बम (MOAB) भी कहा जाता है. इसका प्रचलित नाम है 'मदर ऑफ ऑल बम' है. इतने हाई-फाई नाम वाला बम है तो इसे हल्के में लेने की कोशिश मत करिएगा.
पेंटागन ने बताया कि अफगानिस्तान की नांगरहार प्रोविन्स के अचिन डिस्ट्रिक्ट में ISIS खुरासान टनल कॉम्प्लेक्स पर ये बम गिराया गया. यहां से महज एक घंटे की दूरी पर पाकिस्तान बॉर्डर है. ये बम इतना भारी था कि इसे आम जेट से नहीं बल्कि MC-130 मालवाहक विमान से पहुंचाया गया था और इसे खुद सैनिकों ने धक्का दिया था. 10 हजार किलोग्राम वजन के इस बम में 8164 टन एक्सप्लोसिव होता है और ये टीएनटी से 11 गुना ज्यादा ताकतवर होता है.
इससे ज्यादा ताकतवर न्यूक्लियर बम होते हैं. इस एक बम को फेंकने में यूएस ने करीब 103 करोड़ रुपए खर्च कर दिए. अब मुद्दा ये है कि ऐसा किया क्यों गया?
अमेरिका-अफगानिस्तान मसला 2001 में शुरू हुआ था जब प्रेसिडेंट जॉर्ज बुश ने तालिबान से ओसामा बिन लादेन को अमेरिका के हवाले करने को कहा था. तालिबान ने इसके लिए मना किया और अमेरिका ने यूके और कनाडा (सिर्फ शुरुआत में शामिल) के साथ मिलकर अफगानिस्तान में जंग छेड़ दी. 2014 में ओबामा ने इसे खत्म करने का फैसला किया, लेकिन सेना की एक टुकड़ी अफगानिस्तान में छोड़ दी. अब ISIS वहां अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है और इस कारण अमेरिका ने ये बम गिराया है.
आखिर क्या हुआ 13 अप्रैल की शाम :
अफगानी समय के अनुसार शाम 7:32 पर ये बम गिराया गया. जहां ये बम गिराया गया वहां अफरीदी कस्बे से लोग रहते हैं....
10 हजार किलो का बम गिरा तो.... क्या अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर इतना विनाशकारी बम गिरा तो कैसा रहा होगा वो खौफनाक मंजर? क्या हुआ होगा उन लोगों का जो इस मौत के मंजर के सामने आए थे? अमेरिकी एयरफोर्स ने एक वीडियो रिलीज किया है जिसमें इस बम गिरने और उसके बाद हुए महाविनाश को दिखाया गया है. देखिए-
अफगानिस्तान में 13 अप्रैल को अमेरिका की तरफ से एक बम गिराया गया. इस बम 'GB-43' को मेसिव ऑर्डनेंस एयर ब्लास्ट बम (MOAB) भी कहा जाता है. इसका प्रचलित नाम है 'मदर ऑफ ऑल बम' है. इतने हाई-फाई नाम वाला बम है तो इसे हल्के में लेने की कोशिश मत करिएगा.
पेंटागन ने बताया कि अफगानिस्तान की नांगरहार प्रोविन्स के अचिन डिस्ट्रिक्ट में ISIS खुरासान टनल कॉम्प्लेक्स पर ये बम गिराया गया. यहां से महज एक घंटे की दूरी पर पाकिस्तान बॉर्डर है. ये बम इतना भारी था कि इसे आम जेट से नहीं बल्कि MC-130 मालवाहक विमान से पहुंचाया गया था और इसे खुद सैनिकों ने धक्का दिया था. 10 हजार किलोग्राम वजन के इस बम में 8164 टन एक्सप्लोसिव होता है और ये टीएनटी से 11 गुना ज्यादा ताकतवर होता है.
इससे ज्यादा ताकतवर न्यूक्लियर बम होते हैं. इस एक बम को फेंकने में यूएस ने करीब 103 करोड़ रुपए खर्च कर दिए. अब मुद्दा ये है कि ऐसा किया क्यों गया?
अमेरिका-अफगानिस्तान मसला 2001 में शुरू हुआ था जब प्रेसिडेंट जॉर्ज बुश ने तालिबान से ओसामा बिन लादेन को अमेरिका के हवाले करने को कहा था. तालिबान ने इसके लिए मना किया और अमेरिका ने यूके और कनाडा (सिर्फ शुरुआत में शामिल) के साथ मिलकर अफगानिस्तान में जंग छेड़ दी. 2014 में ओबामा ने इसे खत्म करने का फैसला किया, लेकिन सेना की एक टुकड़ी अफगानिस्तान में छोड़ दी. अब ISIS वहां अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है और इस कारण अमेरिका ने ये बम गिराया है.
आखिर क्या हुआ 13 अप्रैल की शाम :
अफगानी समय के अनुसार शाम 7:32 पर ये बम गिराया गया. जहां ये बम गिराया गया वहां अफरीदी कस्बे से लोग रहते हैं. हालांकि, अमेरिकी सेना का कहना है कि बम से आमजन को कोई खतरा ना हो इसका ख्याल रखा गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक कुल 36 ISIS मिलिटेंट मारे गए. अमेरिका के मुताबिक करीब 600 से 800 मिलिटेंट्स अफगानिस्तान में मौजूद हैं.
अमेरिकी प्रेसिडेंट बनने से पहले ट्रंप ने शपथ ली थी कि अगर वो प्रेसिडेंट बने तो ISIS पर बम गिराए जाएंगे और यही हो रहा है. ये ताकतवर बम जमीन से 6 फिट ऊपर ही फट गया. जो कोई भी इसके ठीक नीचे होगा वो भाप बनकर उड़ गया होगा.
जहां ये बम गिराया गया था वहां 300 फिट चौड़ा गड्ढा हो गया है. जिस सुरंग पर ये बम गिराया गया वहां ऑक्सिजन की भारी कमी हो गई होगी और आतंकियों का दम घुट गया होगा. उनपर 19000 टन बारूद का भार होगा और इस बम के रास्ते में जो भी आया होगा तहस-नहस हो गया होगा.
ये ताकतवर बम आवाज के मामले में कुछ ऐसा था कि आस-पास 2 किलोमीटर तक के एरिया में जो भी होगा उसके कानों से खून निकलने लगा होगा, ज्यादा पास होने पर काम पूरी तरह से खराब हो गए होंगे. लोगों के अंग फट गए होंगे और इस धमाके की आवाज 30 किलोमीटर तक सुनाई दी होगी. 300 फिट नजदीक जो भी रहा होगा उसके बचने की उम्मीद कम है. 430 फिट पास वालों को थर्ड डिग्री बर्न होगा और हो सकता है हाथ या पैर कट गए हों.
ये बम इतना विनाशकारी था कि ग्राउंड जीरो (जहां बम गिरा) उसके आस-पास के लोगों के शरीर के टुकड़े ढूंढ पाना भी मुश्किल होगा.
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