कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने के लिए सेना नए-नए प्लान बना रही है. इस साल में ही कई आतंकियों को सेना ने मार गिराया है. सेना का रुख देखते हुए लगता है कि उन्होंने आतंक का सफाया करने की ठान ली है. लेकिन आतंकी भी उतने ही अपडेट होते जा रहे हैं. कोई मरता है तो कोई उसकी जगह ले लेता है. सेना ने काम में भले ही तेजी ला दी हो. लेकिन आतंकी सेना की नाक में दम करके रखे हैं.
इतने तनाव और कड़े पहरे में भी कश्मीर में आतंकियों के लिए हथियारों की नई खेप पहुंच गई है. इन हथियारों में छोटी AK-47 रायफल शामिल है. जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई हैं. सुरक्षा एजेंसियों का फोकस इस बात पर है कि आखिर हथियारों की नई खेप आई तो आई कहां से.
आखिर किस रास्ते से पाकिस्तानी कश्मीर में हथियार पहुंचा रहे हैं. बता दें, हाल ही में मारे गए आतंकियो के पास से वो हथियार मिले हैं जो कभी उनके पास थे ही नहीं. एजेंसियों ने उनके पास से छोटी AK-47 बरामद की हैं. पहले इनके पास बड़ी AK-47 हुआ करती थी.
डीलर्स को पकड़ने के लिए सेना बना रही प्लान
खूफिया एजेंसियों को शक है कि पाकिस्तान से ही आतंकियों के लिए हथियार आ रहे हैं. इनको शक है कि ट्रेड के रास्ते से भारत में हथियार पहुंच रहे हैं. इसलिए पाकिस्तान से आने वाली हर गाड़ी और ट्रक को बारीकी से तलाशी ली जा रही है. यही नहीं उनके सामने डीलर्स को पकड़ने की भी चुनौती है.
सेना को बखूबी पता है कि जब तक हथियारों की खेप को नहीं रोका जाता तब तक आतंकवाद को रोका नहीं जा सकता है. सेना की सबसे बड़ी चिंता अब छोटी AK-47 है. सेना को तो ये भी शक है कि कश्मीर बॉर्डर से हथियारों की स्मगलिंग जोरों पर चल रही है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि इतनी मुस्तैदी के बाद भी हथियार कैसे आतंकियों तक पहुंच रहे हैं.