उम्मीद है कि बैन... बैन सुनते रहने की ऊब से आप बाहर आ गए होंगे. फ्रेश महसूस कर रहे होंगे. कम से कम पिछले 20-25 दिनों से तो मैंने किसी बैन की कहानी नहीं सुनी. तो जनाब 'हैप्पी वीकेंड' खत्म हो गया है. बैन की एक कहानी तो अब बनती है. इस बार नॉनवेज पर बैन! अगर आप मुंबई के मीरा रोड और भयंदर इलाके में रहते हैं, नॉनवेज के प्रेमी हैं तो इस महीने आठ दिनों तक आपको मन मार कर रहना होगा. मीरा भयंदर म्यूनिस्पल कॉरपोरेशन की ओर से मीट की बिक्री पर रोक का फरमान आया है.
नॉनवेज पर बैन क्यों?
दरअसल, यह फैसला जैन समुदाय में उपवास की अवधि माने जाने वाले पर्यूषण पर्व को देखते हुए लिया गया है. इस बार यह 10 से 28 सितंबर के बीच पड़ रहा है. इस अवधि में नॉनवेज की बिक्री पर रोक के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई और फैसला बैन के पक्ष में आया. श्वेतांबर जैन 11 से 18 सितंबर और दिगंबर 18 से 27 सितंबर तक उपवास रखेंगे.
नॉनवेज की बिक्री का प्रस्ताव बीजेपी के दिनेश जैन ने निकाय की जनरल बॉडी मीटिंग में रखा था. वोटिंग में बीजेपी का पक्ष दो मतों से जीत गया. पिछले ही साल बीजेपी इस निकाय पर सत्ता में आने में कामयाब रही थी.
फिर तो सावन में प्याज पर भी बैन लगाओ
यह सच में हास्यास्पद है. ऐसे तर्कों को जायज कैसे ठहराया जा सकता है. फिर तालिबान और हममें क्या फर्क रह जाता है! उन्हें मूर्ति पूजा से नफरत है इसलिए वे बामियान के बुद्ध की मूर्तियां ही तोड़ डालते हैं! हमारे यहां नॉनवेज की मनाही है तो इस पर ही बैन लगा देते हैं!
भला, यह क्या बात हुई. इस लिहाज से देखा जाए तो रमजान में शराब पर, सावन में प्याज पर भी रोक लगा दीजिए. नवरात्र में पूरा देश फलाहार करने लगे. सूर्य ग्रहण वाले दिन खाने-पीने की सारी दुकानें बंद करा दीजिए. कई उदाहरण मिल जाएंगे. फिर आपको हर दिन कोई न कोई बैन लगाना पड़ेगा.
और जब बैन की बात आप करते हैं, उन लोगों के बारे में क्यों नहीं सोचते जो नॉनवेज की बिक्री या कसाईखानों में काम करते हैं. वे क्या...
उम्मीद है कि बैन... बैन सुनते रहने की ऊब से आप बाहर आ गए होंगे. फ्रेश महसूस कर रहे होंगे. कम से कम पिछले 20-25 दिनों से तो मैंने किसी बैन की कहानी नहीं सुनी. तो जनाब 'हैप्पी वीकेंड' खत्म हो गया है. बैन की एक कहानी तो अब बनती है. इस बार नॉनवेज पर बैन! अगर आप मुंबई के मीरा रोड और भयंदर इलाके में रहते हैं, नॉनवेज के प्रेमी हैं तो इस महीने आठ दिनों तक आपको मन मार कर रहना होगा. मीरा भयंदर म्यूनिस्पल कॉरपोरेशन की ओर से मीट की बिक्री पर रोक का फरमान आया है.
नॉनवेज पर बैन क्यों?
दरअसल, यह फैसला जैन समुदाय में उपवास की अवधि माने जाने वाले पर्यूषण पर्व को देखते हुए लिया गया है. इस बार यह 10 से 28 सितंबर के बीच पड़ रहा है. इस अवधि में नॉनवेज की बिक्री पर रोक के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई और फैसला बैन के पक्ष में आया. श्वेतांबर जैन 11 से 18 सितंबर और दिगंबर 18 से 27 सितंबर तक उपवास रखेंगे.
नॉनवेज की बिक्री का प्रस्ताव बीजेपी के दिनेश जैन ने निकाय की जनरल बॉडी मीटिंग में रखा था. वोटिंग में बीजेपी का पक्ष दो मतों से जीत गया. पिछले ही साल बीजेपी इस निकाय पर सत्ता में आने में कामयाब रही थी.
फिर तो सावन में प्याज पर भी बैन लगाओ
यह सच में हास्यास्पद है. ऐसे तर्कों को जायज कैसे ठहराया जा सकता है. फिर तालिबान और हममें क्या फर्क रह जाता है! उन्हें मूर्ति पूजा से नफरत है इसलिए वे बामियान के बुद्ध की मूर्तियां ही तोड़ डालते हैं! हमारे यहां नॉनवेज की मनाही है तो इस पर ही बैन लगा देते हैं!
भला, यह क्या बात हुई. इस लिहाज से देखा जाए तो रमजान में शराब पर, सावन में प्याज पर भी रोक लगा दीजिए. नवरात्र में पूरा देश फलाहार करने लगे. सूर्य ग्रहण वाले दिन खाने-पीने की सारी दुकानें बंद करा दीजिए. कई उदाहरण मिल जाएंगे. फिर आपको हर दिन कोई न कोई बैन लगाना पड़ेगा.
और जब बैन की बात आप करते हैं, उन लोगों के बारे में क्यों नहीं सोचते जो नॉनवेज की बिक्री या कसाईखानों में काम करते हैं. वे क्या करें? उनकी रोटी का जुगाड़ कैसे होगा? अगर धर्म में किसी चीज की मनाही है तो वे उसे मानने या नहीं मानने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन और लोगों पर उसकी बंदिश क्यों?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.