आज के दौर में धरती से कोसों दूर ड्रोन के जरिए कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं जिनमें मुख्य तौर पर सुरक्षा की दृष्टि से सैनिकों का युद्धाभ्यास, सर्विलांस और असाधारण फोटोग्राफी खास हैं.
दुनिया में ऐसे कई फोटोग्राफर हैं जो ड्रोन के जरिए अद्भुत तस्वीरें लेने के शौकीन हैं. ड्रोन असल में रिमोट कंट्रोल डिवाइस है, जिसे एक स्थान पर बैठकर कंट्रोल किया जाता है. ड्रोन हवा में उड़ सकता है इसीलिए दुर्गम इलाकों और काफी ऊंचाई तक पहुंच जाता है जहां इंसान का जाना नामुमकिन होता है.
दुर्लभ जगहों पर उड़कर पहुंच जाता है ड्रोन |
नेशनल जियोग्रॉफिक ऐसे फोटोग्राफर्स को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल एक प्रतियोगिता का आयोजन करता है. इस साल भी ड्रॉन्स्टाग्राम कॉनटेस्ट के जरिए 6000 से ज्यादा तस्वीरों में से 9 तस्वीरों को चुना गया जो वाकई में ड्रोन फोटोग्राफी के बेमिसाल काम को दिखा रहा है.
हर साल की तरह इस बार भी बड़े सोच-विचार के बाद विजयी प्रतिभागियों को चुना गया जिनका काम बेहद सराहनीय था. ये पुरस्कार तीन अलग अलग कैटेगरी के लिए दिए जाते हैं. हर कैटेगरी में तीन-तीन फोटोग्राफर की ताजपोशी होती है. ये कैटेगरिज हैं- ट्रेवेल कैटेगरी, नेचर एंड वाइल्डलाइफ कैटेगरी और स्पोर्ट्स एंड एडवेन्चर.
ट्रेवेल कैटेगरी-
इस कैटेगरी में पहले स्थान पर आने वाली तस्वीर थी इटली की, जिसे यूरोप का भारत भी कहा जाता है. इस तस्वीर में उम्ब्रिया शहर को अद्भुत तरीके से दिखाया गया है.
आज के दौर में धरती से कोसों दूर ड्रोन के जरिए कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं जिनमें मुख्य तौर पर सुरक्षा की दृष्टि से सैनिकों का युद्धाभ्यास, सर्विलांस और असाधारण फोटोग्राफी खास हैं. दुनिया में ऐसे कई फोटोग्राफर हैं जो ड्रोन के जरिए अद्भुत तस्वीरें लेने के शौकीन हैं. ड्रोन असल में रिमोट कंट्रोल डिवाइस है, जिसे एक स्थान पर बैठकर कंट्रोल किया जाता है. ड्रोन हवा में उड़ सकता है इसीलिए दुर्गम इलाकों और काफी ऊंचाई तक पहुंच जाता है जहां इंसान का जाना नामुमकिन होता है.
नेशनल जियोग्रॉफिक ऐसे फोटोग्राफर्स को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल एक प्रतियोगिता का आयोजन करता है. इस साल भी ड्रॉन्स्टाग्राम कॉनटेस्ट के जरिए 6000 से ज्यादा तस्वीरों में से 9 तस्वीरों को चुना गया जो वाकई में ड्रोन फोटोग्राफी के बेमिसाल काम को दिखा रहा है. हर साल की तरह इस बार भी बड़े सोच-विचार के बाद विजयी प्रतिभागियों को चुना गया जिनका काम बेहद सराहनीय था. ये पुरस्कार तीन अलग अलग कैटेगरी के लिए दिए जाते हैं. हर कैटेगरी में तीन-तीन फोटोग्राफर की ताजपोशी होती है. ये कैटेगरिज हैं- ट्रेवेल कैटेगरी, नेचर एंड वाइल्डलाइफ कैटेगरी और स्पोर्ट्स एंड एडवेन्चर. ट्रेवेल कैटेगरी- इस कैटेगरी में पहले स्थान पर आने वाली तस्वीर थी इटली की, जिसे यूरोप का भारत भी कहा जाता है. इस तस्वीर में उम्ब्रिया शहर को अद्भुत तरीके से दिखाया गया है.
इस कैटेगरी में दूसरा स्थान प्राप्त किया ऑस्ट्रेलिया के ब्रूमे के मशहूर ‘केबल बीच’ की तस्वीर ने.
इस कैटेगरी में तीसरे स्थान पर रही स्पेन की तस्वीर जिसमें ग्रान केनरिया के समर कैंप को ड्रोन द्वारा कैमरें में कैद किया गया था.
नेचर और वाइल्डलाइफ- इस कैटेगरी के लिए पहला पुरस्कार उस फोटोग्राफ पर दिया गया जिसमें डेनमार्क के जंगलों को ऊंचाई से कैमरे में कैद किया गया था.
इसी कड़ी में दूसरे स्थान पर वो तस्वीर रही जिसमें रोमानिया में भेडों का झुंड था.
तीसरे स्थान पर रही फोटोग्राफ में फ्रांस के एक ज्वालामुखी पिटोन डे ला का वो नजारा कैद किया गया जिसे देखना किसी के लिए भी मुश्किल होता.
स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर- इसी प्रकार स्पोर्ट्स और एडवेंचर कैटेगरी में पहली सफल तस्वीर उटाह में रॉक क्लाइंबिंग करते हुए खींची गई.
ये तस्वीर खींचकर विजेता बने मैक्स सीगल का कहना है कि ‘दो साल पहले मैंने ड्रोन चलाना शुरू किया और बहुत जल्द ही मुझे इसके जरिए अद्भुत और कभी न देखे गए नजारों को कैद करने की क्षमता का पता चला. इसके बाद मैं ड्रोन फोटोग्राफी से बाहर नहीं आ पाया.' दूसरे स्थान पर रही तस्वीर थी कोलंबिया में आयोजित तैराकी कर रहे लोगों की.
तीसरे स्थान पर रही अलास्का की वो तस्वीर जिसमें ‘चुगाछ माउन्टेन रेंज’ पर स्कींग करते व्यक्ति को ऊंचाई से कैमरे में कैद किया गया था.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |