हम अक्सर ये सोचते हैं कि शराब के बिना कोई भी पार्टी अधूरी है. और दोस्तों के साथ बिना शराब के मिलना बड़ा ही बोरिंग हो जाता है. दोस्तों का जुटान मतलब शराब. है ना? खासकर जब पबों और रेस्त्रां में महिलाओं के लिए फ्री ड्रिंक का ऑफर हो. लेकिन क्या महिलाओं को ये पता है कि किसी भी पार्टी या सोशल गैदरिंग का मजा लेने के लिए कम-से-कम उन्हें तो दारू की जरुरत नहीं पड़ती?
इससे पहले कि आप ये सोचने लगें कि हम आपको संस्कृति के ठेकेदारों की तरह नैतिकता का पाठ पढ़ाने लगे हैं तो ठहरिए मैडम ये हम नहीं कह रहे. बल्कि ये एक नई स्टडी में सामने आया है कि पुरूषों की तरह महिलाओं को पार्टियां एन्जॉय करने के लिए एल्कोहल की जरुरत नहीं पड़ती. पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय की एक स्टडी के अनुसार कुछ पैग दारू पीने का बाद ही पुरुष मुस्कुराने और जोर-जोर बातचीत करने के लिए खुल पाते हैं. जबकि महिलाओं के साथ ऐसी को समस्या नहीं है. महिलाएं पूरी तरह से अपने होशो-हवास में ही पार्टियों या किसी सोशल गैदरिंग का मजा लेने में सक्षम होती हैं.
बिहेवियर रिसर्च एंड थेरेपी पत्रिका में प्रकाशित हुए इस शोध में निष्कर्ष निकला कि शराब पीने पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा 'सामाजिक पुरस्कार' मिलते हैं.
रिसर्च के मुख्य लेखक डॉ. माइकल...
हम अक्सर ये सोचते हैं कि शराब के बिना कोई भी पार्टी अधूरी है. और दोस्तों के साथ बिना शराब के मिलना बड़ा ही बोरिंग हो जाता है. दोस्तों का जुटान मतलब शराब. है ना? खासकर जब पबों और रेस्त्रां में महिलाओं के लिए फ्री ड्रिंक का ऑफर हो. लेकिन क्या महिलाओं को ये पता है कि किसी भी पार्टी या सोशल गैदरिंग का मजा लेने के लिए कम-से-कम उन्हें तो दारू की जरुरत नहीं पड़ती?
इससे पहले कि आप ये सोचने लगें कि हम आपको संस्कृति के ठेकेदारों की तरह नैतिकता का पाठ पढ़ाने लगे हैं तो ठहरिए मैडम ये हम नहीं कह रहे. बल्कि ये एक नई स्टडी में सामने आया है कि पुरूषों की तरह महिलाओं को पार्टियां एन्जॉय करने के लिए एल्कोहल की जरुरत नहीं पड़ती. पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय की एक स्टडी के अनुसार कुछ पैग दारू पीने का बाद ही पुरुष मुस्कुराने और जोर-जोर बातचीत करने के लिए खुल पाते हैं. जबकि महिलाओं के साथ ऐसी को समस्या नहीं है. महिलाएं पूरी तरह से अपने होशो-हवास में ही पार्टियों या किसी सोशल गैदरिंग का मजा लेने में सक्षम होती हैं.
बिहेवियर रिसर्च एंड थेरेपी पत्रिका में प्रकाशित हुए इस शोध में निष्कर्ष निकला कि शराब पीने पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा 'सामाजिक पुरस्कार' मिलते हैं.
रिसर्च के मुख्य लेखक डॉ. माइकल सायेट ने कहा- 'हमने अपनी स्टडी में पाया कि पुरुषों को पीने के बाद एक-दूसरे से मुस्कुराहट से मिलने की अधिक संभावना होती है. अंजाने लोगों के बीच के अटपटेपन को खत्म करने में भी ये ज्यादा सहायक साबित होता है. वहीं महिलाओं को एक-दूसरे से मिलने के लिए पुरुषों की तरह किसी नशीले पदार्थ के सेवन की जरुरत नहीं होती ना ही इनसे वो अपने संबंधों को प्रभावित होने देती हैं.
लेकिन इसका मतलब कतई नहीं है कि आप शराब पीना छोड़ दें. इसका मतलब सिर्फ ये है कि आप अपनी दोस्तों के साथ बिना शराब पीए भी भरपूर मज़ा कर सकती हैं. वैसे भी जब किसी भी पार्टी की जान आप ही हैं तो फिर अल्कोहल की क्या ज़रूरत है, है ना?
ये भी पढ़ें-
औरत और मर्द की ख्वाहिश का सच लेकर आया है 2017 का सेक्स सर्वे
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.