स्मार्टफोन अब जरूरत नहीं लोगों की आदत बन चुका है. हो भी क्यों न, आखिर टेक्नोलॉजी के इस युग में पूरी दुनिया स्मार्टफोन में सिमटकर जो रह गई है. बस एक क्लिक में हर जानकारी और कनेक्टिविटी आपको उपलब्ध हो जाती है. शायद यही वजह है कि स्मार्टफोन के बिना जीना किसी के लिए भी आसान नहीं है, फिर ऐसा पुरुष और महिलाओं में फर्क किस बात का है. लेकिन फर्क है? इस फर्क को आंका गया है इस बात से कि पुरुषों और महिलाओं में से कौन स्मार्टफोन का इस्तेमाल ज्यादा करता है. तो जवाब है महिलाएं.
कोरिया में हाल ही की गई एक स्टीड से पता चला है. इसमें कहा गया है कि एक दिन में औसतन चार घंटे से ज्यादा मोबाइल फोन यूज करने के मामले में महिलाएं पुरुषों से काफी आगे हैं. इस स्टडी के मुताबिक महिलाओं में स्मार्टफोन एडिक्शन पुरुषों से कहीं ज्यादा है. आइए जानें क्या कहती है ये स्टडी और महिलाओं को क्यों होता है स्मार्टफोन एडिक्शन.
महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा होती है स्मार्टफोन की लतः
साउथ कोरिया की अजोऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जे-योन ने बताया कि उनकी इस स्टडी में सुओन के 6 कॉलेजों के 1236 छात्रों को शामिल किया गया. इस स्टडी में सामने आया कि सर्वे में शामिल 52 फीसदी महिलाओं ने अपने स्मार्टफोन का प्रयोग एक दिन में चार घंटे या उससे ज्यादा किया जबकि ऐसा करने वाले पुरुषों की संख्या 29.4 फीसदी ही थी.
वहीं एक दिन में स्मार्टफोन का प्रयोग छह घंटे या उससे ज्यादा करने वालों में 22.9 फीसदी महिलाएं शामिल थीं जबकि ऐसा करने वाले पुरुषों की संख्या 10.8 फीसदी थी.
साउथ कोरिया में हुई स्टडी के मुताबिक महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा होती है स्मार्टोफोन की... स्मार्टफोन अब जरूरत नहीं लोगों की आदत बन चुका है. हो भी क्यों न, आखिर टेक्नोलॉजी के इस युग में पूरी दुनिया स्मार्टफोन में सिमटकर जो रह गई है. बस एक क्लिक में हर जानकारी और कनेक्टिविटी आपको उपलब्ध हो जाती है. शायद यही वजह है कि स्मार्टफोन के बिना जीना किसी के लिए भी आसान नहीं है, फिर ऐसा पुरुष और महिलाओं में फर्क किस बात का है. लेकिन फर्क है? इस फर्क को आंका गया है इस बात से कि पुरुषों और महिलाओं में से कौन स्मार्टफोन का इस्तेमाल ज्यादा करता है. तो जवाब है महिलाएं. कोरिया में हाल ही की गई एक स्टीड से पता चला है. इसमें कहा गया है कि एक दिन में औसतन चार घंटे से ज्यादा मोबाइल फोन यूज करने के मामले में महिलाएं पुरुषों से काफी आगे हैं. इस स्टडी के मुताबिक महिलाओं में स्मार्टफोन एडिक्शन पुरुषों से कहीं ज्यादा है. आइए जानें क्या कहती है ये स्टडी और महिलाओं को क्यों होता है स्मार्टफोन एडिक्शन. महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा होती है स्मार्टफोन की लतः साउथ कोरिया की अजोऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जे-योन ने बताया कि उनकी इस स्टडी में सुओन के 6 कॉलेजों के 1236 छात्रों को शामिल किया गया. इस स्टडी में सामने आया कि सर्वे में शामिल 52 फीसदी महिलाओं ने अपने स्मार्टफोन का प्रयोग एक दिन में चार घंटे या उससे ज्यादा किया जबकि ऐसा करने वाले पुरुषों की संख्या 29.4 फीसदी ही थी. वहीं एक दिन में स्मार्टफोन का प्रयोग छह घंटे या उससे ज्यादा करने वालों में 22.9 फीसदी महिलाएं शामिल थीं जबकि ऐसा करने वाले पुरुषों की संख्या 10.8 फीसदी थी.
पब्लिक हेल्थ रिपोर्ट्स जर्नल में छपी रिपोर्ट में प्रोफेसर चांग ने महिलाओं को अपने फोन को समय-समय पर खुद से दूर रखने की सलाह दी. क्यों फोन का ज्यादा यूज करती हैं महिलाएं? इस रिपोर्ट में उन कारणों का भी जिक्र किया गया है जिनकी वजह से महिलाएं स्मार्टफोन का ज्यादा यूज करती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक महिलाएं स्मार्टफोन का ज्यादा प्रयोग सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स फेसबुक और इंस्टाग्राम के लिए करती हैं. महिलाएं इन सोशल नेटवर्किंग साइट्स को कॉल करने, गेम खेलने या कुछ सर्च करने में लगने वाले कुल समय से भी ज्यादा यूज करती हैं. जबकि पुरुष अपने स्मार्टफोन का प्रयोग ज्यादातर ब्रेक के दौरान करते हैं. वहीं महिलाएं किसी से बात करते समय और मूवी देखते समय भी अपने फोन की स्क्रीन देखती हैं. इस सर्वे में शामिल 5 में से एक (20.2 फीसदी) महिला ने माना कि जब वे अपना स्मार्टफोन यूज नहीं करती हैं तो उन्हें असुरक्षा की भावना आती है. ऐसा महसूस करने वाले पुरुषों की संख्या 8.9 फीसदी रही. इस सर्वे में शामिल कई महिलाओं ने कहा कि स्मार्टफोन के लिए उनकी लत साधारण पसंद से आगे जा पहुची हैं, एक ऐसी स्थिति जोकि उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है. महिलाएं स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल क्यों करती हैं इसका जवाब इस रिपोर्ट में देते हुए कहा गया है, 'नेटवर्किंग और कम्युनिकेशन के लिए महिलाओं की इच्छा पुरुषों से कहीं ज्यादा तीव्र होती है जो उन्हें स्मार्टफोन के जरिए सोशल नेटवर्किंग सर्विस पर ज्यादा निर्भर बनाती है.' इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |