क्रिकेट का खेल ऐसा ही है. अफगानिस्तान से हारने वाले कैरेबियाई खिलाड़ी टीम इंडिया पर भारी पड़े! अगले कुछ दिनों तक चर्चा चलती रहेगी कि गलती कहां और कैसे हुई. लेकिन असल हंगामा तो पाकिस्तान में मचा है. टीम में जब बिखराव और अविश्वास हो, अहम की लड़ाई महत्वपूर्ण हो जाए और राजनीति चरम पर तो एक अच्छी टीम का हाल क्या हो सकता है, पाकिस्तान क्रिकेट से बेहतर फिलहाल इसका कोई उदाहरण नहीं है.
पाकिस्तान सेमीफाइनल से पहले वर्ल्ड कप से बाहर क्या हुआ..बवाल मचा है. भले ही शाहिद अफरीदी या वकार यूनिस माफी मांगते दिख रहे हों लेकिन सच शायद कुछ और है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक कई ऐसी घटनाएं घटी जो बताती है कि पाकिस्तान क्रिकेट किस गर्त की ओर जा रहा है.
राजनीति और अविश्वास के साये में पाक क्रिकेट!
पाकिस्तान के कोच और पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनिस ने हाल के कुछ सीरीज में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन पर अपनी रिपोर्ट पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को सौंपी थी. लेकिन कुछ ही घंटों के भीतर इस रिपोर्ट के कुछ हिस्से मीडिया में लीक हो गए. रिपोर्ट में सनसनीखेज बातें थी..इसलिए विवाद तो मचना ही था. लेकिन साथ ही सवाल ये भी खड़े हो गए कि आखिर ये रिपोर्ट मीडिया में आए कैसे? वकार का दावा है कि उन्होंने खुद PCB के चेयरमैन शहरयार खान को ये रिपोर्ट सौंपी थी. वकार ने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'यहां संसद से ज्यादा राजनीति पाकिस्तान क्रिकेट में है.'
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वकार ने आरोप लगाए, 'एक मिनट के लिए भूल जाइए कि मैं कोच हूं. सवाल ये है कि ये गोपनीय रिपोर्ट लीक किसने की. मैंने टीम के प्रदर्शन पर अपनी निष्पक्ष राय रखी थी लेकिन ऐसा लगता...
क्रिकेट का खेल ऐसा ही है. अफगानिस्तान से हारने वाले कैरेबियाई खिलाड़ी टीम इंडिया पर भारी पड़े! अगले कुछ दिनों तक चर्चा चलती रहेगी कि गलती कहां और कैसे हुई. लेकिन असल हंगामा तो पाकिस्तान में मचा है. टीम में जब बिखराव और अविश्वास हो, अहम की लड़ाई महत्वपूर्ण हो जाए और राजनीति चरम पर तो एक अच्छी टीम का हाल क्या हो सकता है, पाकिस्तान क्रिकेट से बेहतर फिलहाल इसका कोई उदाहरण नहीं है.
पाकिस्तान सेमीफाइनल से पहले वर्ल्ड कप से बाहर क्या हुआ..बवाल मचा है. भले ही शाहिद अफरीदी या वकार यूनिस माफी मांगते दिख रहे हों लेकिन सच शायद कुछ और है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक कई ऐसी घटनाएं घटी जो बताती है कि पाकिस्तान क्रिकेट किस गर्त की ओर जा रहा है.
राजनीति और अविश्वास के साये में पाक क्रिकेट!
पाकिस्तान के कोच और पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनिस ने हाल के कुछ सीरीज में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन पर अपनी रिपोर्ट पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को सौंपी थी. लेकिन कुछ ही घंटों के भीतर इस रिपोर्ट के कुछ हिस्से मीडिया में लीक हो गए. रिपोर्ट में सनसनीखेज बातें थी..इसलिए विवाद तो मचना ही था. लेकिन साथ ही सवाल ये भी खड़े हो गए कि आखिर ये रिपोर्ट मीडिया में आए कैसे? वकार का दावा है कि उन्होंने खुद PCB के चेयरमैन शहरयार खान को ये रिपोर्ट सौंपी थी. वकार ने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'यहां संसद से ज्यादा राजनीति पाकिस्तान क्रिकेट में है.'
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वकार ने आरोप लगाए, 'एक मिनट के लिए भूल जाइए कि मैं कोच हूं. सवाल ये है कि ये गोपनीय रिपोर्ट लीक किसने की. मैंने टीम के प्रदर्शन पर अपनी निष्पक्ष राय रखी थी लेकिन ऐसा लगता है कि उसके कुछ हिस्सों को उठाकर जानबूझकर लीक किया गया है ताकि मुझे किसी विलेन की तरह पेश किया जा सके.' वकार का ये भी कहना हैं कि रिपोर्ट का जो हिस्सा मीडिया में है उसमें छेड़छाड़ की गई है.
क्या है रिपोर्ट में?
वकार ने जो रिपोर्ट पेश की है उसे फिलहाल पीसीबी ने अपने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को भेज दिया है जो इस रिपोर्ट के आधार पर खिलाड़ियों से बात करेगी. लेकिन विवाद मीडिया में लीक हुई रिपोर्ट पर है. लीक हुई रिपोर्ट के अनुसार ऊंगली शाहिद अफरीदी की कप्तानी सहित अहमद शहजाद और उमर अकमल पर उठाई गई हैं. पाकिस्तान के 'दुनिया न्यूज' के मुताबिक अफरीदी का रवैया टी-20 वर्ल्ड कप में बेहद गैरजिम्मेदाराना रहा. अफरीदी कई बार टीम मीटिंग के साथ-साथ अभ्यास सत्र में भी हिस्सा नहीं लेते थे. वकार की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ल्ड कप से पहले से ही मोहम्मद हफीज चोटिल थे लेकिन उन्होंने इसे छिपाने की कोशिश की.
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रिपोर्ट में गंभीर आरोप पूर्व विकेटकीपर मोइन खान पर भी लगाए गए हैं. मीडिया में लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक ड्रेसिंग रूम का माहौल खराब करने और गुटबाजी को बढ़ावा देने में मोइन का बड़ा हाथ है. बता दें कि मोइन फिलहाल पाकिस्तान टीम के मैनेजर हैं.
अफरीदी और वकार का झगड़ा पुराना
एशिया कप के बाद ही ये खबरें आई थी कि अफरीदी और वकार के बीच कहासुनी हुई थी. संभवत: सलमान बट्ट को लेकर. सलमान बट्ट् पर मैच फिक्सिंग का दोषी पाए जाने के बाद पांच साल का प्रतिबंध लगा था जो सितंबर में खत्म हुआ. वकार वर्ल्ड कप से पहले उन्हें नेशनल टीम में वापस लाने के पक्ष में थे जबकि अफरीदी इसके खिलाफ. ऐसे ही 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के दौरान भी दोनों के बीच टीम सेलेक्शन को लेकर मनमुटाव हुआ था जिसके बाद अफरीदी को कप्तानी छोड़नी पड़ी थी.
वैसे, वकार पर पिछले साल वर्ल्ड कप (वनडे) के दौरान भी सवाल उठे थे जब लगातार असफल हो रहे नासिर जमशेद को टीम में बनाए रखा गया था. कहा गया कि ऐसा वकार की जिद के कारण हुआ. जाहिर है गुटबाजी पाक क्रिकेट की समस्या रही है. वहां खेमे बन गए हैं और हर खेमा बस दूसरे पर हावी होने की जद्दोजहद करता नजर आता है. ऐसा ही चलता रहा तो वहां के प्रशंसकों को फिलहाल तो अपने खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद छोड़ ही देनी चाहिए. क्योंकि प्रदर्शन तो तब आएगा जब क्रिकेट खेला जाएगा...फिलहाल तो कोई और ही खेल हो रहा है.
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