क्रिकेट में अगर टीम इंडिया कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतती है तो उन पर धनवर्षा हो जाती है. मैच की तैयारी के लिए भी खूब पैसा बहा दिया जाता है. लेकिन ओलंपिक की बारी आती है तो लोग खिलाड़ियों से ऐसी उम्मीदें लगा लेते हैं जैसे इन पर खूब खर्चा कर पूरी तैयारी से भेजा है.
ये सच्चाई है कि भारत में जीतने के बाद ही खिलाड़ियों पर ईनामों की वर्षा होती है. कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो पैसों की तंगी के कारण खेल बीच में ही छोड़ देते हैं. अगर उन्हें उचित मदद की जा सके तो ये खिलाड़ी भी झंडे गाड़ सकते हैं. ऐसा ही एक खिलाड़ी है निश्चय लूथरा जो देश का नंबर वन आइस स्केटर है.
जो अमेरिका में रहकर विंटर ओलंपिक 2018 की तैयारी कर रहे थे. लेकिन पैसों की कमी के कराण उसे भारत लौटना पड़ा. अब वो देश से ओलंपिक में खेलने के लिए मदद मांग रहा है. यही नहीं, मदद की आस में उनकी मां भी डिप्रेशन में चली गई हैं. पैसों की तंगी के कारण पिछले विंटर ओलंपिक में भी निश्चय नहीं जा पाए थे. लेकिन 2018 विंटर ओलंपिक में वो जाना चाहते हैं. जिसके लिए वो देश से मदद मांग रहे हैं.
जहां गए वहां जीता गोल्ड
देश के नंबर वन आईस स्केटर निश्चय ने हर जगह देश का नाम रौशन किया है. वर्ष 2012-13 में हांगकांग में एशियन जूनियर फिगर स्केटिंग चैलेंज में स्वर्ण, 2013-14 में कांस्य, वर्ष 2014 में मनीला में इंटरनेशनल आइस स्केटिंग यूनियन में कांस्य और नेशनल आइस स्केटिंग चैंपियनशिप में वर्ष 2010 से लगातार स्वर्ण पदक जीता है. अब उसका फोकस 2018 विंटर ओलंपिक में है. अगर उसे मदद मिल जाती है तो वो विदेश में जाकर देश का नाम रौशन करना चाहता है.
सोशल मीडिया पर वायरल #FanTheFire
सोशल मीडिया पर निश्चय को विंटर ओलंपिक में...
क्रिकेट में अगर टीम इंडिया कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतती है तो उन पर धनवर्षा हो जाती है. मैच की तैयारी के लिए भी खूब पैसा बहा दिया जाता है. लेकिन ओलंपिक की बारी आती है तो लोग खिलाड़ियों से ऐसी उम्मीदें लगा लेते हैं जैसे इन पर खूब खर्चा कर पूरी तैयारी से भेजा है.
ये सच्चाई है कि भारत में जीतने के बाद ही खिलाड़ियों पर ईनामों की वर्षा होती है. कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो पैसों की तंगी के कारण खेल बीच में ही छोड़ देते हैं. अगर उन्हें उचित मदद की जा सके तो ये खिलाड़ी भी झंडे गाड़ सकते हैं. ऐसा ही एक खिलाड़ी है निश्चय लूथरा जो देश का नंबर वन आइस स्केटर है.
जो अमेरिका में रहकर विंटर ओलंपिक 2018 की तैयारी कर रहे थे. लेकिन पैसों की कमी के कराण उसे भारत लौटना पड़ा. अब वो देश से ओलंपिक में खेलने के लिए मदद मांग रहा है. यही नहीं, मदद की आस में उनकी मां भी डिप्रेशन में चली गई हैं. पैसों की तंगी के कारण पिछले विंटर ओलंपिक में भी निश्चय नहीं जा पाए थे. लेकिन 2018 विंटर ओलंपिक में वो जाना चाहते हैं. जिसके लिए वो देश से मदद मांग रहे हैं.
जहां गए वहां जीता गोल्ड
देश के नंबर वन आईस स्केटर निश्चय ने हर जगह देश का नाम रौशन किया है. वर्ष 2012-13 में हांगकांग में एशियन जूनियर फिगर स्केटिंग चैलेंज में स्वर्ण, 2013-14 में कांस्य, वर्ष 2014 में मनीला में इंटरनेशनल आइस स्केटिंग यूनियन में कांस्य और नेशनल आइस स्केटिंग चैंपियनशिप में वर्ष 2010 से लगातार स्वर्ण पदक जीता है. अब उसका फोकस 2018 विंटर ओलंपिक में है. अगर उसे मदद मिल जाती है तो वो विदेश में जाकर देश का नाम रौशन करना चाहता है.
सोशल मीडिया पर वायरल #FanTheFire
सोशल मीडिया पर निश्चय को विंटर ओलंपिक में भेजने के लिए जंग सी छिड़ गई है. हर कोई उनको सपोर्ट कर रह है. एक्टर रणवीर कपूर, क्रिकेटर रोहित शर्मा, रिषभ पंत, स्वैश प्लेयर दीपिका पल्लेकल जैसे सेलेब्स भी इसमें शामिल है.
सोशल मीडिया के लिए उनका एक वीडियो भी एडिडाज ने बनाया है. जो काफी वायरल हो रहा है. जन-सहयोग साइट मिलाप भी इस खिलाड़ी के लिए लोगों से पैसों से मदद मांग रहा है. ट्विटर पर #FanTheFire नाम से हैशटैग भी बनाया गया है. जो टॉप ट्रेंड कर रहा है.
निश्चय को अमेरिका में एक वर्ष के प्रशिक्षण के लिए करीब 25 लाख रुपए की जरूरत होती है लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से उसे 10 लाख रुपए की ही मदद मिली. लेकिन अगर निश्चय को ओलंपिक में भाग लेना है तो उसे और भी पैसों की जरूरत पड़ेगी.
आइस स्केटिंग ऑफ इंडिया का कहना है कि निश्चय की मदद करने को तैयार हैं अगर वो उनके हिसाब से चले तो. लेकिन निश्चय स्वतंत्र अभ्यास करना चाहता है. जिसके लिए आइस स्केटिंग ऑफ इंडिया पहले ही मदद करने से इंकार कर चुकी है. अब निश्चय की उम्मीद देश की जनता से है. अब ये देखना होगा कि सोशल मीडिया के दम पर क्या निश्चय विंटर ओलंपिक में पहुंच पाता है या नहीं.
ये भी पढ़ें-
श्रीकांत की जीत ने हमें बताया कि क्रिकेट के देश में बैडमिंटन पर बात संभव है
ऐसा स्पोर्ट्स डे आपने कभी नहीं देखा होगा..
गोल्फ के 'टाइगर' हमारे देश में हैं और हम टाइगर वुड्स को देखते रहे
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.