अब इसे संयोग कहें या भाग्य का क्रूर मजाक या प्रकृति का न्याय, कि पाकिस्तान जो भी कर रहा है, हो उसके उलट जा रहा है फिर चाहे वो भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा हो या कुछ और.
अब आज की ही बात लें. पाकिस्तान की सीनेट ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक बनने पर आज सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास कर टीम का सम्मान किया. और आज ही पाकिस्तान से नंबर एक का ताज छिन गया. और वो भी भारत के हाथों.
भारत के हाथों पाकिस्तान से नंबर एक का ताज छिन गया |
आज भारत ने न्यूज़ीलैंड को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में हराकर 2-0 की अजेय बढ़त बना ली. और इसके साथ ही फिर से टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक बन गया. पाकिस्तान के पहले भारत ही नंबर एक था.
पाकिस्तान 22 अगस्त को नंबर एक बना था जब भारत और वेस्ट-इंडीज की चार मैचों की सीरीज 2-2 पर समाप्त हुई थी जबकि भारत को नंबर एक बने रहने के लिए सीरीज को 3-0 से जीतना था.
शायद पाकिस्तान के हुक्मरानों को 22 अगस्त से अब तक समय नहीं मिला होगा. खैर देर आये पर दुरुस्त आये. अब भले 40 दिन लग गये हों. लेकिन ये क्या हो गया. दिन चुना भी तो ये. उधर पाकिस्तान के सीनेट ने सम्मान प्रस्ताव पास किया, इधर पाकिस्तान का नंबर एक ताज ही चला गया. और वो भी भारत के पास.
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और वो भी ऐसे समय जब भारत विरोध पाकिस्तान में चरम पर है. ये देख कर तो यही लगता है...
अब इसे संयोग कहें या भाग्य का क्रूर मजाक या प्रकृति का न्याय, कि पाकिस्तान जो भी कर रहा है, हो उसके उलट जा रहा है फिर चाहे वो भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा हो या कुछ और.
अब आज की ही बात लें. पाकिस्तान की सीनेट ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक बनने पर आज सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास कर टीम का सम्मान किया. और आज ही पाकिस्तान से नंबर एक का ताज छिन गया. और वो भी भारत के हाथों.
भारत के हाथों पाकिस्तान से नंबर एक का ताज छिन गया |
आज भारत ने न्यूज़ीलैंड को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में हराकर 2-0 की अजेय बढ़त बना ली. और इसके साथ ही फिर से टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक बन गया. पाकिस्तान के पहले भारत ही नंबर एक था.
पाकिस्तान 22 अगस्त को नंबर एक बना था जब भारत और वेस्ट-इंडीज की चार मैचों की सीरीज 2-2 पर समाप्त हुई थी जबकि भारत को नंबर एक बने रहने के लिए सीरीज को 3-0 से जीतना था.
शायद पाकिस्तान के हुक्मरानों को 22 अगस्त से अब तक समय नहीं मिला होगा. खैर देर आये पर दुरुस्त आये. अब भले 40 दिन लग गये हों. लेकिन ये क्या हो गया. दिन चुना भी तो ये. उधर पाकिस्तान के सीनेट ने सम्मान प्रस्ताव पास किया, इधर पाकिस्तान का नंबर एक ताज ही चला गया. और वो भी भारत के पास.
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और वो भी ऐसे समय जब भारत विरोध पाकिस्तान में चरम पर है. ये देख कर तो यही लगता है कि नियति भी अब पाकिस्तान का साथ नहीं देना चाहती. जाहिर सी बात है कि वो ये भूल कभी नहीं करते अगर उन्हें पता होता कि भारत के पास आज दुबारा नंबर एक बनने का मौका था.
पाकिस्तान के हुक्मरान हमेशा ही भारत विरोध और कश्मीर प्रोपेगंडा पर चले हैं. फिर चाहे वो भारत में आतंकवाद फैलाना हो या अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को नीचा दिखाना. अब जबकि भारत ने मिलिट्री के साथ-साथ डिप्लोमेटिक, दोनों स्तर पर, पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया है, स्थितियां और बिगड़ गयीं हैं, खासकरके भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद. पाकिस्तान चिल्लाता फिर रहा है कि भारत ने कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं किया और ये केवल प्रोपेगंडा है लेकिन कोई माने तब ना.
खेल को खेल-भावना की तरह से ही देखना चाहिए और नंबर एक या नंबर दो और हार-जीत तो चलती ही रहती है. लेकिन यहां तो सब समय का फेर है. इस खबर में कुछ खास नहीं है. अगर है तो ये संयोग जो, पाउलो कोएल्हो के अंदाज में कहें तो, ये कहती है कि पूरी कायनात ही इस समय पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रच रही है - (अब भले उसका फायदा भारत को मिले या भारत परिदृश्य में आ जाये).
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