ओलंपिक में खेलना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है. इस महिला धावक का ये ख्वाब तो पूरा नहीं हो पाया, लेकिन ओलंपिक के क्वालिफाइंग राउंड में असफल होने के बाद भी ये एथलीट हर किसी के लिए प्रेरणा बन गई.
अमेरिका की 28 साल की धावक साराह ब्राउन का लक्ष्य था रियो ऑलंपिक में भाग लेना. 800 और 1500 मीटर की दौड़ के लिए वो काफी समय से तैयारी कर रही थीं. लेकिन एक दिन उन्हें पता चला कि वो प्रेगनेंट हैं.
अमेरिका की टॉप एथलीट के रूप में जानी जाती हैं साराह ब्राउन |
एक टॉप एथलीट जब अपने करियर के चर्म पर हो तो गर्भधारण करने का ख्याल भी उसके जहन में नहीं आता. खासकर उस साल में तो बिलकुल नहीं जिस साल ओलंपिक होने वाले हों. साराह ब्राउन भी आने वाले 3 सालों तक बच्चा नहीं चाहती थीं और इसीलिए कॉपर आईयूडी गर्भनिरोध का इस्तेमाल कर रही थीं, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये 99% कारगर है. लेकिन साराह उस 1% लोगों में से थीं, उनके केस में ये गर्भनिरोधक फेल हो गया और वो प्रेगनेंट हो गईं.
ये भी पढ़ें- इस 15 वर्षीय विंबलडन खिलाड़ी के बारे में जानना जरूरी है...
ओलंपिक में खेलना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है. इस महिला धावक का ये ख्वाब तो पूरा नहीं हो पाया, लेकिन ओलंपिक के क्वालिफाइंग राउंड में असफल होने के बाद भी ये एथलीट हर किसी के लिए प्रेरणा बन गई. अमेरिका की 28 साल की धावक साराह ब्राउन का लक्ष्य था रियो ऑलंपिक में भाग लेना. 800 और 1500 मीटर की दौड़ के लिए वो काफी समय से तैयारी कर रही थीं. लेकिन एक दिन उन्हें पता चला कि वो प्रेगनेंट हैं.
एक टॉप एथलीट जब अपने करियर के चर्म पर हो तो गर्भधारण करने का ख्याल भी उसके जहन में नहीं आता. खासकर उस साल में तो बिलकुल नहीं जिस साल ओलंपिक होने वाले हों. साराह ब्राउन भी आने वाले 3 सालों तक बच्चा नहीं चाहती थीं और इसीलिए कॉपर आईयूडी गर्भनिरोध का इस्तेमाल कर रही थीं, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये 99% कारगर है. लेकिन साराह उस 1% लोगों में से थीं, उनके केस में ये गर्भनिरोधक फेल हो गया और वो प्रेगनेंट हो गईं. ये भी पढ़ें- इस 15 वर्षीय विंबलडन खिलाड़ी के बारे में जानना जरूरी है...
कह सकते हैं कि ये गर्भ साराह के ख्वाब और उनके शानदार करियर के रास्ते में एक रुकावट था. वो चाहतीं तो उसी वक्त जाकर गर्भपात करवा सकती थीं, आखिर ऑलंपिक जैसा शानदार मौका उनका इंतजार कर रहा था. लेकिन साराह ने अपनी प्रेगनेंसी को खुशी-खुशी स्वीकार किया.
साराह का कहना था कि- 'एथलीट के रूप में भी हमें ये यकीन करना चाहिए कि हमें कोई और नियंत्रित कर रहा है, वही सबकुछ करने वाला है. जीवन में कभी-कभी बड़ी चुनौतियां और बड़ी जिम्मेदारियां आती हैं. ईश्वर ने मुझे बहुत ही प्यार से ये याद दिलाया है कि उन्होंने मेरे जीवन के लिए बहुत कुछ सोच रखा है...जो बहुत ही अच्छा है. अब तक मुझे दोस्त, बेटी, बहन, पत्नी, एथलीट कहकर पुकारा गया और अब मुझे मां कहलाने का सौभाग्य मिलेगा.' साराह ने अपनी प्रेगनेंसी की खबर पूरी दुनिया को अपने ब्लॉग के जरिए दी.
ये भी पढ़ें- प्रसव पीड़ा कम करने के लिए ये क्या कर रही हैं लड़कियां !! गर्भवती होने के बाद भी साराह अपने लक्ष्य को भूलना नहीं चाहती थीं. उनके ख्वाब अब भी आंखों में तैर रहे थे. इसलिए प्रेगनेंसी के बाद भी साराह ने अपनी प्रेक्टिस नहीं छोड़ी.
ये भी पढ़ें- ये दौड़ नहीं, आखिरी गेंद में छक्का मारकर जीत दिलाने जैसा रोमांच है एक मां का शरीर इतनी बड़ी चुनौती के लिए कभी-भी तैयार नहीं होता, ये जानते हुए भी एक एथलीट के रूप में साराह अपने प्रयासों में ईमानदार रहीं और चार महीने की बच्ची के साथ ओलंपिक ट्रायल में पूरे विश्वास के साथ उतरीं. ओलंपिक में नहीं दौड़ सकेंगी तो क्या, जीत तो वो तभी गईं थीं जब मां बनने के बाद उन्होंने मैदान में पहला कदम रखा था. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |