ओलंपिक को खेलों का महाकुंभ कहा जाता है, 5 अगस्त को ब्राजील की राजधानी रियो में 31वें ओलंपिक खेलों की रंगारंग शुरुआत हुई. इतने बड़े खेल आयोजन पर दुनिया भर की नजरें टिकी होती हैं. जिस खेल में पूरी दुनिया भाग ले रही हो उसको लेकर लोगों के मन में उत्सुकता जगना स्वाभाविक ही है. रियो में ओलंपिक खेल 5 अगस्त से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेंगे. इन खेलों में दुनिया भर के 11 हजार से ज्यादा एथलीट्स भाग ले रहे हैं और सैकडों मेडल दांव पर लगे हैं.
भारत इस ओलंपिक में अपने खिलाड़ियों का सबसे बड़ दल भेज रहा है, तो जाहिर सी बात है कि इस बार देशवासियों को अपने खिलाड़ियों से ओलंपिक में ज्यादा पदक जीतने की उम्मीदें होंगी. रियो में शुरू हुए ओलंपिक खेलों और खेलों के इस महाकुंभ से कई रोचक बातें जुड़ी हैं, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए. आइए जानें इनके बारे में.
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1.रियो में 5 अगस्त को 31वें ओलंपिक की शुरुआत माराकाना स्टेडियम में हुई. रियो ओलंपिक 5 अगस्त से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा. इस ओलंपिक में दुनिया भर के 206 देशों के 11 हजार से ज्यादा एथलीट्स हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें कोसोवो और दक्षिणी सूडान की टीमें भी हैं जोकि अपना ओलंपिक डेब्यू कर रही हैं. साथ ही 10 सदस्यों वाली एक शरणार्थी ओलंपिक टीम भी भाग ले रही हैं, जिनमें सीरिया, दक्षिणी सूडान, इथोपिया और कांगों के शरणार्थी शामिल हैं. इस बार के ओलंपिक में 28 खेलों की विभिन्न स्पर्धाओं में कुल 306 मेडल दांव पर होंगे.
ओलंपिक को खेलों का महाकुंभ कहा जाता है, 5 अगस्त को ब्राजील की राजधानी रियो में 31वें ओलंपिक खेलों की रंगारंग शुरुआत हुई. इतने बड़े खेल आयोजन पर दुनिया भर की नजरें टिकी होती हैं. जिस खेल में पूरी दुनिया भाग ले रही हो उसको लेकर लोगों के मन में उत्सुकता जगना स्वाभाविक ही है. रियो में ओलंपिक खेल 5 अगस्त से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेंगे. इन खेलों में दुनिया भर के 11 हजार से ज्यादा एथलीट्स भाग ले रहे हैं और सैकडों मेडल दांव पर लगे हैं. भारत इस ओलंपिक में अपने खिलाड़ियों का सबसे बड़ दल भेज रहा है, तो जाहिर सी बात है कि इस बार देशवासियों को अपने खिलाड़ियों से ओलंपिक में ज्यादा पदक जीतने की उम्मीदें होंगी. रियो में शुरू हुए ओलंपिक खेलों और खेलों के इस महाकुंभ से कई रोचक बातें जुड़ी हैं, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए. आइए जानें इनके बारे में. यह भी पढ़ें: भूंकप से ओलंपिक तक: एक 13 साल की लड़की का लाजवाब सफर! 1.रियो में 5 अगस्त को 31वें ओलंपिक की शुरुआत माराकाना स्टेडियम में हुई. रियो ओलंपिक 5 अगस्त से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा. इस ओलंपिक में दुनिया भर के 206 देशों के 11 हजार से ज्यादा एथलीट्स हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें कोसोवो और दक्षिणी सूडान की टीमें भी हैं जोकि अपना ओलंपिक डेब्यू कर रही हैं. साथ ही 10 सदस्यों वाली एक शरणार्थी ओलंपिक टीम भी भाग ले रही हैं, जिनमें सीरिया, दक्षिणी सूडान, इथोपिया और कांगों के शरणार्थी शामिल हैं. इस बार के ओलंपिक में 28 खेलों की विभिन्न स्पर्धाओं में कुल 306 मेडल दांव पर होंगे.
2.रियो ओलंपिक के आयोजन के साथ ही ब्राजील ओलंपिक का आयोजन करने वाला पहला दक्षिण अमेरिकी देश बन गया है. साथ ही पहली बार इन खेलों का आयोजन मेजबान देश के ठंड के मौसम में हो रहा है. 1968 के बाद पहली बार इन खेलों का आयोजन लैटिन अमेरिका में और कुल तीसरी बार दक्षिणी गोलार्द्ध में आयोजन हो रहा है. यह भी पढ़ें: ओलंपिक के ये दो भावुक वीडियो बता रहे हैं हार मत मानिए 3.फुटबॉल के खेल के पावरहाउस माने जाने वाले ब्राजील ने रियो ओलंपिक के चार घंटे तक चले उद्घाटन समारोह के दौरान अपना फुटबॉल प्रेम दिखाने के बजाय जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते प्रभाव को दिखाया, जिसका संदेश था कि पूरी दुनिया को जलवायु परिवतर्नन को रोकने की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए.
4.रियो में ओलंपिक ज्योति प्रज्ज्ववित की 2004 एथेंस ओलंपिक में मैराथन में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले ब्राजीली एथलीट वंडर्लेई कोरडियरो डि लीमा ने. पहले ये ज्योति महान फुटबॉलर पेले को प्रज्ज्वलित करनी थी लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने अस्वस्थ होने की वजह इसमें भाग लेने से मना कर दिया था. ओलंपिक मशाल प्रज्ज्वलित करने वाले डि लीमा ने जब 2004 के एथेंस ओलंपिक में मैराथन दौड़ के दौरान ब्रॉन्ज मेडल जीता था. उस दौड़ के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने उन पर अचानक हमला कर दिया, जिसकी वजह से रेस में सबसे आगे चल रहे डि लीमा पिछड़ गए और उन्हें ब्रॉन्ज से ही संतोष करना पड़ा. यह भी पढ़ें: क्या इस ओलंपिक में ख़त्म होगा गोल्ड का सूखा?
5.सबसे पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन वर्ष 1896 में यूनान की राजधानी एथेंस में हुआ था. 2004 में ओलंपिक खेलों के आयोजन के 100 साल पूरे होने के अवसर पर एक बार फिर से एथेंस में इनका आयोजन किया गया था. पियरे दी कुबर्तिन को आधुनिक ओलंपिक खेलों का जन्मदाता कहा जाता है. ओलंपिक खेलों को आयोजित करने की प्रेरण ग्रीस के ओलंपिया में आयोजित होने वाले प्राचीन ओलंपिक खेलों से मिली. इन खेलों का आयोजन इंटनेशनल ओलंपिक कमिटी (IOC) करती है, जिसकी स्थापनी 1894 में कुबर्तिन ने की थी. 6.रियो ओलंपिक में भारत अपने खिलाड़ियों का अब तक सबसे बड़ दल भेज रहा है. इन खेलों में 120 भारतीय खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. रियो में भारतीय दल की अगुवाई अभिनव बिंद्रा ने की, जोकि अपना आखिरी ओलंपिक खेल रहे हैं. भारत ने नॉर्मन प्रीचार्ड के रूप में ओलंपिक में अपना पहला एथलीट 1900 में भेजा था. प्रीचार्ड ने उस ओलंपिक में दो मेडल जीते थे. लेकिन वह एंग्लो-इंडियन थे. भारत की टीम ने पहली बार 1920 के ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया और तब से अब तक लगातार सभी ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेती आई है.
7.भारत ने अब तक ओलंपिक खेलों में कुल 26 मेडल जीते हैं, जिनमें से 11 मेडल तो पुरुष हॉकी टीम ने ही जीते हैं. भारतीय हॉकी टीम के दबदबे का अंदाजा इसी बात से गलाया जा सकता है कि उसने ये 11 मेडल 12 ओलंपिक खेलों में जीता है, जिनमें 8 गोल्ड मेडल शामिल है. भारतीय हॉकी टीम ने 1928 से 1956 तक लगातार 6 ओलंपिक गोल्ड मेडल जीते. भारतीय टीम ने आखिरी बार ओलंपिक में मेडल 1980 में मास्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर हासिल किया था. 2008 में पहली बार भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक खेलों के लिए क्वॉलिफाई कर पाने में नाकाम रही थी. यह भी पढ़ें: एक महिला एथलीट का 5 साल पुराना ट्वीट अब हुआ वायरल 8.ओलंपिक में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत मेडल 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कसाबा जाधव ने वेटलिफ्टिंग में जीता था. वैसे तो 1900 के ओलंपिक में नॉर्मन प्रीचार्ड ने दो मेडल जीते थे, लेकिन वह एंग्लो-इंडियन थे, इसलिए भारत के लिए ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत मेडल जीतने का श्रेय केडी जाधव को ही जाता है.
9.हॉकी को छोड़ दें तो भारत ने ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धाओं में अब तक कुल 15 मेडल जीते हैं. इनमें 1900 में नार्मन प्रीचार्ड द्वारा जीते गए दो मेडल्स के अलावा, 12 मेडल भारत ने 1996 के बाद से जीते हैं. 1952 में केडी जाधव के मेडल जीतने के बाद भारत ने अपना दूसरा व्यक्तिगत मेडल 44 साल बाद 1996 में अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस द्वारा टेनिस में ब्रॉन्ज मेडल के साथ जीता. ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के लिए एकमात्र गोल्ड मेडल 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने जीता था.
10.सुशील कुमार ओलंपिक में भारत के लिए दो व्यक्तिगत मेडल जीतने वाले पहले एथलीट है. कर्णम मल्लेश्वरी (2000 सिडनी ओलंपिक) भारत के लिए ओलंपिक में व्यक्तिगत मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं. भारत ने 2012 के ओलंपिक खेलों में अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 6 पदक जीते (2 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज) थे. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |