'कैसे बताएं क्यों तुझको चाहें, यारा बता ना पाएं', फिल्म अजब प्रेम की गजब कहानी के गाने की ये लाइन गुनगुनाते हुए वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकेट ऑल स्टार टी20 लीग में एलन डोनाल्ड के खिलाफ छक्का जड़ दिया था. मैदान में गेंदबाजों के खिलाफ बेहद ही आक्रामक बन जाने वाले वीरेंद्र सहवाग, उनका सामना करते हुए इतने रोमांटिक गाने गाते थे कि कोई भी उनका फैन हो जाए.
दरअसल क्रिकेट में सहवाग की सफलता का श्रेय उनकी इस आदत को भी जाता है. सहवाग ने खुद माना है कि पिच पर गाना गाने से ही उन्हें अपना फोकस बनाए रखने में मदद मिलती थी. आइए जानें इस विस्फोटक बल्लेबाज का गानों के प्रति जुड़ाव और उसके प्रभाव के बारे में.
सहवाग की सफलता में संगीत का भी योगदान!
वीरेंद्र सहवाग को एक ऐसे बल्लेबाज के रूप में जाना जाता है जिसकी तकनीक पर हमेशा सवाल उठे. उनके पैरों के मूवमेंट के लिए अक्सर उनकी आलोचना होती थी. लेकिन इसके बावजूद भी अपनी जगह खड़े-खड़े ही उन्होंने दुनिया भर के गेंदबाजों को नानी याद दिला दी.
देखें: जब गाना गाते हुए सहवाग ने जड़ा छक्का
सहवाग की इस सफलता का श्रेय उनके बेहतरीन हैंड-आई कॉर्डिनेशन को जाता है. अपने इसी गुण के कारण उन्होंने बिना पैरों के मूवमेंट के ही वह कामयाबी हासिल की जो बहुत कम ही बल्लेबाज कर पाते हैं. उनके जैसी विस्फोटक शैली के बल्लेबाज क्रिकेट इतिहास में बहुत कम हुए हैं.
शानदार हैंड-आई कॉर्डिनेशन निश्चित तौर पर उनकी सफलता की वजह है लेकिन एक और चीज भी है जिसने उन्हें...
'कैसे बताएं क्यों तुझको चाहें, यारा बता ना पाएं', फिल्म अजब प्रेम की गजब कहानी के गाने की ये लाइन गुनगुनाते हुए वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकेट ऑल स्टार टी20 लीग में एलन डोनाल्ड के खिलाफ छक्का जड़ दिया था. मैदान में गेंदबाजों के खिलाफ बेहद ही आक्रामक बन जाने वाले वीरेंद्र सहवाग, उनका सामना करते हुए इतने रोमांटिक गाने गाते थे कि कोई भी उनका फैन हो जाए.
दरअसल क्रिकेट में सहवाग की सफलता का श्रेय उनकी इस आदत को भी जाता है. सहवाग ने खुद माना है कि पिच पर गाना गाने से ही उन्हें अपना फोकस बनाए रखने में मदद मिलती थी. आइए जानें इस विस्फोटक बल्लेबाज का गानों के प्रति जुड़ाव और उसके प्रभाव के बारे में.
सहवाग की सफलता में संगीत का भी योगदान!
वीरेंद्र सहवाग को एक ऐसे बल्लेबाज के रूप में जाना जाता है जिसकी तकनीक पर हमेशा सवाल उठे. उनके पैरों के मूवमेंट के लिए अक्सर उनकी आलोचना होती थी. लेकिन इसके बावजूद भी अपनी जगह खड़े-खड़े ही उन्होंने दुनिया भर के गेंदबाजों को नानी याद दिला दी.
देखें: जब गाना गाते हुए सहवाग ने जड़ा छक्का
सहवाग की इस सफलता का श्रेय उनके बेहतरीन हैंड-आई कॉर्डिनेशन को जाता है. अपने इसी गुण के कारण उन्होंने बिना पैरों के मूवमेंट के ही वह कामयाबी हासिल की जो बहुत कम ही बल्लेबाज कर पाते हैं. उनके जैसी विस्फोटक शैली के बल्लेबाज क्रिकेट इतिहास में बहुत कम हुए हैं.
शानदार हैंड-आई कॉर्डिनेशन निश्चित तौर पर उनकी सफलता की वजह है लेकिन एक और चीज भी है जिसने उन्हें विकेट पर टिकने में मदद की और वह है संगीत. सहवाग को हिंदी फिल्मों के गाने बहुत पसंद हैं और अपनी बैटिंग के दौरान अक्सर वे ये गाने गुनगुनाते रहते थे. मैदान में चाहे जैसी परिस्थिति हो या मैच कितनी भी मुश्किल में फंसा हो लेकिन वीरू हमेशा कूल बने रहते थे और इसकी वजह होती थी हिंदी फिल्मों के गाने. वह किशोर कुमार से लेकर मोहम्मद रफी तक के गाने गुनगुनाते रहते.
सहवाग खुद भी मानते हैं कि गानों की वजह से ही उन्हें बैटिंग के दौरान अपना फोकस बनाए रखने में मदद मिलती थी. इन गानों को गुनागुनाकर वे मैच के विपरीत हालतों और टेंशन भरे माहौल को खुद पर हावी नहीं होने देते थे. मजेदार बात ये है कि जब सहवाग विकेट पर गाने गा रहे होते थे तो दूसरे छोर पर खड़े उनके साथी बल्लेबाज को ये पता भी नहीं होता था कि वह गाने गा रहे हैं. सहवाग बताते हैं कि अपने साथी बल्लेबाज से तो वे मैच के बारे में ही बात करते थे. लेकिन खुद स्ट्राइक पर आते ही वह गाने गुनगुनाने लगते थे. रोमांटिक हिंदी गाने सहवाग को टेंशन फ्री रखते और नतीजा विपक्षी टीम के गेंदबाजी अटैक की धज्जियां उड़ा देने के रूप में सामने आता था.
सहवाग कहते हैं, 'इन गानों को गाने का उद्देश्य नकारात्मक विचारों को दूर रखना था जो मेरा ध्यान बंटाकर मेरी विकेट गंवाने की वजह बन सकते थे. कौन सा गाना, किसका गाना और दूसरी चीजें तब तक मायने नहीं रखती हैं जब तक वे उद्देश्य पूरा करती हैं.'
सुरेश रैना बताते हैं कि 2011 में इंदौर वनडे में जब वेस्ट इंडीज के खिलाफ सहवाग ने 219 रन की रिकॉर्डतोड़ पारी खेली थी तो वे किशोर कुमार के गाने गा रहे थे. इतना ही नहीं आईपीएल के मैचों के दौरान भी उन्हें किशोर कुमार के 'चला जाता हूं किसी की धुन में' जैसे सुपरहिट गाने गाते हुए सुना गया था.
संगीत से टेंशन फ्री रहने का सहवाग का यह फॉर्मूला खेल के मैदान में ही नहीं जिंदगी के मैदान में भी काम करता है, यकीन न आए तो आजमा के देखिएगा!
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