टीम इंडिया में विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद बदलावों का दौर जारी है. जहां नए खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है वहीं विराट खुद कुछ नया करने के लिए प्लान बना रहे हैं. वेस्टइंडीज में टीम इंडिया ने विराट कोहली की कप्तानी में भले ही वनडे सीरीज जीत ली हो.
लेकिन, धोनी ने चौथे वनडे में 114 गेंदों पर 54 रन बनाकर एक सवाल खड़ा कर दिया है. जिसका सामना कोहली को करना पड़ रहा है. पर कोहली इसका जवाब नहीं देना चाह रहे थे. लेकिन जब उन पर सवालों की बरसात की गई तो उन्होंने धोनी को लेकर सभी सवालों के जवाब दिए.
और वो सवाल हैं क्या धोनी के बारे में बीसीसीआई को सोचना चाहिए ? क्या उनके संन्यास का समय पास आ चुका है ? क्या उनकी परफॉर्मेंस गिरती जा रही है ? जब विराट के सामने ये सवाल रखे गए तो उन्होंने धोनी का पूरा साथ दिया. यही नहीं उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वो ही टीम इंडिया को सही गाइड कर रहे हैं और आगे भी करेंगे.
लेकिन, जो कोहली ने कहा है वो क्या मजबूरी है. क्योंकि टीम इंडिया में कोहली को रखना मजबूरी कहा जा सकता है क्योंकि वही एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने हर फॉर्मेट में टीम इंडिया को शिखर पर पहुंचाया और धोनी ही वो खिलाड़ी हैं जिनसे कोहली सलाह लेते हैं. अगर वो न रहें तो कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं है जो विकेट के पीछे फुर्ती से कैप लपके या स्टम्पिंग करे. गल्ब्स के साथ-साथ डेथ ओवर्स में धोनी ही वो खिलाड़ी हैं जो टीम इंडिया की नैय्या पार कराते हैं. तब ही तो उन्हें मिस्टर फिनिशर कहा जाता है. लेकिन कुछ समय से उनका बल्ला शांत नजर आ रहा है.
धोनी ने संन्यास लिया तो क्या होगा
धोनी ने...
टीम इंडिया में विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद बदलावों का दौर जारी है. जहां नए खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है वहीं विराट खुद कुछ नया करने के लिए प्लान बना रहे हैं. वेस्टइंडीज में टीम इंडिया ने विराट कोहली की कप्तानी में भले ही वनडे सीरीज जीत ली हो.
लेकिन, धोनी ने चौथे वनडे में 114 गेंदों पर 54 रन बनाकर एक सवाल खड़ा कर दिया है. जिसका सामना कोहली को करना पड़ रहा है. पर कोहली इसका जवाब नहीं देना चाह रहे थे. लेकिन जब उन पर सवालों की बरसात की गई तो उन्होंने धोनी को लेकर सभी सवालों के जवाब दिए.
और वो सवाल हैं क्या धोनी के बारे में बीसीसीआई को सोचना चाहिए ? क्या उनके संन्यास का समय पास आ चुका है ? क्या उनकी परफॉर्मेंस गिरती जा रही है ? जब विराट के सामने ये सवाल रखे गए तो उन्होंने धोनी का पूरा साथ दिया. यही नहीं उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि वो ही टीम इंडिया को सही गाइड कर रहे हैं और आगे भी करेंगे.
लेकिन, जो कोहली ने कहा है वो क्या मजबूरी है. क्योंकि टीम इंडिया में कोहली को रखना मजबूरी कहा जा सकता है क्योंकि वही एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने हर फॉर्मेट में टीम इंडिया को शिखर पर पहुंचाया और धोनी ही वो खिलाड़ी हैं जिनसे कोहली सलाह लेते हैं. अगर वो न रहें तो कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं है जो विकेट के पीछे फुर्ती से कैप लपके या स्टम्पिंग करे. गल्ब्स के साथ-साथ डेथ ओवर्स में धोनी ही वो खिलाड़ी हैं जो टीम इंडिया की नैय्या पार कराते हैं. तब ही तो उन्हें मिस्टर फिनिशर कहा जाता है. लेकिन कुछ समय से उनका बल्ला शांत नजर आ रहा है.
धोनी ने संन्यास लिया तो क्या होगा
धोनी ने संन्यास ले भी लिया तो कोहली के पास रिषभ पंत के अलावा कोई विकेटकीपर नहीं है. रिषभ पंत भी अभी नए-नए हैं. उन पर पूरी तरह भरोसा करना अभी ठीक नहीं. क्योंकि 2 साल बाद टीम इंडिया को वर्ल्ड कप में उतरना है और विराट कोहली ऐसा कोई निर्णय नहीं लेंगे जिसकी वजह से टीम इंडिया को नुकसान हो. कप्तानी में भी धोनी उनका बखूबी साथ देते हैं. कभी तो धोनी खुद कप्तानी करते नजर आते हैं. अगर कहें कि धोनी ने कोहली की आधी टेंशन खत्म की है तो ये कहना गलत नहीं होगा.
धोनी नहीं कर पा रहे बल्ले से कमाल
धोनी के प्रदर्शन पर असर 30 साल की उम्र के बाद दिखना शुरू हुआ. 30 की उम्र से पहले उन्होंने 166 वनडे खेले और 6049 रन बनाए. वहीं 30 के बाद उन्होंने 89 वनडे खेले और महज 3447 रन बनाए हैं. लेकिन, समय-समय पर वो मैच विनिंग पारी खेलकर दिखा देते हैं कि अभी भी उनमें क्रिकेट काफी बचा है. कोहली भी अच्छे से जानते हैं कि दुनिया का सबसे बेहतरीन विकेटकीपर धोनी ही हैं और धोनी के अलावा उनके पास कोई ऑप्शन नहीं है.
कुल मिलाकर धोनी ही एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिस पर कोहली आंख बंद करके भरोसा कर सकते हैं. कोहली किसी भी खिलाड़ी को रिप्लेस कर टीम इंडिया में नए खिलाड़ियों को ला सकते हैं लेकिन, धोनी को हटाने वाला रिस्क नहीं ले सकते.
ये भी पढ़ें-
चैंपियंस ट्रॉफी में धोनी की 'कप्तानी' जो कम ही लोगों को दिखाई दी
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.