विराट कोहली जैसा सितारा जो अब से कुछ समय पहले तक सबका हीरो था, अचानक विलेन लगने लगा है. तमाम शानदार पारियों के बावजूद पिछले दिनों चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम की हार और फिर अनिल कुंबले से उनके विवाद के कारण उन्हें भला-बुरा कहा जा रहा है. आखिर ऐसा कैसे हो सकता है. बोलचाल में भले कह दिया जाए कि विराट के सितारे गर्दिश में हैं, लेकिन क्या वाकई ऐसा है ? हमने जानने की कोशिश की:
विराट कोहली :
जन्म की तारीख- 5 नवंबर 1988 जन्म का समय- 10:28 बजेजन्म स्थान- दिल्ली
विराट कोहली की जो डिटेल हमें मिली है उसके अनुसार धनु लग्न की कुंडली और कन्या राशि है. वर्तमान समय में विराट पर राहु की महादशा चल रही है और शनि की अंतर्दशा चल रही है. शनि की अंतर्दशा फरवरी 2018 तक चलेगी.
विराट कोहली की कुंडली का ये एनालिसिस कहता है कि अभी विराट के दिन कुछ ठीक नहीं चल रहे
विराट कोहली की कुंडली में राहु 18 डिग्री का पराक्रम भाव यानी तीसरे घर में बैठा है और शनि लग्न में बैठे हैं. शनि की तीसरी दृष्टि तीसरे घर में राहु पर पड़ रही है. मंगल चौथे घर में बैठे हुए हैं. वहां से सातवीं दृष्टि से 10वें घर को देख रहे हैं जहां शुक्र और चंद्रमा विराजमान हैं.
विराट कोहली की कुंडली.
राहु की महादशा में शनि की अंतरदशा और उसमें मंगल की प्रत्यंतरदशा 5 मार्च 2017 से शुरु हुई है. राहु, शनि, मंगल तीनों का संयोग मानसिक तनाव दे सकता है प्रोफेशनल लाइफ में कलह बढ़ा सकता है.
मतलब: ग्रहों की ये स्थिति कलह को सिर्फ विराट की मानसिक स्थिति तक ही सीमित रखती है, उसके आसपास के लोग भी प्रभावित हो सकते हैं. इसका उदाहरण ऐसे भी समझा जा सकता है कि मार्च 2017 के आखिर में जब ऑस्ट्रेलिया के साथ धर्मशाला टेस्ट में अनिल कुंबले ने कुलदीप जाधव का नाम प्रस्तावित किया तो विराट उखड़ गई. बताया जाता है कि ये तनातनी तभी से चल रही है. इसका प्रमुख कारण राहु, शनि और मंगल का योग है.
वहीं जब मंगल की प्रत्यंतरदशा खत्म हुई और 4 मई 2017 से राहु प्रत्यतंरदशा में भी आ गया तो राहु का प्रभाव और बढ़ा गया, क्योंकि राहु महादशा नाथ भी है. यानी उसकी महादशा भी चल रही है.
मतलब: विराट कोहली और कुंबले के बीच हुआ विवाद कम होने के बजाए बढ़ता गया.
अतंर्दशा में शनिदेव और प्रत्यंतरदशा में फिर राहु आ जाने से राहु अपने स्वभाव के अनुकूल कलह को और बढ़ा सकता है, और ज्यादा टेंशन दे सकता है. विराट कोहली की कुंडली में 7 अक्टूबर 2017 तक राहु प्रत्यंतरदशा में रहेगा तब तक टेंशन बनी रह सकती है. इसलिए सोच-समझ कर फैसला करने की आवश्यकता है.
मतलब: कुंबले-कोहली विवाद में जहां कुंबले धैर्य का परिचय दे रहे हैं तो वहीं कोहली अपनी छवि के विपरीत कुछ ऐसे कदम उठा रहे हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता पर असर पड़ रहा है. जैसे, गुरुवार को ही उन्होंने अनिल कुंबले को कोच बनने की बधाई वाला ट्वीट अपना अकाउंट से हटा दिया. विराट आमतौर पर ऐसे नहीं हैं. लेकिन राहु का प्रभाव उन्हें ऐसे फैसले करने पर मजबूर कर रहा है.
7 अक्टूबर 2017 के बाद जब प्रत्यंतरदशा में बृहस्पति देव आएंगे तो स्थिति में सुधार होगा, टेंशन घटेगी और कार्यों में सफलता मिलेगी. यानी अगले चार महीने उनको धैर्य रखना चाहिए. और थोड़ा विराट के फैंस को भी. क्योंकि यह बुरा दौर जब बीतेगा, तो हम विराट की कुंडली का दोबारा परीक्षण करेंगे. और बताएंगे, आने वाला समय उनके लिए कैसा रहेगा.
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