साल 2008 में जब आईपीएल की शुरुआत हुई. तब से ही इसे बल्लेबाजों का खेल माना जाता रहा है. दर्शकों को भी चौके-छक्के देखने में ही मजा आता है लेकिन धीरे-धीरे गेंदबाजों ने इस प्रारूप मे अपने आप को ढाल लिया और फिर कमाल दिखाया और नतीजा शानदार रहा. पिछले शनिवार वेस्टइंडीज़ के सैमुअल बद्री और एंड्रयू टाय ने एक ही दिन अलग-अलग दो मैचों में दो गेंदबाजों ने हैट्रिक बना डाली. एंड्रू टाई ने राइंजिंग पुणे सुपरजाइंट्स और सैमुअल बद्री ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में मुंबई इंडियंस के खिलाफ हैट्रिक लेकर आईपीएल इतिहास में हैट्रिक लेने वाले गेंदबाजों की सूची में अपना नाम दर्ज कर लिया.
आईपीएल में ज्यादा हैट्रिक लगने के कारण
क्रिकेट में हैट्रिक लेना हर गेंदबाज का सपना होता है. लेकिन हैट्रिक लेना हर किसी गेंदबाज के लिए उतनी आसान बात नहीं होती. अगर हम क्रिकेट में कुछ दशक पहले की बात करें तो हैट्रिक को बहुत बड़ी उपलब्धि माना जाता था. टेस्ट क्रिकेट में 15 हैट्रिक के लिए करीब 9 दशक लग गए और वहीं वन-डे में भी दो दशक. क्रिकेट के लंबे इतिहास में कुछ ही गेंदबाज ऐसे हुए हैं जिन्होंने हैट्रिक ली हो. वहीं अगर आईपीएल की बात की जाए जो क्रिकेट का सबसे छोटा फॉर्मेट है. जहां पर गेंदबाजों को विकेट चटकाते देर नहीं लगती. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक आईपीएल के 10 वें सीजन की शुरुआत ही हुई है और 16 हैट्रिक बन चुकी हैं. भारत के अमित मिश्रा जो आईपीएल में तीन बार हैट्रिक ले चुके हैं. वहीं युवराज सिंह जिन्होंने साल 2009 में दो हैट्रिक बनाई. ये सब देखकर हम कह सकते हैं कि जितना छोटा फॉर्मेट होता है उतनी ही ज्यादा हैट्रिक बनने की संभावना बढ़ जाती हैं. वैसे भी अक्सर देखा जाता है कि बल्लेबाज अंतिम ओवरों में हमेशा बड़े शॉट खेलने की कोशिश करता है और उस समय कोई विकेट बचाने की ओर नहीं देखता. टेस्ट या वनडे में आप थोड़ा सा धैर्य के साथ खेल सकते हैं लेकिन टी20 में आपको हर गेंद पर रन बनाना जरुरी होता है.
साल 2008 में जब आईपीएल की शुरुआत हुई. तब से ही इसे बल्लेबाजों का खेल माना जाता रहा है. दर्शकों को भी चौके-छक्के देखने में ही मजा आता है लेकिन धीरे-धीरे गेंदबाजों ने इस प्रारूप मे अपने आप को ढाल लिया और फिर कमाल दिखाया और नतीजा शानदार रहा. पिछले शनिवार वेस्टइंडीज़ के सैमुअल बद्री और एंड्रयू टाय ने एक ही दिन अलग-अलग दो मैचों में दो गेंदबाजों ने हैट्रिक बना डाली. एंड्रू टाई ने राइंजिंग पुणे सुपरजाइंट्स और सैमुअल बद्री ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में मुंबई इंडियंस के खिलाफ हैट्रिक लेकर आईपीएल इतिहास में हैट्रिक लेने वाले गेंदबाजों की सूची में अपना नाम दर्ज कर लिया.
आईपीएल में ज्यादा हैट्रिक लगने के कारण
क्रिकेट में हैट्रिक लेना हर गेंदबाज का सपना होता है. लेकिन हैट्रिक लेना हर किसी गेंदबाज के लिए उतनी आसान बात नहीं होती. अगर हम क्रिकेट में कुछ दशक पहले की बात करें तो हैट्रिक को बहुत बड़ी उपलब्धि माना जाता था. टेस्ट क्रिकेट में 15 हैट्रिक के लिए करीब 9 दशक लग गए और वहीं वन-डे में भी दो दशक. क्रिकेट के लंबे इतिहास में कुछ ही गेंदबाज ऐसे हुए हैं जिन्होंने हैट्रिक ली हो. वहीं अगर आईपीएल की बात की जाए जो क्रिकेट का सबसे छोटा फॉर्मेट है. जहां पर गेंदबाजों को विकेट चटकाते देर नहीं लगती. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक आईपीएल के 10 वें सीजन की शुरुआत ही हुई है और 16 हैट्रिक बन चुकी हैं. भारत के अमित मिश्रा जो आईपीएल में तीन बार हैट्रिक ले चुके हैं. वहीं युवराज सिंह जिन्होंने साल 2009 में दो हैट्रिक बनाई. ये सब देखकर हम कह सकते हैं कि जितना छोटा फॉर्मेट होता है उतनी ही ज्यादा हैट्रिक बनने की संभावना बढ़ जाती हैं. वैसे भी अक्सर देखा जाता है कि बल्लेबाज अंतिम ओवरों में हमेशा बड़े शॉट खेलने की कोशिश करता है और उस समय कोई विकेट बचाने की ओर नहीं देखता. टेस्ट या वनडे में आप थोड़ा सा धैर्य के साथ खेल सकते हैं लेकिन टी20 में आपको हर गेंद पर रन बनाना जरुरी होता है.
आईपीएल इतिहास में लगी हैट्रिक की लिस्ट
आईपीएल में बल्लेबाज ही नहीं बल्कि गेंदबाजों ने भी खूब रंग दिखाया है.अब तक सिर्फ आईपीएल 2015 ही ऐसा रहा है जिसमें कोई भी गेंदबाज हैट्रिक नहीं बना पाया. इसके अलावा तो हर सीजन में गेंदबाज ने हैट्रिक ली तो आइए हम आपको इस छोटे प्रारूप में हैट्रिक लेने वाले गेंदबाज ये हैं-
1. लक्ष्मीपति बालाजी (चेन्नई सुपर किंग्स) बनाम किंग्स इलेवन पंजाब 2008 2. अमित मिश्रा (दिल्ली डेयरडेविल्स) बनाम डेक्कन चार्जर्स 2008 3. मखाया नतिनी (सीएसके) बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स 20084. युवराज सिंह (पंजाब) बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर 2009 5. रोहित शर्मा (डेकन हैदराबाद) बनाम मुंबई इंडियंस 2009 6. युवराज सिंह (पंजाब) बनाम डेकन हैदराबाद 2009 7. प्रवीण कुमार (आरसीबी) बनाम राजस्थान रॉयल्स 2010 8. अमित मिश्रा (डेकन हैदराबाद) बनाम पंजाब 20119. अजित चंदीला (राजस्थान) बनाम पुणे वारियर्स 2012 10. सुनील नारायण (केकेआर) बनाम पंजाब 2013 11. अमित मिश्रा (सनराइजर्स हैदराबाद) बनाम पुणे वारियर्स 2013 12. प्रवीण तांबे (राजस्थान) बनाम केकेआर 2014 13. शेन वाटसन (राजस्थान) बनाम सनराइजर्स हैदराबाद 2014 14. अक्षर पटेल (पंजाब) बनाम गुजरात लायंस 2016 15. सैमुअल बद्री (आरसीबी) बनाम मुंबई इंडियंस 2017 16. एंड्रू टाई (गुजरात लायंस) बनाम राइंजिंग पुणे सुपरजाइंट्स 201
इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत की तरफ से हैट्रिक बनाने वाले गेंदबाज ये हैं
भारत की तरफ से वनडे में हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड चेतन शर्मा और कपिल देव के नाम हैं. 31 अक्टूबर 1987 को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए मैच में चेतन शर्मा ने ये कारनामा किया और भारत की तरफ से पहली हैट्रिक लेने वाले खिलाड़ी बने. ऐसे ही कपिल देव ने 4 जनवरी 1991 ईडन गार्डन में खेले गए श्रीलंका के खिलाफ मैच में हैट्रिक बनाई थी. वहीं टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से हैट्रिक लेने वाले गेंदबाजों में टर्बनेटर हरभजन सिंह और इरफान पठान ने उपलब्धि हासिल की है.
इस गेंदबाज ने बनाई थी अनोखी हैट्रिक
क्रिकेट के मैदान पर किसी भी गेंदबाज का सपना होता है. जब कोई गेंदबाज एक ही टेस्ट मैच में 2 बार हैट्रिक विकेट लेने में सफल रहे. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर जिमी मैथ्यूज ने ऐसा खूबसूरत कारनामा कर दिखाया था. 28 मई 1912 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर पर खेल गए तीन दिवसीय टेस्ट मैच में जिमी ने दोनों पारियों में अपनी गेंदबाजी से हैट्रिक लेकर कमाल कर दिया था. जिमी मैथ्यूज ने अपनी 12वें ओवर की अंतिम 3 गेंदों पर रॉलेंड ब्यूमांट, सिड पेगलर और टॉमी वॉर्ड के विकेट चटकाकर लगातार 3 गेंद पर 3 विकेट लेकर हैट्रिक विकेट बनाई थी. इतना ही नहीं मैथ्यूज़ को अपनी हैट्रिक हासिल करने के लिए किसी भी फील्डर का सहारा भी नहीं लेना पड़ा क्योंकि जिमी ने या तो बोल्ड आउट किया था या फिर एलबीडब्लू आउट कर इस हैरतअंगेज कारनामें को अंजाम दिया था. इंटरनेशनल क्रिकेट में फिर से ऐसा कारनामा अबतक कोई नहीं कर पाया है.
वैसे इंटरनेशनल वनडे इतिहास में पहली हैट्रिक पाकिस्तान के जलालउद-दीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1982 में बनाई थी. ऐसा करने वाले वो दुनिया के पहले खिलाड़ी बने थे.
(कंटेंट: मोनू चहल, इंटर्न @ ichowk.in )
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