साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर फैनी डिविलियर्स ने यह कहकर सनसनी मचा दी है कि एबी डिविलियर्स आने वाले वर्षों में सचिन तेंडुलकर से भी ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर लेंगे. फैनी की इस बात पर ज्यादा चर्चा इसलिए भी हुई क्योंकि उन्होंने उस खिलाड़ी को पीछे छोड़ने की बात कर दी जिसे क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. फैनी भले ही एबी डिविलियर्स के हाल के वर्षों में किए गए जबर्दस्त प्रदर्शन से प्रभावित हों लेकिन इतना तो तय है कि अपनी तमाम उपलब्धियों के बावजूद एबी डिविलियर्स कभी क्रिकेट के भगवान नहीं बन पाएंगे और यह रुतबा सचिन के पास ही रहेगा.
बातें जो डिविलियर्स को सचिन की लीग में शामिल करती हैं:शानदार रिकॉर्ड और जबर्दस्त बैटिंग के अलावा जो बात डिविलियर्स को सचिन की कैटिगरी में शामिल करती है वह है उनकी शालीनता और सफलता को खुद पर न हावी होने देने की आदत. फैनी डिविलियर्स कहते हैं कि डिविलियर्स ने न तो टैटू बनवाया है, न कान में बालियां पहनते हैं और न ही उनमें फैशन के प्रति कोई दीवनगी दिखती है. सचिन भी कभी इन चीजों के पीछे नहीं भागे. सम्प्रास से लेकर फेडरर और सचिन से लेकर डिविलियर्स तक सभी महान खिलाड़ी साबित करते हैं कि आपको दिखावा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपका खेल ही सबकुछ है.
डिविलियर्स शानदार लेकिन सचिन से आगे नहीं: एबी डिविलियर्स का क्रिकेट करियर जबर्दस्त रहा है. वह आधुनिक क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं, इसमें कोई दो राय नहीं हैं. यह सच है कि वनडे में तो उनका रिकॉर्ड सचिन से भी बेहतर है. एबी डिविलियर्स ने अब तक खेले गए कुल 195 वनडे मैचों में 23 सेंचुरी की मदद से 8403 रन बनाए हैं. सचिन ने इतने मैचों तक 19 शतकों की मदद से 7500 से ज्यादा रन बनाए थे. यानी कि यहां डिविलियर्स आगे हैं. इन आंकड़ों के बीच ध्यान देने वाली बात ये है कि सचिन ने अपना पहला वनडे शतक 79 मैचों के बाद बनाया था लेकिन उसके बाद अगले 121 मैचों में ही उन्होंने 20 शतक जमा दिए. डिविलियर्स इस रिकॉर्ड तक 31 साल की उम्र में पहुंचे हैं जबकि...
साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर फैनी डिविलियर्स ने यह कहकर सनसनी मचा दी है कि एबी डिविलियर्स आने वाले वर्षों में सचिन तेंडुलकर से भी ज्यादा लोकप्रियता हासिल कर लेंगे. फैनी की इस बात पर ज्यादा चर्चा इसलिए भी हुई क्योंकि उन्होंने उस खिलाड़ी को पीछे छोड़ने की बात कर दी जिसे क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. फैनी भले ही एबी डिविलियर्स के हाल के वर्षों में किए गए जबर्दस्त प्रदर्शन से प्रभावित हों लेकिन इतना तो तय है कि अपनी तमाम उपलब्धियों के बावजूद एबी डिविलियर्स कभी क्रिकेट के भगवान नहीं बन पाएंगे और यह रुतबा सचिन के पास ही रहेगा.
बातें जो डिविलियर्स को सचिन की लीग में शामिल करती हैं:शानदार रिकॉर्ड और जबर्दस्त बैटिंग के अलावा जो बात डिविलियर्स को सचिन की कैटिगरी में शामिल करती है वह है उनकी शालीनता और सफलता को खुद पर न हावी होने देने की आदत. फैनी डिविलियर्स कहते हैं कि डिविलियर्स ने न तो टैटू बनवाया है, न कान में बालियां पहनते हैं और न ही उनमें फैशन के प्रति कोई दीवनगी दिखती है. सचिन भी कभी इन चीजों के पीछे नहीं भागे. सम्प्रास से लेकर फेडरर और सचिन से लेकर डिविलियर्स तक सभी महान खिलाड़ी साबित करते हैं कि आपको दिखावा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपका खेल ही सबकुछ है.
डिविलियर्स शानदार लेकिन सचिन से आगे नहीं: एबी डिविलियर्स का क्रिकेट करियर जबर्दस्त रहा है. वह आधुनिक क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं, इसमें कोई दो राय नहीं हैं. यह सच है कि वनडे में तो उनका रिकॉर्ड सचिन से भी बेहतर है. एबी डिविलियर्स ने अब तक खेले गए कुल 195 वनडे मैचों में 23 सेंचुरी की मदद से 8403 रन बनाए हैं. सचिन ने इतने मैचों तक 19 शतकों की मदद से 7500 से ज्यादा रन बनाए थे. यानी कि यहां डिविलियर्स आगे हैं. इन आंकड़ों के बीच ध्यान देने वाली बात ये है कि सचिन ने अपना पहला वनडे शतक 79 मैचों के बाद बनाया था लेकिन उसके बाद अगले 121 मैचों में ही उन्होंने 20 शतक जमा दिए. डिविलियर्स इस रिकॉर्ड तक 31 साल की उम्र में पहुंचे हैं जबकि सचिन 25 साल की उम्र में ही यहं पहुंच गए थे. लेकिन अब 30 से ज्यादा की उम्र में डिविलियर्स के सामने सचिन जितना जोरदार प्रदर्शन करने की चुनौती रहेगी. सचिन ने 2008 से 2011 के वर्ल्ड कप के बीच 3 वर्षों में (33 से 36 की उम्र में) टेस्ट और वनडे की 104 पारियों में 21 शतक जड़ दिए थे. ये देखना रोचक होगा कि डिविलियर्स अगले तीन साल में कितने रन बना पाते हैं.
सचिन ने वनडे करियर में कुल 463 मैचों में 49 शतकों की मदद 18426 रन बनाए. 32 साल के डिविलियर्स के लिए सचिन के इस रिकॉर्ड तक पहुंच पाना लगभग नामुमिकन है. वे ज्यादा से ज्याद 4-5 साल ही और क्रिकेट खेल पाएंगे. टेस्ट मैचों में सचिन का पलड़ा डिविलियर्स पर भारी दिखता है.
डिविलियर्स ने अब तक अपने 98 टेस्ट मैचों में 21 शतकों की मदद से 7606 रन बनाए हैं जबकि सचिन ने अपने 100 टेस्ट मैचों में 30 सेंचुरी की मदद से 8 हजार से ज्यादा टेस्ट रन बनाए थे. सचिन ने कुल 200 टेस्ट मैचों में 51 शतकों की मदद से 15921 रन बनाए. डिविलियर्स का इस रिकॉर्ड तक भी पहुंचना लगभग असंभव है. सचिन ने अपन इंटरनेशनल करियर में 100 शतकों की मदद से 34 हजार से ज्यादा रन बनाए जबकि डिविलियर्स ने अब तक 44 शतकों की मदद से 16 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं. ये अंतर भी इतना ज्यादा है कि डिविलियर्स इसे कभी पाट नहीं पाएंगे.
डिविलियर्स क्यों कभी भगवान नहीं बन पाएंगेः
सचिन भारत में उस दौर में पैदा हुए जब क्रिकेट ने यहां लोकप्रिय होने की शुरुआत ही की थी. ये महज 16 साल की उम्र से ही दिखाई गई उनकी जबर्दस्त प्रतिभा का ही असर था कि क्रिकेट इस देश में धर्म सरीखा बन गया. सचिन ने न सिर्फ अपनी लाजवाब बैटिंग से दुनिया को हतप्रभ किया बल्कि भारत की एक पूरी पीढ़ी को क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित किया. उन्हें देखकर कई युवा इस खेल की तरफ आकर्षित होकर बेहतरीन क्रिकेटर बने.
यानी सिर्फ महान बल्लेबाज न होकर सचिन क्रिकेट के राजदूत हैं जिन्हें इस खेल को सबसे ज्यादा लोकप्रिय बनाने का भी श्रेय जाता है. वहीं डिविलियर्स उस साउथ अफ्रीकी टीम से आते हैं जो पहले ही दुनिया की सबसे खतरनाक टीमों में से एक बन चुकी है. हां, डिविलियर्स अपने शानदार खेल से साउथ अफ्रीकी टीम की सफलता की कहानी को आगे जरूर ले जा रहे हैं. लेकिन वह कभी वह जादू नहीं जगा पाएंगे, जो 16 साल के सचिन ने जगाया था. अगर यह मान भी लें कि डिविलियर्स आने वाले सालों में और खतरनाक बन जाएंगे तो भी वो सवा सौ करोड़ की आबादी कहां से लाएंगे जो उन्हें भगवान माने. इसलिए क्रिकेट के भगवान तो सचिन ही रहेंगे.
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