अक्सर कहा जाता है कि अगर आप के अंदर कुछ कर गुजरने की जिद हो. यदि आप कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपना कार्य करते हो तो आपको आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता. जी हां कुछ ऐसा ही नजर आता है अनादि तागड़े में जो महज 9 साल की हैं और इनका चयन अंडर-19 महिला टीम में हुआ है. अनादि मध्य प्रदेश की खेल राजधानी इंदौर की रहने वाली है. भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने जब क्रिकेट खेलना शुरु किया और उनकी प्रतिभा को दुनिया ने 15 साल की उम्र में पहचाना था तो वहीं अनादि ने केवल 9 साल की उम्र में ही ये कारनामा कर दिखाया है. अनादि ने क्रिकेट इतिहास में अपनी एक अलग पहचान बना ली है.
अनादि ने गेंदबाजी से जीता सबका मन
चौथी क्लास में पढ़ने वाली अनादि मीडियम पेसर (मध्यम तेज गेंदबाज) हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि अनादि पहली बार ही किसी चयन ट्रायल्स में शामिल हुई थी और सेलेक्ट भी हो गई. आमतौर पर देखा जाता है कि इस उम्र में लड़कियां मौज-मस्ती और खिलौनों के साथ खेलती हैं लेकिन अनादि अपनी तेज गेंदबाजी से बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ा खौफ बनती जा रही है. उनकी कमाल की लाइन और लेंथ देखकर बल्लेबाजों के साथ- साथ चयनकर्ता भी हैरान रह गए हैं. अनादि ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को भी उसे टीम में शामिल करने पर मजबूर कर दिया.
कोच नहीं मिला तो अनादि की मां ने खुद दी ट्रेनिंग
अनादि अपनी मां को सबसे बड़ी प्रेरणा मानती है. वो इसलिए क्योंकि उनकी मां दिप्ती तागड़े भी एक अच्छी क्रिकेटर रह चुकी हैं. दिप्ती को अनादि के लिए कोई कोच नहीं मिला, तो उसने खुद ही अपनी बेटी को क्रिकेट की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया. दिप्ती ने अपनी बेटी को दो साल तक क्रिकेट के गुर सिखाए और उनके खेल को संवारा और उसके बाद करीब आठ महीने पहले उसने बेटी को हैप्पी वाण्डरर्स...
अक्सर कहा जाता है कि अगर आप के अंदर कुछ कर गुजरने की जिद हो. यदि आप कड़ी मेहनत और लगन के साथ अपना कार्य करते हो तो आपको आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता. जी हां कुछ ऐसा ही नजर आता है अनादि तागड़े में जो महज 9 साल की हैं और इनका चयन अंडर-19 महिला टीम में हुआ है. अनादि मध्य प्रदेश की खेल राजधानी इंदौर की रहने वाली है. भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने जब क्रिकेट खेलना शुरु किया और उनकी प्रतिभा को दुनिया ने 15 साल की उम्र में पहचाना था तो वहीं अनादि ने केवल 9 साल की उम्र में ही ये कारनामा कर दिखाया है. अनादि ने क्रिकेट इतिहास में अपनी एक अलग पहचान बना ली है.
अनादि ने गेंदबाजी से जीता सबका मन
चौथी क्लास में पढ़ने वाली अनादि मीडियम पेसर (मध्यम तेज गेंदबाज) हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि अनादि पहली बार ही किसी चयन ट्रायल्स में शामिल हुई थी और सेलेक्ट भी हो गई. आमतौर पर देखा जाता है कि इस उम्र में लड़कियां मौज-मस्ती और खिलौनों के साथ खेलती हैं लेकिन अनादि अपनी तेज गेंदबाजी से बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ा खौफ बनती जा रही है. उनकी कमाल की लाइन और लेंथ देखकर बल्लेबाजों के साथ- साथ चयनकर्ता भी हैरान रह गए हैं. अनादि ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को भी उसे टीम में शामिल करने पर मजबूर कर दिया.
कोच नहीं मिला तो अनादि की मां ने खुद दी ट्रेनिंग
अनादि अपनी मां को सबसे बड़ी प्रेरणा मानती है. वो इसलिए क्योंकि उनकी मां दिप्ती तागड़े भी एक अच्छी क्रिकेटर रह चुकी हैं. दिप्ती को अनादि के लिए कोई कोच नहीं मिला, तो उसने खुद ही अपनी बेटी को क्रिकेट की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया. दिप्ती ने अपनी बेटी को दो साल तक क्रिकेट के गुर सिखाए और उनके खेल को संवारा और उसके बाद करीब आठ महीने पहले उसने बेटी को हैप्पी वाण्डरर्स क्लब ज्वाइन कराया. जहां ट्रेनिंग लेने के दौरान ही उसका स्टेट चैंपियनशिप के लिए सिलेक्शन हो गया. वैसे अनादि के पिता अनुराग तागड़े का परिवार संगीत जगत से जुड़ा हुआ है. ऐसे में अनादि अपने पिता नहीं, मां के नक्शेकदमों पर चल रही हैं और क्रिकेट जगत में अपना नाम रोशन करने में लगी हुई हैं.
आईपीएल के मैच को देखकर सीखा फील्ड प्लेसिंग
अनादि क्रिकेट को काफी पसंद करती हैं. उन्होंने अपने पिता से जिद की थी कि मुझे मैच दिखाकर लाए और उनके पिता अनुराग उसे इंदौर के होलकर मैदान में आईपीएल का मैच दिखाने ले गए. जहां उसने क्रिकेट मैच का आनंद उठाने की बजाए किंग्स इलेवन पंजाब के ईशांत शर्मा की गेंदबाजी को ज्यादा ध्यान से देखा. उसकी पूरी नजर इस बात पर टिकी थी कि ईशांत किस तरह गेंदबाजी करते हुए क्षेत्ररक्षण लगाते हैं. वैसे अनादि हार्दिक पांड्या को फेवरेट मानती हैं. उनका कहना है कि हार्दिक बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों कर लेते है. उनकी फिटनेस भी लाजवाब है और मुझे उनके जैसा बनना है.
अनादि का सपना सचिन से मिलना
अनादि ने इच्छा जताई है कि उनका सपना क्रिकेट के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर से मिलने का है. अनादि और उनकी मां दीप्ति दोनों ही सचिन की बहुत बड़ी फैन हैं. ये भी बड़ी दिलचस्प बात है कि अनादि के पिता अनुराग और सचिन का जन्मदिन 24 अप्रैल को ही आता है. इसके साथ ही दोनों का वर्ष भी एक ही है और सचिन और अनुराग के पिता का नाम भी एक है रमेश.
अनादि में है तेज गेंदबाज बनने का जनून
अनादि एक अच्छी गेंदबाज बनना चाहती हैं और जिसके लिए वह कड़ी मेहनत भी करती हैं. उन्हें आधी रात को भी यदि बॉलिंग करने को कहा जाए तो भी वह इसके लिए भी तैयार रहती हैं. उनकी इस लगन और क्रिकेट के प्रति जज्बे को देखकर तो ऐसा ही लगता है कि वह एक दिन जरूर नेशनल टीम के लिए खेलेंगी और देश का नाम रोशन करेंगी.
(कंटेंट: मोनू चहल, इंटर्न @ ichowk.in )
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.