क्या आपको पता है सबसे ज्यादा फेक लिंक वॉट्सएप के जरिए शेयर किए जाते हैं. चाहें वो बिग बिलियन सेल का हो, या फिर वॉट्सएप वीडियो कॉलिंग का फेक इन्विटेशन या फिर किसी लॉटरी का लिंक ये सब वॉट्सएप के जरिए तेजी से फैलता है. अगली बार कोई वॉट्सएप.कॉम ( whatsapp.com) का लिंक आपको भेजे तो सावधान हो जाएं.
TNW टेक साइट की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में वॉनाक्राई रैनसमवेयर ( wannacry ransomeware ) की तरह वॉट्सएप पर एक एडवेयर तेजी से फैल रहा है. ये एडवेयर एक रेडिट यूजर ने ढूंढा था. रिपोर्ट के मुताबिक वॉट्सएप.कॉम का ही यूआरएल है जो फैलाया जा रहा है. ऐसा जावा किया जा रहा है कि इस यूआरएल से वॉट्सएप अलग-अलग रंगों में डाउनलोड किया जा सकेगा.
असल में ये लिंक एक तरह का एडवेयर है जिससे अलग-अलग एक्सटेंशन फाइल्स डाउनलोड हो रही हैं. जैसे ही आप इस लिंक पर क्लिक करेंगे ये आपसे आपके दोस्तों का कॉन्टैक्ट मांगेगा वेरिफिकेशन के नाम पर, लेकिन आपके दोस्तों के पास इस वही लिंक पहुंच जाता है और साथ में एक मैसेज भी कि आपको वॉट्सएप कलर्स बहुत अच्छा लगा है और दूसरों को भी इसे इस्तेमाल करना चाहिए.
अगर कोई आपको इस तरह का लिंक भेज रहा है तो भूलकर भी इसपर क्लिक ना करें.
ये तो हुई एडवेयर की बात चलिए बात करते हैं अब उस रैनसमवेयर की जिसने 150 देशों की नाक में दम कर रखा है. इस रैनसमवेयर का असर भारत पर भी पड़ा है.
क्या हुआ है भारत पर असर-
दुनिया का सबसे बड़ा साइबर आटैक इसे कहा जाए तो गलत नहीं होगा. भारत में इसका असर सबसे ज्यादा आंद्रप्रदेश में हुआ है जहां पुलिस डिपार्टमेंट के करीब 18 यूनिट इन्फेक्ट हुए हैं. साइबर अटैक के कारण भारत में लोग एटीएम से पैसे तक नहीं निकाल रहे हैं क्योंकि...
क्या आपको पता है सबसे ज्यादा फेक लिंक वॉट्सएप के जरिए शेयर किए जाते हैं. चाहें वो बिग बिलियन सेल का हो, या फिर वॉट्सएप वीडियो कॉलिंग का फेक इन्विटेशन या फिर किसी लॉटरी का लिंक ये सब वॉट्सएप के जरिए तेजी से फैलता है. अगली बार कोई वॉट्सएप.कॉम ( whatsapp.com) का लिंक आपको भेजे तो सावधान हो जाएं.
TNW टेक साइट की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में वॉनाक्राई रैनसमवेयर ( wannacry ransomeware ) की तरह वॉट्सएप पर एक एडवेयर तेजी से फैल रहा है. ये एडवेयर एक रेडिट यूजर ने ढूंढा था. रिपोर्ट के मुताबिक वॉट्सएप.कॉम का ही यूआरएल है जो फैलाया जा रहा है. ऐसा जावा किया जा रहा है कि इस यूआरएल से वॉट्सएप अलग-अलग रंगों में डाउनलोड किया जा सकेगा.
असल में ये लिंक एक तरह का एडवेयर है जिससे अलग-अलग एक्सटेंशन फाइल्स डाउनलोड हो रही हैं. जैसे ही आप इस लिंक पर क्लिक करेंगे ये आपसे आपके दोस्तों का कॉन्टैक्ट मांगेगा वेरिफिकेशन के नाम पर, लेकिन आपके दोस्तों के पास इस वही लिंक पहुंच जाता है और साथ में एक मैसेज भी कि आपको वॉट्सएप कलर्स बहुत अच्छा लगा है और दूसरों को भी इसे इस्तेमाल करना चाहिए.
अगर कोई आपको इस तरह का लिंक भेज रहा है तो भूलकर भी इसपर क्लिक ना करें.
ये तो हुई एडवेयर की बात चलिए बात करते हैं अब उस रैनसमवेयर की जिसने 150 देशों की नाक में दम कर रखा है. इस रैनसमवेयर का असर भारत पर भी पड़ा है.
क्या हुआ है भारत पर असर-
दुनिया का सबसे बड़ा साइबर आटैक इसे कहा जाए तो गलत नहीं होगा. भारत में इसका असर सबसे ज्यादा आंद्रप्रदेश में हुआ है जहां पुलिस डिपार्टमेंट के करीब 18 यूनिट इन्फेक्ट हुए हैं. साइबर अटैक के कारण भारत में लोग एटीएम से पैसे तक नहीं निकाल रहे हैं क्योंकि भारत में 60% एटीएम विंडोज एक्सपी पर काम करते हैं.
इस साइबर अटैक से रेल्वे सिस्टम, पुलिस स्टेशन, प्राइवेट कंपनियां, हॉस्पिटल आदि पर पड़ा है.
इस अटैक से बचा कैसे जाए...
इस अटैक से बचने के लिए कुछ तरीके हैं जैसे...
1. अपने सॉफ्टवेयर अपडेट कर लें...
अगर आपने अभी तक सिस्टम को अपडेट नहीं किया है तो यकीन मानिए सबसे बड़ी गलती कर रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने अब एक पैच (प्रोग्राम कोड) भी जारी कर दिया है जिसे अपने सिस्टम में अपडेट करना बहुत जरूरी है. ये खास तौर पर विंडोज एक्सपी, विंडोज 8 और विंडोज 2003 के लिए है. अगर आपके सिस्टम में ऑटोमैटिक अपडेट सेटिंग बंद है तो उसे वापस से ऑन कर लें.
2. रजिस्टर्ड एंटी-वायरस का इस्तेमाल...
ये सुनने में थोड़ा आम लगेगा जो हर हैकिंग ट्रिक में इस्तेमाल करने को कहा जाता है, लेकिन अगर देखा जाए तो ये बेहद जरूरी है. मालवेयर अडोब फ्लैश, ऑरेकल जावा और बाकी जरूरी सॉफ्टवेयर से भी आ सकता है. इस सॉफ्टवेयर को अपडेट करने के साथ-साथ एंटी वायरस आपको किसी भी तरह के अटैक से काफी हद तक बचा सकता है.
3. किसी भी लिंक पर आंख बंद कर क्लिक ना करें...
अगर आपके ईमेल पर कोई लिंक आया है तो उसे बिना सोचे समझे क्लिक करने की कोशिश ना करें. एक्सपर्ट के मुताबिक ईमेल के जरिए भी इस रैनसमवेयर का अटैक हो रहा है और अगर आपने ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक किया तो आपका सिस्टम भी चपेट में आ सकता है. किसी भी लिंक पर चाहें वो ईमेल के जरिए आया हो या फिर वो किसी दोस्त ने वॉट्सएप पर भेजा हो बिना सोचे समझे क्लिक करना बुरा साबित हो सकता है.
ऐसा मत सोचिए कि अगर एंटीवायरस अपडेटेड है और विंडोज का पायरेटेड वर्जन है तो भी आप बच सकते हैं. इसके बाद भी खतरा है. आपको ये पता करना होगा कि आपका एंटीवायरस रैनसमवेयर से बचाता है या नहीं. इसके लिए अपने एंटीवायरस की यूटिलिटी सेटिंग पर जाएं या फिर अपने एंटी वायरस की गूगल सर्च कर लें.
अगर नहीं है तो दो फ्री ऑप्शन हैं जो ये काम कर सकते हैं इनमें साइबरीजन रैनसमफ्री और मालवेयरबाइट्स एंटी रैनसमवेयर शामिल हैं.
किन-किन सिस्टम पर नहीं होगा ज्यादा असर...
Windows 10, Windows 8.1, Windows 7, Windows Vista, Windows Server 2008, Windows Server 2008 R2, Windows Server 2012, Windows Server 2012 R2, Windows Server 2016
अगर आप इस लिस्ट में से किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम का अपडेटेड वर्जन इस्तेमाल कर रहे हैं तो काफी हद तक आप रैनसमवेयर से सुरक्षित हैं.
भारत में क्यों हो सकती है ज्यादा दिक्कत..
भारत में इस रैनसमवेयर या किसी भी तरह के साइबर अटैक से ज्यादा परेशानी इसलिए हो सकती है क्योंकि यहां करीब 58% सिस्टम पारयेटेड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं. यही कारण है कि अगर कई सिस्टम पर अटैक हुआ भी है तो भी पता चल पाना मुश्किल है.
यहां बचाव का सबसे अच्छा तरीका है अपने सिस्टम को अपडेट रखना.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.