5 कारण, फिल्म 102 not out क्यों देखना बनता है
102 Not Out अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की एक साथ छठी फिल्म है, जिसमें ये 27 साल बाद काम कर रहे हैं. लेकिन पर्दे पर इन्हें साथ-साथ काम करता देखते हुए लगा नहीं कि ये इतने अरसे बाद साथ आए हैं.
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102 Not Out अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की एक साथ छठी फिल्म है, जिसमें ये 27 साल बाद काम कर रहे हैं. लेकिन पर्दे पर इन्हें साथ-साथ काम करता देखते हुए लगा नहीं कि ये इतने अरसे बाद साथ आए हैं. अब आइए वो कारण जान लेते हैं कि फैंस के लिए क्यों इसे देखना बनता है :
1) जब फिल्म की कास्ट में नाम हो अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर का, तो फिल्म देखना तो बनता है बॉस.
2) सत्तर और अस्सी के दशक के सुपर स्टार्स के साथ बेहतरीन कलाकार भी हैं अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर.
3) आखिरी बार 27 साल पहले फिल्म अजूबा में साथ दिखे थे अमिताभ और ऋषि.
4) दिलचस्प कास्टिंग, बतौर भाई और दोस्त के रोल में ये दोनों काम कर चुके हैं, लेकिन पहली बार पिता और पुत्र के किरदार में.
5) इस फिल्म से अमिताभ ने म्यूजिक डायरेक्टर के तौर पर भी डेब्यू किया है. गाने के बोल हैं "बडूम्बा" जो एक प्रमोशनल गाना है और फिल्म में नहीं है.
27 साल बाद साथ आई है ये जोड़ी
अब बात फिल्म की कहानी की
अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की 102 Not Out कहानी है पिता-पुत्र के रिश्तों की, अलग-अलग विचारधारा की. निर्देशक उमेश शुक्ला की इस इमोशनल कॉमेडी फिल्म में अमिताभ 102 साल के मॉर्डन पिता के रोल में हैं, जो जवान लड़कों की तरह बेहद रंग बिरंगे कपड़े पहनते हैं. 75 साल के बेटे बने हैं ऋषि कपूर जो जिंदगी से उदास हो चुका हैं और दकियानूसी ख़यालों के साथ सिर्फ अपना वक्त काट रहा है. किस तरह से 102 साल का पिता अपने 75 साल के बेटे को जिंदगी जीने का फ़लसफ़ा समझाता है और आखिर में उसे कामयाबी मिलती है या नहीं, ये है कहानी 102 NOT OUT की.
अमिताभ पिता और ऋषि कपूर बने हैं पुत्र.
लेखक सौम्या जोशी की कहानी दिलचस्प होने के साथ-साथ प्रगतिशील भी है, लेकिन स्क्रीनप्ले में कुछ छुटपुट ख़ामियां हैं. खासतौर से पहले हाफ में गति थोड़ी धीमी है लेकिन सेकंड हाफ बांध कर रखता है और कुछ सीन्स कमजोर होने के बाद भी अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की अदायगी की वजह से देखे जा सकते हैं. सौम्या जोशी के संवाद दिल को छूते हैं.
सलीम सुलेमान का संगीत औसत है और गाने फिल्म की लय के साथ जाते हैं, लेकिन कोई भी गाना ब्लॉक बस्टर नहीं है. एक्टिंग के डिपार्टमेंट में अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर पूरी फिल्म अपने कंधों पर उठाते हैं, दोनों ही बेहद दमदार हैं. सफेद लंबे लेकिन स्टाइलिश हेयर स्टाइल में अमिताभ 102 not out में वाकई बेहद कूल लग रहे हैं. वहीं ओल्ड स्कूल बेटे के रोल में ऋषि कपूर किरदार में फिट हैं, दोनों के कॉस्ट्यूम्स भी उनकी शख्सियत बयां करते हैं.
फिल्म में 102 साल के जिंदादिल शख्स है अमिताभ बच्चन
102 not out देखने के बाद अमिताभ और ऋषि की तमाम हिट फिल्मों के गाने याद आते हैं, चाहे 1981 की सुपर हिट फिल्म नसीब का गाना "चल चल मेरे भाई तेरे हाथ जोड़ता हूं" या 1983 की एक और ब्लॉक बस्टर फिल्म का गाना हो "लंबू जी लंबू जी हां बोलो जी टिंगू जी"
102 not out इन दोनों कलाकारों की छठी फिल्म है एक साथ, इससे पहले "कभी कभी", "अमर अकबर एंथोनी", "नसीब" "क़ुली" और अजूबा में इन दोनों की जोड़ी दिख चुकी है. निर्देशक उमेश शुक्ला के निर्देशन में इमानदारी भी है और सादगी भी, जो इस फिल्म को देखने लायक बनाती है. कुल मिलाकर छुटपुट खामियों को नजर अंदाज कर अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर की जोड़ी के लिये देखिये 102 NOT OUT.
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