VIDEOS: रजनीकांत की 2.0 तो कुछ भी नहीं, ये 6 फिल्में देख लेंगे तो फोन छूने में भी डर लगेगा !
अगर रजनीकांत की 2.0 फिल्म देखकर आपको भी डर लगा है, तो आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में, जिन्हें देखने के बाद आपको रजनीकांत की 2.0 से डर नहीं लगेगा. हां वो बात अलग है कि आप अपने ही फोन को छूने में डरेंगे.
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रजनीकांत की फिल्म 2.0 लोगों को खूब पसंद तो आ रही है, लेकिन डरा भी रही है. फिल्म में दिखाया है कि मोबाइल और मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन पक्षियों को मार रहा है. पक्षियों की मौत का मामला सरकार के सामने रखने वाला शख्स भी आत्महत्या कर लेता है. इसके बाद उस शख्स की आत्मा और रेडिएशन से मारे गए पक्षियों की आत्मा मिलकर दुनिया में तबाही मचाना शुरू कर देते हैं. लोगों को फोन हाथों से उड़कर आसमान में चले जाते हैं. फोन ही लोगों की जान लेने लग जाते हैं. फिल्म में तकनीक और हॉरर को शानदार तरीके से जोड़कर दिखाया गया है. बहुत से लोग तो फिल्म देखने के बाद वाकई डर रहे होंगे कि कहीं ऐसा ना हो जाए. खैर, फिल्म में जैसा दिखाया गया है वैसा तो नहीं होगा, लेकिन रेडिएशन से नुकसान तो हो ही रहा है. अगर रजनीकांत की 2.0 फिल्म देखकर आपको भी डर लगा है, तो आइए आपको बताते हैं कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में, जिन्हें देखने के बाद आपको रजनीकांत की 2.0 से डर नहीं लगेगा. हां वो बात अलग है कि आप अपने ही फोन को छूने में डरेंगे.
अगर रजनीकांत की फिल्म 2.0 से आप डरे हैं, तो ये फिल्में आपकी रूह कंपा देंगी.
1- When a Stranger Calls (1979, 2006)
यह फिल्म सबसे पहले 1979 में आई थी, जिसे दोबारा से 2006 में भी फिर से बनाया गया. फिल्म में दिखाया गया है कि एक साइको किलर एक घर में बच्चे का ख्याल रख रही बेबीसिटर को देर रात में फोन करता है. बेबीसिटर पुलिस को फोन करती है, लेकिन पुलिस उसका लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाती है. काफी कोशिशों के बात पुलिस को उसकी लोकेशन पता चलता है. पुलिस बेबीसिटर को फोन करके सचेत करती है और बताती है कि फोन कोई उसी घर के अंदर से कर रहा है.
2- 976 – Evil (1988)
इस फिल्म में दिखाया गया है कि कोई बुरा इंसान आपको फोन नहीं करता है, बल्कि आप शैतान को फोन करते हैं. 976- EVIL एक प्रीमियम फोन लाइन है, जो सीधे नरक से आपको कनेक्शन जोड़ती है. फिल्म को और अधिक डरावना बनाने के लिए ये दिखाया गया है कि जब एक शख्स को पता चल जाता है कि यह फोन लाइन कैसे काम करती है तो वह इसका इस्तेमाल अपने दुश्मनों से बदला लेने के लिए करता है. उसे फोन के जरिए ही नरक से शक्तियां मिल जाती हैं और वह बेहद ताकतवार हो जाता है.
3- Scream (1996)
इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक शख्स उन सभी लोगों की जान लेने लगता है जिन्हें डरावनी फिल्में देखना पसंद होता है. इसके लिए वह पहले उन्हें फोन करता है और पूछता है कि क्या उन्हें डरावनी फिल्में देखना पसंद है और फिर बेहद खौफनाक तरीके से उनकी हत्या कर देता है. फिल्म में दिखाया गया है कि उससे बचने कि लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा. पहला ये कि फोन मत उठाओ, दूसरा ये कि दरवाजा मत खोलो और तीसरा ये कि छुपने की कोशिश मत करो. ये फिल्म खतरनाक है या नहीं, इसका अंदाजा आपको नीचे दिए इसके ट्रेलर को देखकर ही लग जाएगा.
4- Phone (2002)
यह कोरिया की एक हॉरर फिल्म है, जिसमें एक श्रापित नंबर की कहानी गढ़ी गई है. जी हां. एक श्रापित फोन नंबर. फिल्म में मुख्य किरदार अपना फोन नंबर बदल देती है, क्योकि उसके बाद कुछ धमकी भरे फोन आते थे. लेकिन वो जो नया नंबर लेती है, उसे ये पता नहीं होता कि वह श्रापित है. इसके बाद उसे पता चलता है कि उस नंबर के मालिक की मौत रहस्यमयी तरीके से हुई है. छानबीन करने पर पता चलता है कि उसके बाद दो और लोगों ने वही नंबर लिया था, जिनकी मौत रहस्यमयी तरीके सो हो जाती है. कहानी में अवैध संबंधों का जिक्र है और कहानी इसी के इर्द-गिर्द डरावने तरीके से घूमती है.
5- One Missed Call (2008)
इस फिल्म में लोगों को उनके भविष्य से फोन आता है. उसमें उनकी मौत का एकदम सटीक दिन और समय बताया जाता है. इसके बाद एक-एक कर के सभी फोन पर बताए समय और जगह पर मरने लगते हैं. पुलिस को ये सब सिर्फ हादसा लगता है, लेकिन एक जासूस को भविष्य से मौत वाले फोन आने की बातों में सच्चाई लगती है, जिसके बाद छानबीन करने पर पता चलता है कि इन सभी फोन एक भूत बच्चा कर रहा था.
6- Cell (2016)
यह फिल्म cell नाम के एक नोवल पर बनी हुई है, जिसे स्टीफन किंग ने लिखा था. फिल्म में दिखाया गया है कि अचानक मोबाइल नेटवर्क में एक इलेक्ट्रिक सिग्नल चला जाता है, जिसके बाद उस समय जितने भी लोग मोबाइल इस्तेमाल कर रहे होते हैं, सभी का दिमाग खराब हो जाता है और वह हत्यारे बन जाते हैं. इसके बाद शुरू होती है जिंदा रहने की जद्दोजहद.
अब इस बात का फैसला आप ही करिए कि रजनीकांत की 2.0 देखने के बाद आपको अपने फोन से अधिक डर लगा था या इन फिल्मों के ट्रेलर ने आपको अधिक डराया. अगर अभी भी आपको लग रहा है कि इन फिल्मों के ट्रेलर में कोई दम नहीं है, तो पूरी फिल्में देख लें. किसी को फोन करना तो दूर, फोन को छूने में हाथ कांपेंगे.
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