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Updated: 11 दिसम्बर, 2021 03:05 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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''हादसों की गर्द से ख़ुद को बचाने के लिए, मां! हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे''...मशहूर शायर मुनव्वर राणा का ये शेर जीवन में मां की अहमियत बताने के लिए काफी है. मां को ममता की मूरत कहा जाता है. लेकिन ममतामयी मां तब काली देवी की तरह रौद्र रूप धारण कर लेती है, जब उसके बच्चों के साथ कोई हिंसक बर्ताव करता है. इंसान हो या जानवर, हर मां अपने बच्चों से बेइंतहा प्यार करती है और उनकी रक्षा के लिए अपने जान की बाजी तक लगा देती है.

मां के इस रूप का साक्षात दर्शन करना हो तो ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन की वेब सीरीज 'आर्या' जरूर देखनी चाहिए. इसका दूसरा सीजन भी रिलीज हो चुका है. राम माधवानी, विनोद रावत और कपिल शर्मा के निर्देशन में बनी इस वेब सीरीज में सुष्मिता सेन के साथ सिकंदर खेर, वर्ति वघानी, विकास कुमार, वीरेन वज़ीरानी, माया सराव, नमित दास, अंकुर भाटिया, विश्वजीत प्रधान और चंद्रचूड़ सिंह अहम किरदारों में हैं.

sushmita-650_121021110701.jpgसुष्मिता सेन की वेब सीरीज 'आर्या' के पहले सीजन में जो रोमांच है, वो इसके दूसरे सीजन में भी जारी रहता है.

वेब सीरीज 'आर्या 2' में बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने एक ऐसी मां का किरदार निभाया है, जो अपने पति की हत्या के बाद तीन बच्चों के साथ जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रही है. वो पहले पिता, फिर पति, उसके बाद पुलिस की मदद के सहारे अपने और बच्चों की सुरक्षा करना चाहती है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आता है, जब उसे लगता है कि उसकी सुरक्षा कोई कर पाएगा, तो वो खुद है. इसके बाद एक साधारण सी दिखने वाली औरत किसी डॉन की तरह नजर आती है.

पूरे वेब सीरीज के केंद्र में सुष्मिता सेन की किरदार 'आर्या' है. सच कहें तो आर्या इस वेब सीरीज की जान है. पहले सीजन की कहानी जहां खत्म हुई थी, दूसरे सीजन की कहानी रीकैप के साथ वहीं से शुरू होती है. आर्या सरीन (सुष्मिता सेन) अपने पति तेज (चंद्रचूड़ सिंह) की हत्या के बाद देश छोड़ कर पुलिस की मदद से न्यूजीलैंड चली जाती है, ताकि अपने बच्चों को सुरक्षित जीवन दे सके, लेकिन वहां रशियन गैंग के खतरे को देखते हुए उसे ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट कर दिया जाता है.

पहले एपिसोड में यह भी दिखाया जाता है कि आर्या के पिता जोरावर राठौर (जयंत कृपलानी) ने उसके पति की हत्या करवाई थी. वो अपने बिजनेस को बचाने के लिए ऐसा करते हैं. लेकिन पीछे ड्रग्स का एक बड़ा रैकेट संचालित करते हैं. आर्या पुलिस को एक पेन ड्राइव में सारे सबूत देती है, जिसके बाद जोरावर राठौर (जयंत कृपलानी), भाई संग्राम राठौर (अंकुर भाटिया) और उदयवीर शेखावत (आकाश खुराना) को जेल हो जाती है. उनका कोर्ट में केस चल रहा होता है.

उसके पिता शेखावत (जयंत कृपलानी) ने उसके पति की हत्या का षड्यंत्र रचा था और अवैध ड्रग्स के धंधे में पूरा परिवार उलझा था. नए सीजन की शुरुआत आर्या की वतन वापसी से होती है और उसे अपनों के खिलाफ गवाही देनी है. एसीपी यूनीस खान (विकास कुमार) आर्या को इस केस में गवाही देने के लिए ऑस्ट्रेलिया से भारत लाना चाहता है, लेकिन वो तैयार नहीं होती. लेकिन एसीपी की धमकी के बाद वो आ जाती है. राजस्थान में सेफ हाऊस में उस पर हमला हो जाता है.

इसके बाद आर्या अपने बच्चों के साथ वापस ऑस्ट्रेलिया जाना चाहती है. लेकिन फिर पुलिस के दबाव में आकर रुक जाती है. कोर्ट में उसकी गवाही होती है. सरकारी वकील उससे पेन ड्राइव की सच्चाई पूछती है, जिससे जोरावर, संग्राम और उदवीर की सजा तय होनी होती है. लेकिन आर्या अपनी बात से पलट जाती है. इस वजह से उसे पिता और भाई बाइज्जत बरी हो जाते हैं. पुलिस नाराज होकर उससे अपना सारा सपोर्ट वापस ले लेती है. अब आर्या के सामने सुरक्षा बड़ा सवाल होती है.

आर्या अपने परिवार और बाहर के दुश्मनों से खुद की और अपने बच्चों की रक्षा कैसे करती है? आगे क्या होता है? ये सब जानने के लिए वेब सीरीज देखनी जरूरी है. लेकिन इतना तो कहा जा सकता है कि 50-50 मिनट के 8 एपिसोड की इस वेब सीरीज में हर तरफ आर्या ही छाई होती है. वो कैसे अपने पिता, भाई और पति के दुश्मनों के साथ ड्रग्स माफियाओं के साथ जूझती है, उनसे लड़ती है, उनके साथ संघर्ष करती है, ये देखना बहुत ही दिलचस्प और रोचक है.

राम माधवानी ने इस वेब सीरीज को क्रिएट किया है, लेकिन उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकार कपिल शर्मा और विनोद रावत इसे निर्देशित किया है. 'आर्या' डच वेब सीरीज 'पेनोजा' का हिंदी रीमेक है, जिसमें एक किरदार को मां से डॉन बनने तक का सफर दिखाया गया है. चावला शेख और अनु सिंह चौधरी ने आर्या के जीवन के उतार-चढ़ाव के साथ-साथ प्यार, वफादारी, विश्वासघात और पारिवारिक संबंधों के बदलते समीकरणों को बुना है, जो दर्शकों के लिए रोमांचक है.

इस वेब सीरीज की पटकथा असाधारण नहीं है, लेकिन इसे अच्छी तरह से निष्पादित किया गया है. हर किरदार को अच्छी तरह से लिखा गया है. जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, धीरे-धीरे दर्शकों के लिए रोमांच बढ़ता जाता है. बैकग्राउंड म्युजिक अच्छा लगता है, खासकर 'बड़े अच्छे लगते हैं' जैसी क्लासिक धुन को अच्छे से इस्तेमाल किया गया है. सिनेमैटोग्राफी राजस्थान की आकर्षक वास्तुकला और शहर के शाही अंदाज को दिखाने में सफल रहता है, जो कि एक मजबूत पक्ष है.

सबसे ज्यादा तारीफ की हकरदार सुष्मिता सेन हैं, जिन्होंने आर्या के किरदार में अलग-अलग जीवन को बखूबी जिया है. एक दुखी पत्नी, डरी हुई मां और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए अपराधियों से निपटने वाली एक सख्त महिला का भाव उनके चेहरे पर दिखता है. हालांकि, वीएफएक्स के इस्तेमाल से उनको जवान दिखाने की कोशिश की गई है, जो साफ तौर पर नजर आ जाती है. कुल मिलाकर, पिछले सीजन की तरह 'आर्या' का दूसरा सीजन दर्शकों को बांधे रखने में सफल है.

iChowk.in रेटिंग: 5 में से 3.5 स्टार

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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