New

होम -> सिनेमा

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 25 जुलाई, 2022 01:55 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

साल 2003. गोविन्द मेनन की फिल्म ख्वाइश से मल्लिका शेरावत ने बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया था. होने को फिल्म एक बेहद ही औसत दर्जे की फिल्म थी और बॉक्स ऑफिस को प्रभावित नहीं कर पाई. लेकिन जिस कारण फिल्म को फैंस ने याद रखा वो मल्लिका का पर्दे पर हॉट एंड सिजलिंग अवतार था. जैसी फिल्म थी उसमें स्क्रिप्ट के नाम पर या तो सेक्स सीन थे या फिर किसिंग और दिलचस्प ये कि जैसे उन्हें फिल्माया गया मल्लिका कहीं भी असहज नहीं लगीं. इसके बाद साल 2004 में भट्ट कैम्प की फिल्म मर्डर से एक बार फिर मल्लिका ने दर्शकों को आहें भरने के लिए मजबूर किया. मर्डर में भी जिस तरह का रोल मल्लिका ने किया उस दौर में तमाम फिल्म क्रिटिक्स ऐसे थे जिन्होंने उनके काम को सॉफ्ट पोर्न की संज्ञा दी.

उपरोक्त बातों को हो सकता है कि सवाल हो जाए कि मल्लिका और उनके काम को लेकर आखिर ये बातें क्यों? वजह है उनका एक इंटरव्यू जिसमें उन्होंने बॉलीवुड को न केवल पेट्रियारकल बताया है, बल्कि डंके की चोट पर इस बात को स्वीकार किया है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री एक ऐसी जगह है जिसे बड़े पावरफुल सो कॉल्ड मर्दों के जरिये चलाया जाता है इसीलिए मुझे ज्यादा काम नहीं मिला

Mallika Sherawat, Bollywood, Exploitation, Acting, Actress, Interview, Kissing Scene, Eroticअपनी मकामी के लिए बॉलीवुड को दोष देने वाली मल्लिका अगर खुद के गिरेबां में झांके तो ज्यादा बेहतर है

एक निजी वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में जैसी बातें मल्लिका ने की हैं. वो इस बात की तस्दीख कर देती हैं कि कहीं न कहीं मल्लिका को इस बात का मलाल है कि अच्छा बुरा सब करने के बावजूद उन्हें वो जगह नहीं मिली जो वो डिजर्व करती थीं. 

अपने इंटरव्यू में मल्लिका ने इस बात का भी जिक्र किया कि बॉलीवुड के 'बड़े' लोग उन्हें देर रात कॉल करते और काम को डिस्कस करने के बहाने मिलने को बुलाते. जिसके लिए वो सहज नहीं थीं और वो मना कर देतीं.

जैसी बातें मल्लिका ने की हैं. यदि उनको देखें और उनका अवलोकन करें तो तमाम तरह के सवाल हैं जो जेहन में आते हैं. आज भले ही मल्लिका अपने को चरित्रवान बनने की एक्टिंग कर रही हों. लेकिन सच्चाई यही है कि जब उनका दौर था. या ये कहें कि जो भी फिल्मों बतौर एक्ट्रेस उन्होंने साइन की उनमें उनका रोल क्या है? उन्हें इस बात का पूरा अंदाजा था और जो भी उनके रोल्स थे वो उनकी सहमति के बाद ही थे. 

मल्लिका द्वारा जो कुछ भी आरोप बॉलीवुड पर लगाए गए हैं, उनमें गहरा विरोधाभास तो है ही. साथ ही साथ तमाम तरह के सवाल भी उठते हैं. कुछ और बात करने से पहले हम मल्लिका से ये ज़रूर पूछना चाहेंगे कि बोल्डनेस का चोला ओढ़कर, सेक्स सीन देकर जो इक्का दुक्का फ़िल्में उन्होंने की क्या उन्हें अपने रोल का अंदाजा नहीं था. वो जो कुछ भी पर्दे पर कर रहीं थीं क्या बिना समझें, बिना जाने ही कर रही थीं?

विषय बहुत सीधा है. अपनी नाकामी को भले ही आज मल्लिका ने बॉलीवुड और कुछ 'बड़े' लोगों के ऊपर मढ़ दिया हो. लेकिन सच्चाई यही है कि उन्होंने जो कुछ किया एक सोची समझीं रणनीति के दम पर किया. हो सकता है कि बतौर एक्ट्रेस उन्हें ऐसा लगा हो कि सफलता हासिल करने का एकमात्र जरिये कपड़े उतरना और पर्दे पर हॉट सीन देना है. लेकिन क्योंकि सच्चाई को ज्यादा देर तक छुपाया नहीं जा सकता हो सकता है जबतक उन्हें इस बात का एहसास हुआ वो बहुत कुछ पीछे छूट गया हो. 

इन तमाम चीजों के अलावा मल्लिका के मद्देनजर जो एक बात सबसे ज्यादा हैरत में डालती है वो है उनका सफलता की चाह में बहुत तेजी से आगे बढ़ना. हो सकता है ये बात कन्फ्यूज कर दे तो आइये पहले इसे थोड़ा आसान कर लिया जाए. एक एक्टर के रूप में मल्लिका ने 2003 में रुपहले पर्दे पर दस्तक दी कुछ ही फिल्मों को करने के बाद उन्होंने हॉलीवुड एक्टर जैकी चैन का साथ पकड़ लिया और हॉलीवुड के दरवाजे पर दस्तक दी. 

जैकी के साथ जो फिल्म मल्लिका ने की अगर उसे देखें तो वहां भी अभिनय से ज्यादा तरजीह उन्होंने कम कपड़े पहनने को दी. यानी मल्लिका यही चाहती थीं कि जो पहचान उन्हें बॉलीवुड ने दी उसी पहचान को वो हॉलीवुड में भी भुनाएं. ऐसे में सोचने वाली बात ये है कि जिस स्टारडम को लेकर मल्लिका आज है तौबा मचा रही हैं वो उनके जीवन में कभी था ही नहीं. उन्हें वही पहचान मिली जो उन्होंने खुद चाही इसलिए अब उनका रोना या पूरे बॉलीवुड को घेरना व्यर्थ है. 

इन तमाम बातों के अलावा जाते जाते हम एक बात और मल्लिका से कहना चाहेंगे. बतौर एक्टर उन्हें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि शार्ट कट की शेल लाइफ कम होती है. चाहे वो सेक्स सीन देना हो या फिर पर्दे पर कपड़े उतरना उन्होंने मल्लिका को एक फैन बेस तो दिया लेकिन वो कितने दिन तक उनके साथ था इसका जितना अंदाजा हमें हैं उससे कहीं ज्यादाइसका अंदाजा उन्हें खुद है.

आज भले ही बॉलीवुड के कंधे पर तीर रखकर मल्लिका ने चला दिया हो लेकिन वो खुद जानती हैं कि यदि उन्हें काम नहीं मिला तो इसकी जिम्मेदार न तो बॉलीवुड के अंदर की पितृसत्ता है और न ही बड़े लोगों का एटीट्यूड. मल्लिका ने जो काम पर्दे पर किया उसकी एक सीमा थी और दर्शक भी एक चीज को बार बार पर्दे पर देखकर बोर हो गए थे. 

ये भी पढ़ें -

Shamshera हिट हो या फ्लॉप यह YRF की चिंता का विषय, रणबीर तो महफ़िल लूटकर निकल गए!

जादूगर के जितेंद्र समझें 'बॉय टू द नेक्स्ट डोर' से काम नहीं चलता, एक्टिंग भी करनी पड़ती है!

2022 की OTT पर टॉप टेन फिल्मों की लिस्ट ने प्रोड्यूसर को दर्शकों की नब्ज थमा दी है! 

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय