क्या दंगल के लिए धूम मचाया, फिर बोले - ऑल इज वेल
क्या आमिर खान के बयान के पीछे कोई हिडेन एजेंडा रहा, या सिर्फ मन की बात कह दी. असहिष्णुता पर बहस में हिस्सेदारी जता दी - और फिर बोल दिया - "नहीं नहीं, हम कहीं नहीं जा रहे."
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संग्राम सिंह की राय में, "इन्क्रेडिबल इंडिया के ब्रांड अंबेसडर आमिर खान को असहिष्णुता पर बयान नहीं देना चाहिए था." वो कहते हैं, "जो पब्लिक फिगर हैं उन्हें बेकार की बातों में फंसने की बजाए देश की बेहतरी के लिए मेहनत करनी चाहिए."
कॉमनवेल्थ हैवीवेट प्रोफेशनल चैंपियनशिप विजेता संग्राम सिंह एक्टर भी हैं और कई रियल्टी शो में हिस्सा भी ले चुके हैं. आमिर खान के साथ उनका दूसरा कनेक्शन है. आमिर की आनेवाली फिल्म दंगल में संग्राम को भी एक छोटा सा रोल ऑफर किया गया था जिसमें उन्हें हारना था. संग्राम ने उस ऑफर को हंसते हंसते ठुकरा दिया, बोले, "कुश्ती में तो मैं आपसे फिल्मों में भी नहीं हार सकता."
दंगल का प्रमोशन
ट्रेलर आ चुका है. बीच बीच में शूटिंग से जुड़ी बातें भी सामने आईं. कुछ तस्वीरें और बहुत सारी बातें संजीदगी से लीक की गईं.
कंट्रोवर्सी का खूबसूरत पहलू ये है कि इससे खूब प्रचार मिलता है. मुफ्त में प्रचार का ये सर्वोत्तम नुस्खा है. आज कल तो सोशल मीडिया सहित हर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इससे ट्रेंडिंग टॉपिक में हिस्सेदारी बढ़ती है. वर्तमान के साथ साथ भविष्य के लिए भी ये अच्छा होता है.
क्या आमिर खान के बयान के पीछे कोई हिडेन एजेंडा रहा, या सिर्फ मन की बात कह दी. असहिष्णुता पर बहस में हिस्सेदारी जता दी - और फिर बोल दिया - "नहीं नहीं, हम कहीं नहीं जा रहे."
क्या आमिर का बयान उनके फिल्म प्रमोशन का हिस्सा है? हो भी सकता है, और नहीं भी. आमिर की फिल्म दंगल तो दिसंबर 2016 में रिलीज होगी. अभी ऐसी भी क्या जल्दी थी. ये तो उन्हें ही या उनकी टीम को ही मालूम होगा. वैसे भी आमिर खान अपने हर फिल्म का प्रमोशन अलग तरीके से करने के लिए जाने जाते हैं.
तो क्या असहिष्णुता पर शाहरुख खान का बयान भी फिल्म प्रमोशन का हिस्सा था. अपने बर्थ डे पर शाहरुख ने कहा था कि असहिष्णुता थोड़ी बढ़ी है. वैसे शाहरुख की फिल्म अगले साल अप्रैल में रिलीज हो रही है. हो सकता है शाहरुख ने भी आमिर स्टाइल में प्रमोशन की तैयारी की हो. 'रामजाने'. फिल्म बजरंगी भाईजान के रिलीज के वक्त सलमान खान का भी एक बयान चर्चा में रहा, "मुझे वे फिल्में कतई पसंद नहीं जिनमें पाकिस्तान को लेकर बुरा कहा जाता है."
वो भी तब जब भारतीय सेंसर बोर्ड से ज्यादा पाक सेंसर बोर्ड ने उनकी फिल्म पर कैंची चलाई थी.
बुलावा: यूपी से लेकर पाकिस्तान तक
आमिर के बयान के बाद बॉलीवुड के ही कई लोगों ने उनसे पूछा, फिर वो कौन से मुल्क जाना चाहेंगे? शिवसेना ने आमिर को पाकिस्तान चले जाने की सलाह दी. सोशल मीडिया पर तो सुझावों की भरमार ही लग गई. लोगों ने लेबनन से लेकर सीरिया तक चले जाने की सलाह दे डाली.
ऐसा शाहरुख के बयान पर ही हुआ था. मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने तो उन्हें न्योता ही दे डाला. आमिर के मामले में भी पाक अदाकारा मीरा ने इनविटेशन भेजा है.
मुलायम सिंह यादव ने आमिर की बात को सपोर्ट किया तो उनके भाई और अखिलेश सरकार में मंत्री शिवपाल यादव ने उन्हें यूपी में बसने का आमंत्रण दे दिया, अगर उन्हें कहीं और डर लगता हो.
लेकिन यादव परिवार की बहू अपर्णा यादव को ससुर की बात रास नहीं आई. इस मसले पर अपर्णा का कहना रहा, "ये साबित हो गया है कि आमिर खान सिर्फ एक्टर हैं, जो रंग दे बसंती और मंगल पांडे जैसे देशभक्तों के किरदार निभाने के बावजूद अपनी पत्नी को देश प्रेम नहीं समझा पाए. हमारी गलती है कि आपसे इतनी बड़ी अपेक्षा की."
वैसे तो आमिर ने अब कहीं भी न जाने का ऐलान कर दिया है, लेकिन वो अपने बयान पर वैसे ही कायम हैं. उनकी बात के प्रसंग में इमरान खान से तलाक ले चुकीं रेहामा खान की बात काफी मौजूं बन पड़ती है कि 'सारा पाकिस्तान उनका ससुराल नजर आता रहा' और लोग उन्हें 'नैशनल भाभी' के तौर पर ट्रीट करते रहे.
आमिर की ही फिल्म सरफरोश में उनके को-एक्टर नसीरुद्दीन शाह कहते हैं, "आज भी पाकिस्तान में हमें मुहाजिर कहा जाता है." नसीर ने फिल्म में पाकिस्तानी गजल गायक का रोल किया है.
जो भी हो, आमिर ने 'दंगल' के लिए 'धूम' मचाया और अब बोल दिया - ऑल इज वेल, तो मान ही लेते हैं. आमिर ने ही पहले भी बोला था, आमिर ने ही बाद में भी बोला है. बात तो आमिर की ही माननी ही पड़ेगी.
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