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Updated: 20 सितम्बर, 2021 04:03 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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लड़कियां (alia bhatt kanyadan video) जबसे होश संभालती हैं उनसे यही कहा जाता है कि तुम तो पराया धन हो, एक दिन तुम्हें अपने घर जाना है. तुम तो चिड़िया हो एक दिन ये आंगन छोड़कर उड़ जाओगी. तुम्हें खाना बनाना सीख लेना चाहिए वरना ससुराल वालों को क्या बनाकर खिलाओगी. लड़की जब शादी के बाद पहली बार घर आती है वह किसी चीज को छूने से भी हिचकती है जिसपर वह शादी से पहले अपना पूरा अधिकार समझती थी.

वैसे तो ये बातें सभी को पहले से पता हैं, लेकिन हाल ही में आलिया के विज्ञापन ने इसे हमारे जेहन में ताजा कर दिया. असल में आलिया एक ब्रांड के विज्ञापन में दुल्हन बनी हैं. उनकी शादी हो रही है और वे अपने घर के हर सदस्य के बारे में बता रही हैं. वे यह बताती हैं कि घर का हर सदस्य उनसे कितना प्यार करता है.

वे कहती हैं “दादी कहती है तू अपने घर चली जाएगी तो तुझे बहुत याद करूंगी, क्यों ये घर मेरा नहीं है क्या? पापा की बिगड़ैल हूं, सब कहते थे कि इतना मत बिगाड़ो, पराया धन है लेकिन पापा ने किसी की नहीं सुनी, लेकिन यह भी नहीं कहा कि ना मैं पराया हूं और ना धन. मां कहती है तेरा दाना-पानी कहीं और है. अलग हो जाना, पराया हो जाना, किसी और के हाथों सौंपा जाना...मैं कोई दान करने की चीज हूं क्या? क्यों सिर्फ कन्यादान? इस बार नया आइडिया...कन्यामान.”

इसके बाद आलिया कन्यादान पर सवाल उठा रही हैं. वे कहती हैं कि उन्हें पराया धन कहा जाता है. लड़कियां दान करने करने की चीज हैं?

दुल्हन बनी आलिया भट्ट ने ये घर मेरा नहीं है क्या दुल्हन बनी आलिया भट्ट ने ये घर मेरा नहीं है क्या?

बस ये बात लोगों को चुभ गई, उनका कहना है कि आलिया भट्ट ने हिंदू धर्म का अपमान किया है. लोगों को उनका और इस ब्रांड का बायकॉट करना चाहिए. ये ब्रांड हिंदू धर्म का अक्सर अपमान करते हैं.

एक तरफ लोग कहते हैं कि बेटा-बेटी में अंतर नहीं है. दूसरी तरफ बेटियों को पराया बोलना शुरु कर देते हैं. घर की बेटी को सभी लोग एहसास करवाते हैं कि वह पराए घर में है, उसका असली घर तो ससुराल है. यह कोई नहीं सोचता कि वह अपने इस घर से कितनी जुड़ी हुई है. बेटी से मेहमान बनने में सिर्फ शादी का अंतर होता है.

हालांकि इस वीडियो को काफी लोग पसंद भी कर रहे हैं. कई का कहना है कि सही बात है बेटियों को लोग पराया आखिर क्यों बोलते हैं? वहीं दूसरी तरफ कई का मानना है कि हलाला और ट्रिपल तालक जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ तो पर्याप्त जागरूकता फैलाई नहीं जाती लेकिन हिंदू परंपराओं के खिलाफ खूब बोला जाता है. हालांकि लोग शायद यह भूल रहे हैं कि हर धर्म की बेटियों के लिए ‘पराया धन’ शब्द का ही इस्तेमाल होता है.

इस विज्ञापन में जिस तरह होने वाली सास अपने बेटे का दान करती है, अगर ऐसी ससुराल मिल जाए तो हर बेटी का मान भी बढ़ेगा और उसे पराया-पराया एहसास भी नहीं होगा…बाकी का तो नहीं पता लेकिन यह वीडियो घर लड़की को भावुक जरूर कर सकती है...

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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