डेडिकेशन सीखना है तो आमिर से सीखिए
आम लोगों के लिए वजन घटाना पहाड़ तोड़ने जैसा है. ये चाहिए तो सबको लेकिन बगैर कष्ट किए, ऐसे लोगों के लिए आमिर खान किसी आइडल से कम नहीं हैं, साबित कर रहा है ये वीडियो.
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जरा गौर से देखिए इस तस्वीर को...ये किसी प्रोडक्ट का विज्ञापन नहीं जिससे वजन घटाया जाता है, ये तो आमिर खान के दो रूप हैं, जो आप उनकी अगली फिल्म में देख पाएंगे. फैट एंड फिट लुक..
पहले वजन बढ़ाया फिर उसे घटाया |
आमिर की फिल्म 'दंगल' जिसमें वो पहलवान महावीर सिंह की भूमिका निभा रहे हैं अब रिलीज के करीब है, प्रमोशन का समय है और इसी के चलते एक वीडियो रिलीज किया गया है, जिसके बहुत तारीफ हो रही है. आमिर खान को यूं ही मिस्टर पर्फेक्शनिस्ट नहीं कहा जाता, जिन्हें डाउट हो उन्हें ये वीडियो जरूर देखना चाहिए.
दंगल की खास बात ये है कि इसमें आमिर खान को महावीर फोगट की युवावस्था और ढ़लती उम्र दोनों को जीते हुए दिखाया गया है. जिसके लिए आमिर ने काफी मेहनत की है. हालांकि आजकल एक एक्टर के लिए वजन घटाना और बढ़ाना कोई खास बात नहीं है, ज्यादातर सभी किरदार के मुताबिक खुद को ढ़ाल लेते हैं. लेकिन 'दंगल' में कुछ खास है.
चूंकि फिल्म के 80% हिस्से में आमिर खान 52 साल के इंसान के रूप में हैं, तोंद भी निकली हुई है, तो आमिर से कहा गया कि शूटिंग यंग लुक से शुरू करेंगे, बाद में आमिर अपना वजन बढ़ा लेगें तो फिर मोटापे की शूटिंग कर ली जाएगी. लेकिन आमिर ने किया उल्टा, उन्होंने कहा पहले मैं मोटापे की शूटिंग करुंगा उसके बाद वजन घटाकर यंग लुक की.
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उन्हें बॉडी सूट पहनने का ऑप्शन भी दिया गया था, लेकिन ये ठहरे आमिर खान इन्हें बॉडी सूट में मजा कहां आएगा, परफेक्शन के लिए असली में मोटा होना ही आमिर को ठीक लगा और उन्होंने फिल्म के लिए वजन बढ़ाने का फैसला लिया.
पहले वजन बढ़ाना फिर घटाना, आखिर आमिर ने इतनी मेहनत करना क्यों चुना? इसका जवाब भी बहुत शानदार है. आमिर कहते हैं कि अगर वो पहले यंग लुक में शूटिंग करके बाद में वजन बढ़ाते तो फिल्म खत्म होने पर वो मोटे होते, और तब वजन घटाने के लिए उनके पास कोई कारण नहीं होता. लिहाजा उन्होंने कड़ी मेहनत करना चुना. उन्होंने पहले 97 किलो वजन और 37 प्रतिशत बॉडी फैट बढ़ाया और फिर पसीना बहाकर उसे घटाया भी.
आमिर के लिए बॉडी ट्रांसफॉर्म करना मानो कोई खेल है |
पिछले कई सालों से आमिर खान किरदार के मुताबिक खुद को ढ़ालते आ रहे हैं. 2008 में आई 'गज़नी' के लिए उन्होंने 8 पैक्स बनाए. लेकिन अगले ही साल '3 इडियट्स' में स्टूडेंट बनने के लिए वजन घटा लिया.
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अब अगर बॉलीवुड की दुनिया के बाहर निकलकर देखें तो आम लोगों के लिए वजन घटाना पहाड़ तोड़ने जैसा है, जो चाहिए तो सब को लेकिन बगैर कष्ट किए. लोग बिना एक्सरसाइज के पतले होने के तरीके ढ़ूंढते हैं, डायट भी स्ट्रिक्टली फॉलो नहीं कर पाते. ऐसे में आमिर खान किसी आइडल से कम नहीं हैं. किसी भी काम को परफैक्शन की हद तक करने के लिए डेडिकेशन सीखना है तो आमिर से सीखिए. क्योंकि डेडिकेशन के बिना परफेक्शन आ ही नहीं सकती. ये फिल्म जब आएगी तब आएगी लेकिन इस वीडियो ने आज बहुत से लोगों के इंस्पायर जरूर किया होगा.
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