Angrezi Medium movie review: पिता सच में भावुक होता है बच्चों के लिए कुछ भी कर जाता है!
Angrezi Medium movie review: इराफन खान (irrfan-khan) स्टारर फिल्म अंग्रेजी मीडियम (Angrezi Medium movie release) रिलीज हो गई है. बाप बेटी के रिश्ते के उतार चढ़ाव को दर्शाती एक ठीक ठीक फिल्म होने के बावजूद फिल्म को दर्शक कम मिले हैं जिसकी एक बड़ी वजह भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप भी है.
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Angrezi Medium movie review: एक के ज़माने में एक ट्रेंड हो गया है अंग्रेजी (English) बोलना और अपने बच्चे को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाना. खुद कम पढ़ा लिखा होने के बावजूद इंसान अगर बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाना चाहे तो उसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है इस बात की तस्दीख करती है निर्देशक होमी अदजानिया (Homi Adajania) की इरफ़ान खान (Irrfan Khan) स्टारर फिल्म अंग्रेजी मीडियम (Angrezi Medium). फिल्म में इरफ़ान के अलावा दीपक डोबरियाल (Deepak Dobriyal), राधिका मदान (Radhika Madan) और करीना कपूर (Kareena Kapoor) खान हैं जिन्होंने अपनी अदाकारी और टाइमिंग की बदौलत एक साधारण सी स्क्रिप्ट वाली फिल्म को बेहतरीन फिल्म बना दिया है. पिछले वीकेंड आई टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की फिल्म बागी 3 (Baaghi 3) की तरह अंग्रेजी मीडियम पर भी कोरोना वायरस (Coronavirus) का असर देखने को मिला है लेकिन जो इरफ़ान के फैन हैं वो बेकिक्र होकर बॉक्स ऑफिस का रुख कर रहे हैं. फिल्म एक कम पढ़े पिता और एक ऐसी बेटी के ख्वाबों के इर्द गिर्द घूमती है जिसे लंदन (London) जाकर पढ़ाई करने है. फिल्म में इमोशन और कॉमेडी के जरिये एक पिता और एक बेटी के बीच की ट्यूनिंग को दिखाया गया है. फिल्म के संवाद ऐसे हैं जो न सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन करेंगे बल्कि जब वो थियेटर से बाहर निकलेंगे तो अपने साथ कई सवालों और उनके जवाबों को भी वो घर लाएंगे.
बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए पिता की चुनौतियों को बताती है अंग्रेजी मीडियम
फिल्म के डायलॉग कितने प्रभावी है इसे हम फिल्म के एक सीन से समझ सकते हैं. सीन में इरफ़ान की बेटी अपने पिता से कहती है कि- पापा, आपको नॉक (knock) करके मेरे घर आना चाहिए था. थोड़ी हैरानगी और दुख के साथ लौटते पिता ने कहा- तारू, तू कभी भी घर आ सकती है, बिना नॉक किए, तेरे लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले मिलेंगे.
इस डायलॉग को जिस खूबसूरती और सादगी के साथ इरफ़ान ने बोला है वो उस बाप की मज़बूरी बता देता है जो नई पीढ़ी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना तो चाहता है मगर से समय पर जिसका रास्ता भाषा ने रोका है. फिल्म में जब एक पिता के तौर पर इरफ़ान को अपनी बेटी के द्वारा देखे गए ख्याब की गंभीरता का अंदाजा होता है वो उसे पूरा करने के लिए सारी हदें लांघ देता है. कह सकते हैं कि एक पिता के निष्काम प्यार और बेटी की जिद का ही नाम 'अंग्रेजी मीडियम' है.
पिता और बेटी के बीच की नोक झोंक बताती फिल्म की कहानी
फिल्म के लिए निर्देशक होमी अदजानिया ने फिल्म को आम आदमी की फिल्म दर्शाने के लिए उदयपुर का चयन किया है जहां पक बंसल (इरफान) चर्चित मिठाई दुकान 'घसीटाराम' के मालिक हैं. शादी के कुछ समय बाद ही चम्पक की पत्नी का देहांत हो जाता है और वो अपनी बेटी तारिका (राधिका मदान) और भाई भाई गोपी (दीपक डोबरियाल) के साथ रहते हैं जिनसे अक्सर ही उनकी किसी न किसी बात को लेकर बहस होतिओ है.
उदयपुर जैसी साधारण सी जगह पर रहने वाली तारिका अपनी पढ़ाई विदेश में रहकर पूरी करना चाहती है और इसका जिक्र अपने पिता से करती है. शुरू शुरू में पिता बने चंपक यानी इराफन खान इसे इग्नोर करते हैं मगर जब उन्हें ये महसूस होता है कि अपने सपने के तारिका बहुत गंभीर है तो वो भी उसे पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाते हैं.फिल्म की शुरुआत में ही इस बात का जिक्र है कि 'पिता वो पिता वो मूर्ख है जो बालक प्रेम में सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार रहता है'..
चपंक का हाल भी कुछ कुछ ऐसा ही है उन्हें दुनिया में किसी और चीज के मुकाबले अपनी बेटी की खुशियां बहुत प्यारी हैं और उसके लिए वो हर कीमत चुकाने को तैयार हैं. फिल्म में कई सीन ऐसे हैं जो दर्शकों को गुदगुदाएंगे तो वहीं ऐसे भी दृश्य हैं जिन्हें देखकर दर्शकों की आंखें नाम हो जाएंगी.
कैसी है फिल्म के कलाकारों की एक्टिंग
जैसा कि हम बहुत पहले ही बता चुके हैं फिल्म की स्क्रिप्ट एक बेहद साधारण सी स्क्रिप्ट है मगर जिसे खास बनाया गया है एक्टिंग से. बात अगर एक्टिंग की हो फिल्म अंग्रेजी मीडियम की रीढ़ इराफन हैं वहीं दीपक डोबरियाल भी किसी मजबूत स्तम्भ की तरह फिल्म को संभालते हुए नजर आए हैं. फिल्म के कई फ्रेम ऐसे हैं जिनको अगर देखें तो मिलता है कि इरफान बिलकुल हमारे आपके पिता जैसे हैं जो यूं तो जिद्दी हैं लेकिन जब बात बच्चों की ख़ुशी की आती है तो वो झट से पिगल जाते हैं.
इराफन के बाद दीपक की इस फिल्म में एक अहम भूमिका है. दीपक थियेटर से आए हैं तो इस बात से वाकिफ है कि किसी सीन में टाइमिंग का क्या महत्त्व है और कैसे टाइमिंग से खेलते हुए साधारण से सीन को खास बनाया जा सकता है. फिल्म में इराफन के बाद दीपक ने भी अपना 100 परसेंट दिया है.
एक टीनएजर के किरदार में राधिका मदान ने भी कमाल का अभिनय किया है. फिल्म में कीकू शारदा, रणवीर शौरी, करीना कपूर खान, डिंपल कपाड़िया, पंकज त्रिपाठी, तिलोत्तमा शोम जैसे लोग भी हैं जिसने और ज्यादा काम लिया जा सकता था.
फिल्म के निर्देशक, स्क्रिप्ट राइटर और टेक्नीकल पक्ष को सलामी
अगर इस फिल्म के लिए इराफन और दीपक की तारीफ हो रही है तो हमें निर्देशक होमी अदजानिया की शान में भी कसीदे पढ़ने चाहिए. होमी इससे पहले 'हिंदी मीडियम' बना चुके थे जो अपने आप में कमाल की फिल्म ही इसलिए जब फिल्म के सीक्वल की घोषणा हुई उनके ऊपर जिम्मेदारी बढ़ गई थी जिसे उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ निभाया.
पिता बेटी के एक संवेदनशील रिश्ते को जैसे उन्होंने परदे पर बुना है वो लाजवाब और इमोशनल करने वाला है. अपनी इस फिल्म के जरिये होमी अदजानिया ने जैसे अन्य कलाकारों से काम लिया है वो भी कहीं न कहीं उनकी काबिलियत दर्शाता नजर आता है.
हम बार बार इस बात को कह रहे हैं कि ये एक साधारण मगर मजबूत स्क्रिप्ट थी जिसके लिए फिल्म के स्क्रिप्ट राइटर कई मायनों में बधाई के पात्र हैं. फिल्म का टेक्निकल पक्ष भी फिल्म का जरूरी हिस्सा है. फिल्म की एडिटिंग थोड़ी कमजोर है जबकि फिल्म के सिनेमेटोग्राफर ने अपना काम मजबूती से किया है और फिल्म में कई मौके ऐसे आए हैं जिनमें सिर्फ शॉट के जरिये बड़ी बात कह दी है.
फिल्म को सोशल मीडिया पर भी खूब सराहा जा रहा है और जिस हिसाब से इसे प्रतिक्रिया मिली है कहा जा सकता है कि अगर कोरोना का प्रकोप न होता तो ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई करती.
#AngreziMedium releases today as scheduled! #AngreziMedium opens exceptionally in Dubai!
The movie is released as scheduled across India except for - Kerala, Delhi and Jammu
The movie has been appreciated by the critics and is sure to fill your hearts with love and laughter!
— Ramesh Bala (@rameshlaus) March 13, 2020
क्रिटिक्स की फिल्म को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया आ रही है. तरण आदर्श ने फिल्म को 2 स्टार दिए हैं लेकिन इन्होंने इरफ़ान और दीपक की जमकर तारीफ की है.
#OneWordReview...#AngreziMedium: MEDIOCRE.Rating: ⭐️⭐️Pales when compared to its predecessor #HindiMedium... Appeals in parts, not in totality... Writing of convenience... #Irrfan and #DeepakDobriyal superb. #RadhikaMadan decent. #Kareena, #Dimple wasted. #AngreziMediumReview pic.twitter.com/zDgFWRdL5J
— taran adarsh (@taran_adarsh) March 13, 2020
भले ही फिल्म में इरफान और दीपक हो मगर क्योंकि फिल्म की कहानी कमजोर थी इसलिए ये दर्शकों और क्रिटिक्स को रिझाने में नाकाम हुई है.
Wont say much,neither I want to exaggerate things because I really admire @irrfank, all I can say that #AngreziMedium is a weak film, director miserably failed to utilise great actors, not even 20% as compared to #HindiMedium,feeling bad for Irrfan bhai 2*/5 #AngreziMediumReview
— Rohitt Jaiswal (@rohitjswl01) March 13, 2020
फिल्म के लिए अच्छी बात ये है कि जो इरफ़ान के फैंस थे उन्होंने फिल्म को सराहा है और फिल्म देखने के लिए बॉक्स ऑफिस का रुख किया है.
Taking all factors into account, #AngreziMedium has taken a good start at the box-office. Headed for a 4 crore day, given the trend.
PS: Dynamic market scenario, very difficult to guage the exact performance, as some markets are just not there!
— Himesh (@HimeshMankad) March 13, 2020
फिल्म बॉक्सऑफिस के लिए अच्छी रहती है या बुरी इसका पता हमें आने वाले हफ़्तों में लग जाएगा लेकिन ये फिल्म उन्हें ज़रूर देखनी चाहिए जो इरफ़ान के फैन हों और इरफ़ान की ही जुबानी पिता और बेटी के बीच की ट्यूनिंग को समझना चाहते हैं.
बाकी एक ऐसे वक़्त में जब पूरे भारत में कोरोना वायरस को लेकर गफलत की स्थिति बनी हो इस फिल्म का आना थोडा दुखी करता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ज्यादातर सिनेमघर बंद हैं और जब तक सिनेमघर खुलेंगे कोई दूसरी फिल्म आ जाएगी और ये फिल्म वक़्त की भेंट चढ़ जाएगी.
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