Coronavirus controversy: अनुभव सिन्हा समेत 5 मशहूर डायरेक्टरों की फिल्मी समीक्षा
इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी कोरोना वायरस महामारी पर अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha), हंसल मेहता (Hansal Mehta), सुधीर मिश्रा (Sudhir Mishra), केतन मेहता (Ketan Mehta) और सुभाष कपूर(Subhash Kapoor) के साथ मिलकर फ़िल्म (Film On Coronavirus Pandemic) बनाने जा रहे हैं, जो कि पांच कहानियों का संकलन है.
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कोविड 19 या कोरोना वायरस संक्रमण एक ऐसी त्रासदी है, जिसने दुनिया ही बदल दी और इस संकट से करोड़ों-अरबों की जिंदगी बदल गई. बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक अनुभव सिन्हा अब इसपर फ़िल्म बनाने जा रहे हैं, जिनमें उनका साथ देंगे हंसल मेहता, केतन मेहता, सुधीर मिश्रा और सुभाष कपूर. ये पांचों डायरेक्टर अपनी-अपनी कहानी लोगों के सामने पेश करेंगे, जिसमें कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की कहानी के साथ ही कोविड संकट के कारण बदलते भारत और लोगों के हालात की दर्द भरी दास्तां दिखेगी. अनुभव सिन्हा के प्रोडक्शन हाउस बनारस मीडियावर्क्स के बैनर तले यह फ़िल्म बनेगी, जिसमें पांचों डायरेक्टर अगल-अलग तरीके से कोरोना संकट और इससे प्रभावित लोगों की कहानी दिखाएंगे.
साल 2019 के आखिरी महीनों में चीन के वुहान प्रांत स्थित एक लैब से कोरोना वायरस निकलता है और फिर धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फैल जाता है. करोड़ों लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं और यह घातक वायरस लाखों लोगों की ज़िंदगी निगल जाता है. एक वायरस के कारण पूरी दुनिया ठप पड़ जाती है और लोग ज़िंदगी बचाने की जद्दोजहद में घरों में दुबक जाते हैं. भारत जैसे देश में तो इस वायरस का इतना घातक प्रभाव देखने को मिलता है कि पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया जाता है और रेल, बस समेत यातायात के तमाम साधनों के साथ ही फैक्टरी, कंपनी, ऑफिस, मॉल, बाजार, सिनेमाघर से लेकर चौक-नुक्कड़ पर छोटे ठेले तक लगने बंद हो जाते हैं. कोरोना संक्रमण ना बढ़े, इसके लिए तमाम उपाय किए जाते हैं, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है, देश का हर कोना, कस्बा, गांव धीरे-धीरे कोरोना की चपेट में आने लगता है और फिर हॉस्पिटल में भीड़ और श्मशानों में बच्चे, बुर्जुग, युवा, महिलाओं की लाश के सामने मातम मनाने वालों की संख्या बढ़ती जाती है. यह है कोरोना संकट, जिसे सदियों तक लोग भूल नहीं पाएंगे.
कोरोना संकट का डरावना सच
भारत में कोरोना संकट की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हो गए. हजारों मौतें हो चुकी हैं और हर दिन हजारों लोग इस घातक वायरस के संक्रमित हो रहे हैं. अर्थव्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है, जिसे दोबारा पटरी पर लाने की पूरी कोशिशें हो रही हैं. लोग अपने जरूरत की चीजें खरीदने के लिए भी डरे-सहमे घरों से निकलते हैं. चेहरे पर मास्क और हाथों में सैनिटाइजर रखने की आदत सांस लेने जैसे हो चुकी है और महानगरों से पलायन कर चुके लाखों लोगों के लिए यह कोरोना संकट किसी बुरे ख्वाब की तरह है, जिससे वे उबर नहीं पा रहे हैं. इसी त्रासदी को बड़े पर्दे पर दिखाने का बीड़ा बॉलीवुड के 5 बड़े डायरेक्टर्स ने उठाया है, जो बीते मार्च से लेकर अब तक और भविष्य में भी कोरोना वायरस के दिखने वाले प्रभाव को फ़िल्म की शक्ल में लोगों के सामने पेश करेंगे. मुल्क, आर्टिकल 15 और थप्पड़ जैसी फ़िल्में बना चुके अनुभव सिन्हा हंसल मेहता, सुधीर मिश्रा, केतन मेहता और सुभाष कपूर के साथ यह फ़िल्म बनाने जा रहे हैं, जिसमें भारत में कोविड 19 के प्रसार और लोगों की जिंदगी पर इसके असर की सच्ची कहानी दिखेगी.
बड़े पर्दे पर हकीकत दिखाने वाले महारथी हैं ये लोग
अनुभव सिन्हा ने कोरोना संकट को लेकर अपनी फिल्म की घोषणा करते हुए कहा कि मैं और फिल्म इंडस्ट्री के मेरे 4 और दोस्त, जिनमें हंसल मेहता, केतन मेहता, सुधीर मिश्रा और सुभाष कपूर हैं, कोरोना वायरस महामारी पर फिल्म बनाने जा रहे हैं, जिसमें बीते फरवरी-मार्च के बाद किस तरह भारत में लोगों की ज़िंदगी बदली और उन्हें किन मुसीबतों का सामना करना पड़ा, इन सारी बातों को राजनीति, सामाजिक और आर्थिक परिपेक्ष्य में 5 कहानियों की शक्ल में लोगों के सामने पेश करेंगे. अनुभव सिन्हा ने बताया कि हंसल मेहता ने कोरोन संकट पर जो कहानी लिखी है, वह कॉमिक और ट्रैजिक है, वहीं सुधीर भाई और सुभाष कपूर की कहानी का एंगल पॉलिटिकल और कुछ अलग तरह का है. केतन मेहता कोरोना संकटकाल में लोगों को हुई दुनियाभर की परेशानी के बारे में लिख रहे हैं और मैं ऐसी कहानी लिखने की कोशिश में हूं, जिसमें लोगों का डर दिखे कि किस तरह लॉकडाउन होने के बाद वह हजारों किलोमीटर की यात्रा पैदल चलने के लिए विवश हो गए या कैसे गलियां और सड़कों से लेकर पूरा बाजार सूना पड़ गया, सबकुठ ठप हो गया. अनुभव अपने चार दोस्तों के साथ 21वीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदी कोरोना महामारी में लोगों की मरती-जीती जिंदगी की हकीकत दुनिया के सामने लाने की कोशिश में हैं, जो कि बेहद डरावना है.
Taking his friendship with his filmmaker friends to the next level, @anubhavsinha joins hands with @mehtahansal , @subkapoor #ketanmehta & @IAmSudhirMishra to announce his next – an anthology based on stories and experiences from the pandemic. Produced by @BenarasM pic.twitter.com/QFneJtAtNp
— Komal Nahta (@KomalNahta) July 26, 2020
भूले तो नहीं अप्रैल-मई का महीना?
भूले तो नहीं वो मंजर, जब अप्रैल-मई की गर्मी में हजारों-लाखों लोग आंखों में आंसू और बेबसी, होठों पर प्यास और भूख के साथ ही सीने में दम भरती उम्मीद के साथ पत्नी और बच्चों को लेकर सैकड़ों कोस सफर पर निकल पड़े थे. सैकड़ों लोग सुकून की तलाश में गांव पहुंचने की खातिर रास्ते में दम तोड़ बैठे. बच्चों के पांव में छाले और मां के सीने से चिपके बच्चों का दर्द देख दुनिया रो रही थी.दिल्ली-मुंबई समेत ढेरों महानगरों को बसाने वाले लाखों मजदूर अचानक काम ठप पड़ जाने से बेरोजगार हो गए और उनके पास आखिरी रास्ता यही बचा कि किसी तरह गांव पहुंच जाएं. मजबूरी में लोग पैदल ही हजारों किलोमीटर के सफर पर निकल पड़े. पता नहीं, वह मंजिल पा सके या रास्ते में ही उनकी हिम्मत जवाब दे गई. इन मंजर को बड़े पर्दे पर देख हम फिर रोएंगे और भगवान को याद करेंगे कि क्या इसी दिन के लिए आपकी रहमत बची थी. कोरोना संकट काल में लॉकडाउन ने लोगों को घर में रहने पर मजबूर कर दिया था और अब अनलॉक की प्रक्रिया में भी जिंदगी फिर से ढर्रे पर नहीं आ सकी है. बस उम्मीद है कि ये संकट किसी दिन टल जाएगा और लोग बेखौफ होकर एक-दूसरे से मिल सकेंगे और बाहर जा सकेंगे.
अगले साल रिलीज होगी फ़िल्म
अनुभव सिन्हा ने बॉलीवुड के 4 खास दोस्तों और निर्देशकों के साथ कोरोना वायरस की इसी त्रासदी को दिखाने का बीड़ा उठाया है और माना जा रहा है कि उनकी फिल्म में सही तरीके से कोरोना संकट के दर्द की झलक दिखेगी. अनुभव ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान हमने बहुत कुछ खोया, हमने इरफान को खोया और उसके जनाजे में भी नहीं जा सके. सुधीर भाई के ड्राइवर को कोरोना हो गया और उसे हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहा था. सुधीर भाई के पिता भी इसी दौरान गुजर गए. ऐसे में हमने सोचा कि क्यों न इन घटनाओं के बारे में लिखा जाए कि कोरोना संकट काल में लोगों को कितनी दिक्कतें आईं. अनुभव सिन्हा की इस फ़िल्म के बारे में डिटेल जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है और माना जा रहा है कि इसके लिए स्टारकास्ट भी जल्द फाइनल कर लिए जाएंगे और जल्द ही इसकी शूटिंग भी शुरू हो सकती है. अनुभव सिन्हा, हंसल मेहता, केतन मेहता, सुधीर मिश्रा और सुभाष कपूर की यह एंथोलॉजी फ़िल्म अगले साल रिलीज होगी. उल्लेखनीय है कि आने वाले समय में कोरोना त्रासदी पर ढेरों फ़िल्में और डॉक्यूमेंट्रीज रिलीज होने वाली हैं, जिसे देखने के लिए दुनिया पलकें बिछाए बैठी है.
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