ऐसी बातें जो बनाती हैं, 90 वें ऑस्कर नॉमिनेशन को बेहद खास
किसी भी निर्देशक से लेकर अभिनेता और अभिनेत्री तक सबका सपना अपने जीवन में एक बार ऑस्कर की रेड कार्पेट पर चलना होता है. तो इस बार ऐसा क्या है जो इस फंक्शन को खास बनाता नजर आ रहा है.
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ऑस्कर की रेड कार्पेट पर इस बार का माहौल थोड़ा अलग है. चुनी गयी 9 बेस्ट फिल्मों में रोमांस, युद्ध, कॉमेडी, हिस्टोरिकल आस्पेक्ट्स, फैन्टेसी, और क्राइम जॉनर की ही अधिकता है. हालांकि विदेशी भाषा के लिए चुनी गयी फिल्मों में पिछले वर्ष की तरह ही फिल्म के चुनाव में सतर्कता बरती गयी है. ए फैन्टास्टिक विमेन, द इन्सल्ट, लवलेस, ऑन बॉडी एंड सोल, द स्कायर जैसी फिल्मों का इस श्रेणी में चुना जाना एक बार फिर ऑस्कर को और अधिक प्रभावशाली बनाता है. लेकिन ऑस्कर की बेस्ट फिल्म की लड़ाई में वार आधारित सिनेमा और फैन्टेसी ड्रामा की बीच कांटे की टक्कर है.
एक ओर जहां द शेप ऑफ वाटर 13 नॉमिनेशन (बेस्ट फिल्म, मुख्य अभिनेत्री, सहयोगी अभिनेता,सहयोगी अभिनेत्री, निर्देशक, स्क्रीन प्ले, सिनेमेटोग्राफी, कास्ट्यूम,ओरिजिनल स्कोर,एडिटिंग, साउंड एडिटिंग, साउंड मिक्सिंग, प्रॉडक्शन डिजाइन ) प्राप्त कर चुकी है, वहीं यूके, यूएस, फ्रांस, नीदरलैंड में रिलीज हो चुकी फिल्म डनकिर्क ने 8 नॉमिनेशन पाएं हैं, जिनमें (बेस्ट फिल्म, निर्देशक, सिनेमेटोग्राफी, एडिटिंग, साउंड एडिटिंग, एडोप्टेड स्क्रीन प्ले, ओरिजिनल स्कोर, प्रॉडक्शन डिजाइन ) प्रमुख हैं. दोनों ही फिल्मों में बेस्ट फिल्म के साथ इन सभी वर्गों में भी कांटे की टक्कर बनी रहेगी.
ऐसी कई वजहें हैं जिसके कारण इस बार का ऑस्कर दिलचस्प होने वाला है
फैसला अब ऑस्कर के ज्यूरी मेंबर्स के हाथ में हैं कि वे किस को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं. अनुमानित तौर पर इतना तो कहा जा सकता हैं की 13 वर्गो में नॉमिनेट हुई द शेप ऑफ वाटर को 2018 का ऑस्कर मिलने की संभावनाएं ज्यादा हैं, चूंकि नॉमिनेशन ज्यूरी ने इसे हर वर्ग में नॉमिनेट कर फिल्म के हर आस्पेक्ट पर अपनी राय पहले ही जाहिर कर दी है. पिछले वर्ष भी मून लाइट और लाला लैंड ने अपनी टक्कर सभी वर्गो पर बरकरार रही थी. लेकिन विषय की संवेदनशीलता और पूरी दुनिया में फिल्म विधा की गैरबराबरी को देखते हुए मूनलाइट का ऑस्कर जीतना सुखद रहा. इससे सकारात्मक संदेश पूरी दुनिया में गया.
भारत में भी पिछले वर्ष के ऑस्कर नतीजों का असर दिखना चाहिए था लेकिन जैसे ही भारतीय सिनेमा में बढ़ते परिवारवाद, जातिवाद, शोषण की बात होने लगती हैं तो एक खेमा इस बहस को किसी न किसी तरह शांत ही करा देने में आतुर दिखता है. सवाल करने वाली भारतीय फिल्मों से जुड़े लोगों का अपने अपने क्षेत्रों में ही शोषण होने लगता है. उन्हे काम के अवसर मिलने कम हो जाते हैं.
90 वें ऑस्कर नॉमिनेशन की सूची को देखते हुए यह तो कहा जा सकता हैं कि विदेशी भाषा की फिल्मों ने भले ही गंभीर सामाजिक विषयों के बल पर अपने आपको इस श्रेणी में शामिल करवाया है, लेकिन अमेरिकी और ब्रिटिश फिल्मों के नॉमिनेटेड जॉनर वाली फिल्में इतनी संवेदनशील नहीं जितनी पिछले वर्षों में थे. ऑस्कर के नतीजे 4 मार्च 2018 को घोषित होंगे.
ऑस्कर परे मत है कि ये उन्हीं फिल्मों को मिलता हैं जिनमें कुछ अलग हो
लेकिन यहां देखने वाला मामला यह होगा कि ऑस्कर की बेस्ट फिल्म के अलावा ऑस्कर ज्यूरी किस विदेशी भाषा के सिनेमा को सर्वश्रेष्ठ घोषित करेगी. पिछले वर्ष की तरह संवेदनशील सिनेमा बनाने वाला ईरान तो इस सूची में शामिल नहीं है लेकिन चिली, लेबनान, रूस, हंग्री और स्वीडेन की नॉमिनेट हुई फिल्म पर सबकी निगाहें जरूर टिकी होंगी. क्योंकि इनमे से ए फैन्टास्टिक वीमेन, लव लेस, और द इंसल्ट की थीम में काफी प्रचुरता हैं. ऑस्कर ज्यूरी द्वारा चुनी गयी सभी विदेशी भाषा की फिल्में अपने आप में बड़े मुद्दों को उठाते हुई दिखती हैं.
दुनिया भर के कई समारोहों में पुरस्कृत हुई ये फिल्में ऑस्कर का तमगा लगवा कर ही श्रेष्ठता का बोध हासिल करेंगी. लेकिन पूरे परिदृश्य में भारत और उसका सिनेमा कहीं नहीं है हमें यह भी सोचने की जरूरत है. न्यूटन का इन फिल्मों के सामने टिक पाना काफी मुश्किल था. क्योंकि द स्क्वायर ने इस साल के कांन्स फिल्म समारोह में पाम द ओर और दूसरी ओर लवलेस को उसी समारोह में जूरी का अवॉर्ड दिया गया था.
ऐसे में न्यूटन का उनके सामने बौना साबित होना लाज़मी था. जियो, लक्स, स्टार, आदि फिल्म अवार्ड की तरह आसान सा फिक्स्ड गेम यहां चलता होता तो हमारे पास भी ऑस्कर जरूर होता. फिलहाल हमें ऑस्कर नहीं ऑस्कर परिणामों से सीख लेने की जरूरत है. गौरतलब है कि ऑस्कर की विदेशी भाषा की कैटेगरी में 'न्यूटन' से पहले अपुर संसार (1959), गाइड (1965), सारांश (1984), नायकन (1987), परिंदा (1989), अंजलि (1990), हे राम (2000), देवदास (2002), हरिचन्द्र फैक्ट्री (2008), बर्फी (2012) और कोर्ट (2015) नामांकित हुई थी. लेकिन केवल तीन भारतीय फ़िल्में ही फाइनल लिस्ट तक पहुंच सकी. जिनमें महबूब खान की मदर इंडिया (1957), मीरा नायर की सलाम बॉम्बे (1988) और आशुतोष गोवारिकर की लगान (2001) प्रमुख हैं.
कहा जा सकता है कि ऑस्कर किसी निर्देशक के मान और प्रतिष्ठा को प्रभावित करता है
बात वर्ष 2018 के ऑस्कर नॉमिनेशन की करें तो पूरी सूची देखने पर ही इस बार की संभावनाओं पर बात की जा सकती हैं. आइये ऑस्कर अवार्ड 2018 की सूची में अधिक से अधिक वर्गों में नॉमिनेट होने वाली फिल्मों पर एक नज़र डालते हैं.
1. द शेप ऑफ वाटर - 13 नॉमिनेशन
2. डनकिर्क - 8 नॉमिनेशन
3. थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड्स एबिंग, मिसौरी - 7 नॉमिनेशन
4. डार्केस्ट आवर - 6 नॉमिनेशन
5. फैन्टम थ्रीड - 6 नॉमिनेशन
6. ब्लेड रनर 2049 - 5 नॉमिनेशन
7. लेडी बर्ड्स - 5 नॉमिनेशन
8. कॉल मी बाय योअर नेम - 4 नॉमिनेशन
9. गेट आउट - 4 नॉमिनेशन
10. स्टार्स वार्स: द लास्ट जेदी - 4 नॉमिनेशन
11. मडबाउंड - 4 नॉमिनेशन
बात अगर कैटेगरी के अनुसार हो तो हमें उस लिस्ट को भी समझना होगा जो इस बार के ऑस्कर को खास बना रही है और ये बता रही है कि क्यों ऑस्कर हमेशा से ही फिल्म जगत में किसी भी अभिनेता या निर्देशक के लिए एक बड़ा सपना रहा है.
बेस्ट फ़िल्म
1- कॉल मी बाय योर नेम, निर्देशक-लुका गडाग्निनो, इटैलियन, इंग्लिश, फ्रेंच फ़िल्म
2- डार्केस्ट आवर, निर्देशक - जो राइट, ब्रिटिश फ़िल्म
3- डनकिर्क निर्देशक - क्रिस्टोफर नोलन,यूके, यूएस
4- गेट आउट,निर्देशक - जॉर्डन हावर्थ पीले, अमेरिकन फ़िल्म
5- लेडी बर्ड, निर्देशक - ग्रेटा गेरविग अमेरिकन फ़िल्म
6- फैन्टम थ्रीड, निर्देशक - पॉल थॉमस एंडरसन, अमेरिकन फ़िल्म
7- द पोस्ट,निर्देशक - स्टीवेन स्पेलबर्ग, अमेरिकन फ़िल्म
8- द शेप ऑफ वाटर, निर्देशक - गिलर्मो डेल टोरो,अमेरिकन फ़िल्म
9- थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड्स एबिंग मिसौरी निर्देशक मार्टिन मैकडोनाघ
मुख्य अभिनेता
1- टीमोथी चलैमेट, कॉल मी बाय योर नेम
2- डैनियल डे-लुईस, फैन्टम थ्रीड,
3- डैनियल कालुया गेट आउट
4- गैरी ओल्डमैन, डार्केस्ट आवर
5- डेंज़ल वाशिंगटन, Roman J. Israel, Esq
मुख्य अभिनेत्री
1- सैली हॉकिंस, द शेप ऑफ वाटर
2- फ़्रांसस मैकडोमांड, थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड्स एबिंग मिसौरी
3- मार्गो रॉबी, आई टोन्या
4- साईरसे रोनन, लेडी बर्ड
5- मेरिल स्ट्रीप, "द पोस्ट"
सहयोगी अभिनेता
1- विलियम डैफो, "द फ्लॉरिडाप्रोजेक्ट"
2- वुडी हार्लसन, "थ्री बिलबोर्ड आउट एबिंग, मिसौरी"
3- रिचर्ड जेनकींस, "द शेप ऑफ वाटर"
4- क्रिस्टोफर प्लमर, "आल द मनी इन द वर्ल्ड"
5- सैम रॉकवेल, थ्री बिलबोर्ड आउट एबिंग, मिसौरी"
सहायक अभिनेत्री
1- मैरी जे ब्लगे, मुदबाउंड
2- एलीसन जैनी, आई टोन्या
3- लेस्ली मैनविले, फैन्टम थ्रीड
4- लॉरी मेटकाफ, लेडी बर्ड
5- ऑक्टेविया स्पेन्सर, द शेप ऑफ वाटर
निर्देशक
1- डनकिर्क-क्रिस्टोफर नोलन
2- गेट आउट-जॉर्डन पीले
3- लेडी बर्ड्स-ग्रेटा ग्रेविंग
4- फैन्टम थ्रीड- पॉल थॉमस एंडरसन
5- द शेप ऑफ वाटर -गिलर्मो डेल टोरो,अमेरिकन फ़िल्म
एडोप्टेड स्क्रीन प्ले
1- कॉल मी बाय योर नेम-जेम्स आइवरी
2- द डिजास्टर-आर्टिस्ट स्कॉट न्यूसटेड्तर और माइकल एच वेबर
3- लोगन-स्कॉट फ्रैंक एंड जेम्स मैंगोल्ड और माइकल ग्रीन
4- मोलीज़ गेम- हारून सोर्किन
5- "मडबाउंड," वर्जिल विलियम्स और डी रीस
ओरिजनल स्क्रीन प्ले
1- "द बिग बीक- एमिली वी. गॉर्डन और कुमेले नानजियानी
2- गेट आउट- जॉर्डन पीले
3- "लेडी बर्ड- ग्रेटा गेरविग
4- द शेप ऑफ वाटर-गिलर्मो डेल टोरो, वैनेसा टेलर
5- थ्री बिलबोर्ड्स आउटसाइड्स एबिंग मिसौरी -मार्टिन मैकडोनाग
सिनेमेटोग्राफी
1- ब्लेड रनर 2049- रोजर डेकिंस
2- डार्केस्ट आवर ब्रुनो डेल्बोनेल
3- डनकिर्क -होयेट वैन होयटेमा
4- मडबाउंड,- राहेल मॉरिसन
5- द शेप ऑफ वाटर-डान लास्टेन
बेस्ट फॉरेन लैंगवेज़ फ़िल्म
1- ए फैन्टास्टिक विमेन (चिली)
2- द इन्सल्ट (लेबनान)
3- लवलेस (रूस)
4- ऑन बॉडी अँड सोल (हंग्री)
5- द स्कायर (स्वीडन)
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